माँ ने कहा शर्म छोड़ो और मेरी चुदाई करो

माँ ने कहा शर्म छोड़ो और मेरी चुदाई करो

हेलो दोस्त मेरा नाम रवि है मैं डेल्ही में रहता हु, मैं अभी ग्रेजुएशन कर रहा है और २१ साल का हु, मैं काफी शर्मीला स्वभाव का लड़का हु इसलिए मेरा कोई दोस्त नहीं है, घर में मैं सिर्फ अकेला लाडला बेटा हु पापा दुबई में कंस्ट्रक्शन कंपनी में काम करते है, मैं माँ के साथ रहता हु दिल्ली में मेरा अपना मकान है हौज़ खास में, किसी चीज़ की कमी नहीं नहीं ना तो मेरा परिवार कोई कमी रखता है मेरे लिया.

माँ मेरी ४० साल की मस्त औरत है, लम्बी और गोरी है बहुत ही हॉट लगाती है पापा साल में एक बार आते है, तो एक दिन सोच रहा था की माँ क्या करती होगी क्या उनको चुदने का मन नहीं करता होगा, ये सब सोच कर लगता था की माँ का तो उम्र निकल रहा है अभी तो उनकी जवानी है बाद में अगर बूढी हो जाएगी तो क्या फयदा सच मानिये तो मैं सोचता था की माँ का अगर पापा के अलावा कोई और भी इंसान से अगर वो सेक्स रिश्ता बनाती है तो मुझे कोई आपत्ती नहीं होगा.

पर ये मैं थोड़ी ना कहता माँ से, फिर धिरे धीरे मुझे माँ ने इंटरेस्ट होने लगा क्यों की कभी कभी उनको नंगे देखा था मैंने जब वो कपडे चेंज कर रही थी, सबसे ज्यादा सेक्सी तो तब लगती थी जब वो ब्रा पहनती थी क्यों की ऐसा लगता था की दो घोड़ो को लगाम लगा रही है, मस्त लगता था वो मंजर, उनका हिप और उनका नाभि काफी सेक्सी था, मैं अब उनको हमेशा बात बात पे गले लगाने लगा और वो कहती थी मेरा बच्चा और वो भी मुझे गले लगा लेती थी, उनके मन में जो हो या ना हो पर मेरे मन में उनको गले लगाने का मकसद कुछ और भी होता था उनकी टाइट चुचिया जब मेरे सीने से लगता था मेरा लंड खड़ा हो जाता और बाद में मैं बाथरूम में जाके हस्थमैथुन कर के वीर्य को निकाल देता.

एक दिन की बात है हम दोनों साथ में बैडरूम में ही टीवी देख रहे थे सलमान खान का टाइगर मूवी आ रहा था, मैं अपने कमरे में सोता था और माँ बैडरूम में सोती थी, उस दिन मेरी नींद लग गयी मूवी देखते देखते, फिर माँ ने मुझे नहीं जगाया और वो भी उसी बेड पे सो गयी, रात को मैंने नींद में माँ का दूध पिने लगा और उनकी चुचिया दबाने लगा, मुझे कुछ भी नहीं पता था ये सब नींद में हो रहा था, तभी मेरा नींद खुल गया मैंने देखा की माँ मेरा हाथ पकड़ के अपने चुत सहलवा रही था उनका चुत पानी पानी हो रहा था और उनके नाईटी का हुक खुला हुआ था और दोनों चुचिया बहार था, और माँ इस्स्स्सस इस्स्स्सस कर रही थी, मैं अचानक ही उठकर बैठ गया और मुझे अपने गलतियों का एहसास हुआ, मैंने कहा सॉरी माँ मुझे माफ़ करना ये सब नींद में हो गया.

माँ मुझे देख कर मुस्कुराई और बोली कोई बात नहीं तुम जवान हो गया है इसमें तुम्हारा कोई दोष नहीं, दोष तो मेरा है की मैं तो जगी हुई थी, और तुमने जब छूना शुरू किया तो मैं ये करने से तुमको रोक नहीं पाई और मैं तुमसे सहलवाने लगी. दोषी तो मैं हु, लेकिन मेरा कोई दोष नहीं, मैं बिना सेक्स के कैसे रहती हु मुझे पता है जवानी के दिनों में भी पति का प्यार नहीं मिल रहा था मेरा चुत और मेरा शरीर २८ ईयर जैसा है, मैं किसी और के साथ हमविस्तर होना नहीं चाहती क्यों की वो बाद में गलत फायदा उठाता है, इतना कह के मेरी माँ मुझे गले से लगा लिया, और किश करने लगी, मैं सरमा रहा था तो माँ ने कहा माँ ने कहा शर्म छोड़ो और मेरी चुदाई करो घर का माल घर में रह जाये तो अच्छा है.

और माँ ने मुझे किश करना शुरू कर दिया और मेरे कपडे उतार दी, मैं भी धीरे धीरे करके उनको सहलाना शुरू किया क्या और उनके बूब को दबाने लगा और मुह में ले लिया, माँ ने मेरा लंड अपने हाथो से दबाने लगी और चुत चाटने के लिए कहने लगी, मैंने भी वही किया जो जो माँ कह रही थी, फिर वो मुझे ऊपर आने के बोली और मेरा लंड पकड़ के अपने चुत पे ले गयी मैंने एक धक्का लगाया और मेरा लंड उनके चुत के अंदर चला गया, फिर हम दोनों ने कई पोजीशन में सेक्स की, माँ ने कहा बेटा आज मैं अपने आप को हल्का महसूस कर रही हु, अब मुझे बैगन डालने की जररूत नहीं नहीं है, तुम हो मेरी भूख को शांत करने के लिए, अब तो हम दोनों पति पत्नी की तरह चुदाई करते है और ज़िंदगी का मजा ले रहे है.

Categories Antarvasna, Family Sex Story, देसी सेक्स कहानी

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