Cousin Sis Xxx Kahani – फुप्पी की कुंवारी लौंडिया को दबाकर चोदा


कज़िन सिस Xxx कहानी मेरी बुआ की जवान बेटी की कुंवारी बुर चुदाई की है. वह हमरे यहाँ रहने आयी थी. एक रात बेड पर हम दोनों अकेले थे. मैंने एक हाथ उसके मम्मों पर रख दिया.

दोस्तो, मेरा नाम इबाद शैफी है. मैं उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद से हूँ.
मेरी उम्र उस समय 20 साल थी.

मेरे घर में हम चार जन रहते हैं, अम्मी अब्बू, मैं और एक छोटा भाई.

हमारे घर में 2 कमरे हैं.
एक में अम्मी अब्बू सोते हैं और एक कमरे में हम दोनों भाई रहते हैं.

ये मेरे जीवन का पहला सेक्स था जो मेरे और मेरी फुप्पी की लड़की यानि मेरी फुफेरी बहन के बीच हुआ था.

तो मेरी कज़िन सिस Xxx कहानी का मजा लें.

मेरी फुफेरी बहन का नाम रूमी (काल्पनिक नाम है).
रूमी की उम्र उस समय 19 की थी और उसका रंग एकदम सफेद है. उसका फिगर 34-32-36 का है. आप समझ गए होंगे कि रूमी को देख कर किसी का भी लंड खड़ा हो जाएगा.

मैंने रूमी के बारे में अब तक कभी भी ऐसा नहीं सोचा था.
ये बात तब की है जब ठंड के दिनों में रूमी कुछ दिन के लिए हमारे घर रहने के लिए आई थी.

उन दोनों मौसम कुछ ज्यादा ही ठंडा था.

रूमी के घर आने से मैं बहुत खुश था क्योंकि हम दोनों बचपन से अच्छे दोस्त थे.

रूमी को आए हुए दस दिन हो गए थे.
सब कुछ सही चल रहा था.

एक दिन मेरे छोटे भाई को अपने दोस्त की बहन की शादी के लिए दिल्ली जाना था.
वो एक हफ्ते के लिए चला गया.

अब रूमी और मैं एक ही बेड पर सोते थे.
एक रात मुझको नींद नहीं आ रही थी.

रूमी मेरी तरफ पीठ करके गहरी नींद में सो रही थी.
मैंने अपना एक हाथ उसके मम्मों पर रख दिया.

कुछ देर मैं अपने हाथ को ऐसे ही रखे रहा.
थोड़ी देर बाद मैंने उसके मम्मों को सहलाना शुरू कर दिया.

अचानक से वो घूम कर मेरी तरफ मुँह करके सोने लगी.
उसके एकदम हिलने से मैं डर गया था, पर खड़े लंड को तो बस चूत चाहिए होती है.

मैंने हिम्मत करके अपने हाथ को फिर से उसके मम्मों पर रख दिया और सहलाने लगा.
मैं 5 मिनट ऐसे ही करता रहा.

जब उसकी तरफ से कोई हलचल न हुई तो मैंने हिम्मत करके अपने हाथ को नीचे उसी चूत पर ले जाने की सोची.

मैंने अपने हाथ को उसकी सलवार के ऊपर से ही उसकी चूत पर रख दिया और टांगों के जोड़ को सहलाने लगा.
अब भी उसकी तरफ से कोई हलचल नहीं हो रही थी.

ये देख कर मेरी हिम्मत बढ़ने लगी.
मैंने अपने हाथ से उसकी सलवार का नाड़ा खींचा और सलवार को ढीला कर दिया.

सलवार खुली तो मैंने अपना हाथ उसकी सलवार के अन्दर डाल दिया और उसकी चूत को सहलाने लगा.

तब रूमी के मुँह से आह की आवाज निकली. मैं समझ गया कि रूमी को मजा आ रहा है.
मैंने कहा- रूमी अब सोने का बहाना न करो, खुलकर मजे लो और मुझको भी मजा दो.

रूमी ने अपनी आंखें खोल दीं और मुस्कुरा दी.
मैं समझ गया कि आज रात चुदाई होगी.

तब मैं रूमी के होंठों पर किस करने लगा तो रूमी भी मेरा साथ देने लगी.
मैंने रूमी से कहा- रूमी अपने कपड़े उतारो.
रूमी इठला कर बोली- खुद ही उतार दो भाई.

उसके सारे कपड़े उतारने के बाद मैंने उसके पूरे जिस्म को किस किया.
रूमी बोली- रुको यार, तुमने मुझको पूरी नंगी कर दिया, अब मैं भी तो तुमको नंगा करूंगी.
मैंने कहा- हां मेरी जान करो न!

रूमी मेरे कपड़े उतारने लगी.
उसके नाजुक हाथ मेरे बदन को स्पर्श कर रहे थे तो सिस Xxx से मुझे बेहद सनसनी हो रही थी.

सारे कपड़े हटा देने के बाद रूमी ने जैसे ही मेरे नेकर को नीचे किया तो मेरा 7 इंच लंबा और 2.5 इंच मोटा लंड फनफना कर उसके सामने आ गया.
वो मेरा मोटा लंड देख कर घबरा गई और बोली- ये इतना बड़ा … मेरे अन्दर कैसे जाएगा. ये तो मेरी चूत को फाड़ ही देगा!

मैंने कहा- मैं आराम से करूंगा.
रूमी- भाई, मैंने पहले कभी सेक्स नहीं किया है … तो प्लीज़ आराम से करना.

मैंने कहा- हां मेरी बहना, अब जरा इसको प्यार तो करो. इसे अपने मुँह में लेकर चूसो.
रूमी- नहीं बाबू, मैं इसे मुँह में नहीं लूंगी. तुम बस तेल लगा चिकना कर लेना.

मैंने पहले कहा- क्यों इसमें क्या कांटे लगे हैं?
वो हंसने लगी और बोली- अबे इसके कांटें तो मैं अपनी चूत से रगड़ कर साफ़ कर दूंगी.

मैंने कहा- अबे यार, तूने कभी नल्ले नहीं चूसे क्या … या लेग पीस नहीं चचोरा. बस इसे वैसे ही समझ कर चूस ले.
वो बोली- साले मना किया न … मान जा. वर्ना मसाला लगा कर डीप फ्राई करके खा लूंगी.

मैंने समझ लिया कि साली लंड नहीं चूसेगी.
आज पहली बार है, इसकी बुर का भोसड़ा ही बनाने का सुख ले लेता हूँ.

मैंने उसको ज्यादा इसलिए नहीं बोला कि आज मना कर रही है, कल को यही लपक लपक कर लंड चूसेगी.

तब मैंने कहा- रूमी चल मेरी जान, आज मैं तुझको जन्नत की सैर कराता हूँ. आओ मेरी बांहों में समा जा.

वो मेरी बांहों में समा गई.
मैंने अपना मुँह उसके होंठों से लगा दिया और उसे चूमने चूसने लगा.

कुछ देर बाद मैं उसके मम्मों पर आ गया और फिर नीचे आ गया.
मैंने रूमी टांगों को फैलाया और उसकी चूत पर किस करने लगा.

रूमी सिहरने लगी और मेरा सर अपनी चूत पर दबाने लगी.
मैं उसकी बिना झांटों वाली की चूत को चाटने लगा.

अभी मुझे अपनी बहन की चूत चाटते हुए बमुश्किल एक मिनट ही हुआ था कि मेरी बहन की ऐंठन बढ़ने लगी और वो अपनी दोनों टांगों को पूरी तरह से खोल कर मेरे सर को अपनी चूत पर दबाने लगी.

रूमी- आह आह बस करो … आंह भाई मुझको कुछ हो रहा है … आह आह मेरी चूत से कुछ निकलने वाला है.
ये कहती हुई रूमी झड़ गई.

लेकिन मैंने उसकी चूत नहीं छोड़ी. मैं लगातार चूत चाटता रहा और उसके मम्मों को हाथों से मसलता रहा.

कुछ ही देर में रूमी फिर से गर्म हो गई.
अब वो बोली- बाबू अब नहीं रहा जाता तुम जल्दी से मेरी चूत में लंड पेल दो … मेरी सील फाड़ दो.

मैंने भी देर करना सही नहीं समझा और उसकी चूत पर वैसलीन लगा दी. साथ ही मैंने अपने लंड पर भी वैसलीन लगा ली और लंड का सुपारा उसकी चूत पर रगड़ने लगा.

रूमी गांड उठाती हुई बोली- आंह बाबू क्यों तड़पा रहे हो, अन्दर डालो न!
मैंने कहा- जान थोड़ा दर्द होगा सह लेना.

रूमी- मैं सब कुछ सह लूंगी, तुम जल्दी से लंड अन्दर डालो.

मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रखे और एक जोर का शॉट दे मारा.
मेरा लंड चूत सील तोड़ता हुआ 5 इंच अन्दर घुस गया.

रूमी के होंठ मेरे होंठों से बंद होने की वजह से वो चीख नहीं पाई.
उसकी आंखों से आंसू बहते हुए बता रहे थे कि उसको कितना दर्द हो रहा है.

ये देख कर मैं कुछ देर ऐसे ही रुका रहा और उसको किस करता रहा, उसके मम्मों को सहलाता रहा.

एक मिनट बाद उसने अपनी कमर हिलानी शुरू कर दी.
मैंने कहा- जान शुरू करें?

रूमी- साले जब दर्द हो रहा था, तब नहीं पूछा … अब पूछ रहे हो, पर अब दर्द कम है, तुम चोदना शुरू करो.
मैंने कहा- जान अभी भी मेरा लंड 2 इंच बाहर है.

रूमी- बाबू इसको अभी इतना ही रहने दो, इतने ने ही मेरी जान निकाल दी थी.
मैंने कहा- ओके जान.

मैं पांच इंच लंड को अपनी बहन की चूत में आगे पीछे करने लगा.
रूमी को मजा लगा.

वो कहने लगी- हां बाबू, ऐसे ही करते रहो, अब मजा आ रहा है.

मैंने उसके होंठों को किस करते हुए एक और जोर का शॉट मार दिया.
इस बार मैंने अपना पूरा लंड रूमी की चूत में जड़ तक उतार दिया था.

एक बार रूमी को फिर से दर्द हुआ, उसने मुझको हटाने की कोशिश करते हुए कहा- साले भड़वे … तूने मेरी मां चोद दी. हरामी तूने मेरी चूत फाड़ दी भोसड़ी के … मैंने मना किया था न मादरचोद कि इतना ही रहने दे.

वो भड़क रही थी और उसके मुँह से निकलती हुई गालियां मुझे मजा दे रही थीं.
मेरे होंठों पर फतेह की जहरीली मुस्कान थी.

मेरी मुस्कान देख कर रूमी आग बबूला हो रही थी- साले मां के लौड़े, तब तेरी गांड में लकड़ी पेलूंगी, तब मुस्कुराइयो हरामी कहीं का.

मैंने उसे चूमा और कहा- जान तेरे मुँह से गालियां भी मुझे मजा दे रही हैं.

अब तक उसका दर्द खत्म हो गया था.
वो मेरे सीने को चूमती हुई बोली- सच में यार तू पूरा कसाई है. मेरी चूत को तूने हलाल कर दिया. अब बता कि अब भी कुछ बाकी है या पूरा पेल दिया?

मैंने कहा- रूमी मेरी जान, अब तुझे दर्द नहीं होगा, मेरा पूरा अन्दर चला गया है. बस अब तू मजा ले और मजा दे.
रूमी- तो भोसड़ी के चोद न, तूने मेरी चूत तो फाड़ ही दी है. अब रुका क्यों है मादरचोद … अपनी बहन को चोद दे भैन्चोद.

मैंने भी गाली देते हुए लंड की ठोकर मारी और कहा- तो ले भोसड़ी वाली, तेरी चूत तो क्या, आज तो मैं तेरी गांड भी फाड़ूंगा.
बस मैं अपनी पूरी ताकत लगा कर रूमी को चोदने लगा.

रूमी मस्त आहें भरने लगी- आह आह हम्म आईई मजा आ रहा है बाबू … और तेज चोदो … आंह और तेज … हहह हहह ह्म्म्म आईई तेज करो बाबू … मैं गई.
मैंने कहा- हां मेरी जान, मैं भी आ रहा हूँ.

ये बोलते हुए मैं तेज तेज रूमी को चोदने लगा.
इतने में रूमी का जिस्म ऐंठने लगा और वो झड़ गई.

मैं भी झड़ने वाला था.
करीब 15-16 तेज धक्के मारने के बाद मैं रूमी की चूत में ही झड़ गया और उसी के ऊपर लेट गया.

कुछ देर बाद रूमी बाथरूम में जाने को उठी, तो उसने देखा कि चादर खून से सन गया है और उसकी चूत सूज गई है.

जैसे ही रूमी उठी तो एकदम से नीचे गिर गई. मैं ये देख कर हंस पड़ा.

रूमी- बाबू हंसो नहीं यार, मुझको दर्द हो रहा है.
मैंने कहा- मेरे होते मेरी जान को दर्द नहीं हो सकता.

इतना बोल कर मैंने रूमी को अपनी गोद में उठाया और बाथरूम में ले गया.
उधर देखा कि उसकी चूत एकदम पकौड़ी सी सूज चुकी थी.

मैंने गीजर चला कर गर्म पानी से उसकी चूत को साफ किया और उसे फिर से बेड पर ले आया.

कुछ देर बाद मैंने रूमी से कहा- जान एक बार और हो जाए?
रूमी मुस्कुरा कर बोली- बाबू मन तो मेरा भी है, मगर कल कर लेना अभी बहुत दर्द हो रहा है. जरा देखो, मेरी चूत का क्या हाल किया है तुमने.

मैंने कहा- अब तो पूरी जिंदगी ये मजा देगी, जो दर्द होना था, वो हो गया.

इतना बोल कर मैं किचन में गया और गर्म पानी के लिए बड़ा सा बर्तन लेकर आया.
मैंने बाथरूम से गर्म पानी लिया और रूमी की चूत की सिकाई की, उसको दर्दनिवारक दवाई दी.

फिर हम दोनों ने अपने अपने कपड़े पहने और मैंने बेड की चादर को हटा दिया.
मैं उसे बाथरूम में पानी के टब में डाल आया.

रूमी बोली- मैं इसे सुबह धो दूँगी. अब आओ मुझको अपनी बाहों में लेकर सुला लो.

मैं रूमी को अपनी बांहों में लेकर सो गया.
तब से आज तक जब भी हमको मौका मिलता है, तो हम दोनों चुदाई कर लेते हैं.

दोस्तो, मुझसे लिखने में कोई गलती हुई हो, तो माफ करना.
यह मेरी जिंदगी का सबसे प्यारा किस्सा है.

मेरी इस कज़िन सिस Xxx कहानी के लिए मुझको आप सभी के मेल का इंतजार रहेगा.

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