मेरठ की मुस्लिम गर्ल फौजिया का बुर खोला होटल में

दोस्तो, मेरा नाम मुनाजिर है. मैं यूपी के मेरठ शहर से हूं. मेरी उम्र 21 साल की है, हाईट साढ़े पांच फिट की है. मेरे लंड की लंबाई 7 इंच की है.

क्लासमेट कुंवारी लड़की फौजिया को होटल में बुला कर उसकी इस जबरदस्त चुदाई की कहानी में मैंने पहली बार चुदाई का मजा लिया था और एक कुंवारी लड़की की सील तोड़ कर उसे मस्त कर दिया था.

ये कॉलेज की सेक्सी गर्ल स्टोरी दो साल पहले उस समय की है, जब मैं बीएससी कर रहा था.

मेरी एक क्लासमेट थी. जिसका नाम फौजिया था.
फौजिया का रंग दूध सा सफ़ेद था और फिगर बड़ा ही सेक्सी था. उसके 32 इंच के चूचे थे.

जब पहले दिन मैंने उसे देखा तो देखता ही रह गया.
इससे पहले मैंने कभी सेक्स नहीं किया था तो मेरी वर्जिन नजरें उसकी खिलती जवानी पर ठहर गई थीं.

उसकी गुलाबी झील सी आंखें, मानो किसी को भी अपना बना सकती थीं.

मैंने धीरे धीरे अपने कदम उसकी तरफ बढ़ाना शुरू कर दिए और उससे दोस्ती करनी शुरू कर दी.
कभी नोट बुक लेने के बहाने से, कभी किसी सवाल का हल मालूम करने के बहाने से मैं फौजिया से बात करने लगा था.
वो भी मुझसे बात करने में नहीं हिचकिचाती थी.

मुझे रात दिन अब सिर्फ फौजिया ही दिखाई देने लगी थी.
उसे अपने देख कर कॉलेज की सेक्सी गर्ल के साथ सेक्स करने का मन करने लगा था.

एक रोज मैं क्लास में सुबह जल्दी ही पहुंच गया था. मैं बैठ कर गाना गा रहा था, तभी मेरी नजर क्लास में कदम रखती हुई फौजिया पर पड़ी.

मैं गाना गाना भूल गया और उसे ही देखता रह गया.
आज फौजिया ने काले रंग का गाउन पहना हुआ था. वो बड़ी सेक्सी लग रही थी. उसके तने हुए दूध मुझे पागल किये दे रहे थे.

उसे देख कर मेरा लंड एकदम से कड़क हो गया था.
वो मेरे पास आकर बैठ गई.

हम दोनों ने एग्जाम के बारे में बात करना शुरू कर दी. फिर मैं धीरे धीरे उसकी पर्सनल लाइफ पर आ गया.

मैंने हिम्मत करके मालूम किया कि फौजिया क्या तुम्हारा कोई बीएफ है!
उसने मुस्कुराते हुए कहा कि अरे तुम भी जानते हो जीएफ बीएफ के बारे में?

मैंने कहा- हां यार, मैं भी आखिर एक लड़का हूं.
उसने कहा- आई एम सिंगल टिल नाओ.

यह सुनकर मेरे तो मानो सारे रास्ते ही खुल गए थे.
मैं तो उसके साथ सिर्फ एक बार सेक्स करना चाहता था मगर ये तो मेरे साथ हमेशा के लिए सैट हो सकती थी.

हम दोनों ने ढेर सारी बातें की और एक दूसरे से काफी खुल गए.

मैंने दो चार दिन बाद उसे प्रपोज कर दिया और उसने भी हां कह दिया.

अब धीरे धीरे मैं उसे टच करने लगा. मेरा पहला ध्येय उसे चोदना ही था.

एक रोज लंच में हम दोनों कॉलेज के पार्क में बैठे थे, तो मैंने उसके बूब्स को टच किया.

इस पर उसने जरा सी भी नाराजगी जाहिर नहीं की तो मेरी हिम्मत बढ़ गई.

मैंने कहा- मजा आया?
वो मुस्कुरा दी.

तो मैंने उसके मम्मों को दबाना शुरू कर दिया.
उसने कहा- अरे यार, ये खुले में ठीक नहीं है … कोई देख लेगा.

वो इतना कहकर मुस्कुराने लगी और मेरे पास से उठ कर क्लासरूम में चली गई.

अब मुझे यकीन हो गया था कि फौजिया भी मेरे साथ सेक्स करना चाहती है.

मैंने उसी रात को फौजिया को कॉल किया और उससे सेक्स करने के लिए कहा.

पहले तो वो कुछ देर तक चुप रही.
फिर न जाने उसे क्या हुआ कि उसने मुझे बाय कहा और कॉल कट कर दी.

मुझे थोड़ा गुस्सा भी आया लेकिन कुछ मिनट बाद फौजिया का कॉल आया और उसने भी सेक्स करने की इच्छा जाहिर की.

फौजिया की चुत चुदने को मचल रही थी ये बात जानकर मेरे दिल ही दिल में लड्डू फूटने लगे.

सुबह क्लास रूम में मैंने उससे कहा- क्या तुम होटल में सेक्स करना पसंद करोगी?

फौजिया ने मुस्कुराते हुए ‘हम्म …’ कह दिया.

मैंने उसी समय फौजिया के सामने एक होटल में एसी रूम बुक कर दिया.
सोमवार की बुकिंग थी.

मैंने उसके सामने ही बुकिंग की थी, तो उसे मालूम था कि चुत मंडे को खुलेगी.

फिर वो दिन आ गया, जब मेरी कामना पूरी होने वाली थी.

फौजिया मेरे बताए हुए टाइम पर होटल में पहुंच गई.
सोमवार का दिन था और हमने कॉलेज से बंक मार दिया था.

फौजिया कमरे में आई तो थोड़ी नर्वस थी.
मैं उसके लिए एक कोल्डड्रिंक लेकर आया.

हम दोनों ने आराम से बैठ कर बातचीत की और एक दूसरे को सहज किया.

फौजिया कहने लगी- ये मेरा और तुम्हारा पहली बार है.
मैंने कहा- हां जानू, मुझे बड़ी बेचैनी हो रही है.

फौजिया- हां यार, मुझे तो डर सा लग रहा है.
मैंने कहा- डर कैसा डियर … मुझ पर यकीन करो और मेरा साथ दो. ये जवानी के दिन हैं, इनमें कुछ न किया तो कब करेंगे.

इस तरह की बातों से फौजिया मेरे साथ सहज हो गई और मेरे सीने से लग गई.
हम दोनों होंठों से होंठ मिला कर किस करने लगे.

वो गनगना उठी और मेरे सीने पर हाथ फिराने लगी.

मैंने उससे पूछा- एक्स्ट्रा ड्रेस लाई हो?
वो बोली- एक्स्ट्रा ड्रेस क्यों?

मैंने कहा- यदि हम दोनों ऐसे ही सब करेंगे तो इस ड्रेस की हालात खराब हो जाएगी.
वो समझ गई और आंख नचाती हुई बोली- तो क्या करें?

मैंने कहा- उतार देते हैं.
वो हंस दी और उसने अपनी बांहें ऊपर कर दीं.

मैंने उसके टॉप को उतार दिया.

उसकी काली ब्रा में कैद चूचे मस्त लग रहे थे.

उसने शर्मा कर आंखें बंद कर लीं तो मैंने पीछे हाथ ले जाकर ब्रा का हुक खोल दिया.
वो ऊपर से पूरी नंगी हो गई थी.

मुझे रहा न गया और मैंने खुद खड़े होकर अपने सारे कपड़े उतार दिए.

फौजिया ने मेरे कड़ियल जिस्म को देखा और मुँह पर हाथ रख कर हैरानी जताने लगी.
मैंने उसे भी खड़ी किया और उसकी जींस उतार दी.

हम दोनों नंगे हो गए.
फौजिया थोड़ी डर रही थी.

मैंने कहा- डरने की कोई बात नहीं है डार्लिंग. बस एन्जॉय करो.
फिर उसने कहा- बेबी आराम आराम से करना … मुझे पहली बार सेक्स करने से डर सा लग रहा है.

मैंने कहा- कुछ नहीं होगी बेबी, मुझ पर भरोसा करो.

इतना कहकर मैंने उसके होंठों को चूमना शुरू कर दिया.
उसे मजा आने लगा तो उसने अपनी जीभ मेरे मुँह में दे दी और मैंने उसकी जीभ चूसनी शुरू कर दी.
उसने भी मेरी जीभ को चूसने के मज़ा लिए.

कुछ मिनट के बाद मेरा लंड कड़क होने लगा.

मैंने उससे लंड मुँह में लेने को कहा तो उसने थोड़ा इंकार सा किया लेकिन बाद में वो मेरा लंड पकड़ कर हिलाने लगी.
वो बोली- ये तो बड़ा गर्म है बेबी.

मैंने उसके बाल पकड़ कर लंड उसके मुँह में दे दिया और वो भी लंड चूसने लगी.
उसे भी लंड चूसने में मज़ा आने लगा

उसने मेरा लंड करीब 3-4 मिनट तक चूसा तो मेरा वीर्य निकल आया.
मैंने उसके मुँह में ही रस डाल दिया और उससे अलग होकर बेड पर गिर गया.

फिर उसने वाशरूम में जाकर मुँह साफ किया और कमरे में आकर एक बार फिर से मेरे बिना कहे लंड को मुँह में लेकर चुसाई को एन्जॉय किया.

अब मैं उसके मम्मों को चूसने लगा और बहुत दबाए.

करीब 5-6 मिनट के बाद मैंने उसे बेड पर उल्टा लिटा दिया और उसकी कमर को मसलने लगा.
फिर मैंने उसे गोद में ले लिया और लंड को थोड़ा सहला कर उसकी चूत में डालने लगा, तो उसके मुँह से ‘आह … ह्म्म …’ की आवाज निकलने लगी.

फौजिया की चूत टाईट होने की वजह से इस आसन में लंड अन्दर नहीं घुस पा रहा था.

मैंने फिर से एक बार लंड को उसके मुँह में दे दिया ताकि थूक से कुछ चिकना हो जाए.
उसने लंड को खूब चूसा और मेरी तरफ वासना से देखने लगी.

उससे मैंने चित लेटने के लिए कहा तो वो अपनी टांगें खोल कर और चुत उठा कर रेडी हो गई.
मैंने लंड पर थोड़ा ज्यादा सा थूक लगाया और उसकी चूत पर रखकर रगड़ना शुरू कर दिया.

फिर मैं धीरे धीरे लंड चुत के अन्दर करने लगा तो उसे दर्द होने लगा.
मैंने उसके होंठों को अपने होंठों से जकड़ा और दाब दे दी.
मेरा आधा लंड चुत के अन्दर जा चुका था.

वो छटपटा रही थी लेकिन मेरी पकड़ मजबूत थी तो न तो वो हिल पा रही थी और न ही आवाज निकाल पा रही थी.

फिर मैंने एक करारा धक्का लगा कर पूरा लंड चुत के अन्दर कर दिया.
वो बेहोश सी हो गई, मैं वैसे ही पड़ा रहा.

कुछ देर बाद उसे होश आया तो वो लंड बाहर निकालने के लिए कहने लगी.
मैंने लंड बाहर निकाला तो चुत की सील टूटने की वजह से थोड़ा खून बाहर निकल आया.

खून देख कर फौजिया रोने लगी और डर गई.
मैंने उसे समझाया कि ये तो होता ही है. लेकिन वो मान ही नहीं रही थी.

मैंने एक कपड़े से चुत से निकल रहे खून को साफ किया और फिर से लंड को चूत पर रखकर पेल दिया.

उसकी चीख निकल गई- आईई … हम्म्म … ना करो बेबी.
वो दर्द से कराहने लगी.

मैंने फिर से लिप किस करते हुए लंड को धीरे धीरे पूरा अन्दर कर दिया और झटके देने लगा.
अभी 15-20 सेकंड तक ही धकापेल की होगी कि उसका दर्द कम हो गया.

अब मैंने धक्के लगाने शुरू कर दिए, तो वो भी मेरा साथ देने लगी. मैंने स्पीड बढ़ा दी तो उसे भी बहुत मज़ा आ रहा था.

दस मिनट तक चुत चुदाई करने के बाद मेरा वीर्य झड़ने लगा तो मैंने लंड निकाल कर उसके पेट पर ही झाड़ दिया.
वो भी संतुष्ट हो गई थी.

हम दोनों हांफते हुए बेड पर लेट गए और किस करने लगे.

मैंने कुछ मिनट तक उसके हर अंग को चूमा, तो वो फिर से गर्म हो गई. मेरा लंड भी फिर से चुदाई के लिए तैयार हो गया.

इस बार मैंने उससे और किस तरह से चुदाई की इच्छा पूछी तो उसने मना कर दिया.

फिर उसने मुझसे मेरी सेक्स विश मालूम की.
तो मैंने कहा- हां बेबी, मेरी एक विश है कि तुम मेरे लंड पर शहद लगा कर खाओ.

मेरी इस बात तो वो बहुत हंसी.
वो कहने लगी- जान अभी शहद कहां से आएगा?
मैंने कहा- मैं साथ लाया हूँ.

मैंने बैग से शहद निकाल कर उसके हाथ में रख दी.

उसने मुस्कुराते हुए शहद को मेरे लंड पर लगाया और लंड चाटने लगी.

उत्तेजना के कारण मेरी आंखें बंद हो गईं. फौजिया ने सारे शहद को बार बार लंड पर लगा कर लगभग 7-8 मिनट तक चाटा.

फिर कुछ शहद मैंने उसकी चूत पर लगा दिया और चुत को चाटा, तो उसे भी बहुत मजा आया.

इस दौरान हम दोनों ने एक दूसरे को खूब किस किया.

अब मैंने उसे डॉगी स्टाइल में चोदने को कहा तो वो अपनी गांड मेरी तरफ करके डॉगी बन गई.

मैंने लंड को नीचे से उसकी चूत में डाला.
इस बार उसे लंड से चुदने में मजा आने लगा था.

मैंने पूरा लंड चुत की जड़ तक ठांसा और चुदाई की स्पीड बढ़ा दी.

उसके मुँह से मस्ती भरी आवाजें निकलने लगीं- आह … उह … नो … यस आह और जोर से पेलो.

उसकी मादक आवाजें आने लगीं तो मैं भी उसके चूचे पकड़ कर धकापेल मचाने लगा. वो मुझसे और जोर से चोदने के लिए कहने लगी.

मैंने इस बार 20 मिनट तक जम कर फौजिया को चोदा. अब वो भी झड़ने वाली थी और मैं भी.

मेरे मुँह से ‘यस … कम ऑन बेबी … आह …’ की आवाजें निकल रही थीं और वो भी पूरी ताकत से गांड को पीछे धकेल कर लंड ले रही थी.

कुछ ही देर में मैंने अपना सारा वीर्य उसकी गांड पर छोड़ दिया.
मेरा लंड थोड़ा ढीला पड़ गया था.

मैं भी थक गया था और वो भी.

अब दिन के 11 बज चुके थे. हमारे कॉलेज की छुट्टी 2 बजे होती थी. अभी तीन घंटे बाकी थे.

मैंने ढीले लंड को फिर कड़क करने को कहा तो वो लंड चूसने लगी और फिर से चुदाई शुरू हो गई.

इस बार मैंने फौजिया को आधे घंटे तक चोदा. फिर झड़ कर हम दोनों नंगे ही एक दूसरे की बांहों में लेटे रहे.

इसके बाद हम दोनों बाथरूम में गए और नहाते हुए फिर से एक राउंड और मजा लिया.

अब फौजिया बहुत थक चुकी थी. तो हम दोनों ने कपड़े पहने और बेड पर लेट कर बात करने लगे.

फिर हम दोनों ने होटल से निकल कर एक रेस्तरां में खाना खाया और मैं उसे उसके घर छोड़ आया.

 

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