बूर फाड़ने के बाद एक अधूरी प्रेम कहानी का अंत हुआ 

 बूर फाड़ने के बाद एक अधूरी प्रेम कहानी का अंत हुआ 

Student teacher sex, village sex, bihar sex, bihari sex, virgin sex, pahli chudai, Tuition Sex Story मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा है कि मैं क्या बताऊं आपको,  जिंदगी के कुछ हसीन सपने होते हैं और वह सपना जब पूरा हो जाए तो अच्छा लगता है। जिसको मैं दिलो जान से चाहती थी बचपन से चाहती थी।  और वह आपको नहीं मिले तो आपको कैसा लगेगा।  मेरे साथ भी यही हुआ जिसके लिए मैं दिन-रात सपने देखती थी। उसके साथ रहना चाहती थी उसके साथ जिंदगी जीना चाहती थी।  जब मेरी एक ख्वाहिश पूरी नहीं हुई तो इसका अंत सेक्स के बाद हुआ। 

कभी इजहार नहीं कर पाई और जिस दिन इजहार की कि मैं आपको चाहती हूं उस दिन हम दोनों के बीच में  सेक्स संबंध बन जाए तो आप इसको क्या कहेंगे।  और वह दिन भी अंतिम दिन हो तो आपको कैसा लगेगा।  क्या खोया क्या पाया अभी तक समझ नहीं आया।  अच्छा हुआ बुरा हुआ आज तक में सोचते ही रहती हूं।  मैं आपको अपनी यह पूरी कहानी बताऊंगी।  मैं उस अंतिम दिनों की ही बात करूंगी आपसे जब मैंने उनके साथ अपनी वासना पूरी की थी।  उन्होंने मेरे साथ सेक्स किया था बांहों में भरा था।  उन्होंने वह सब किया जो मैं रोज रात को सोचा करती थी।  पर दोस्तों वह सब हुआ पर 1 दिन के लिए हुआ और फिर हम दोनों बिछड़ गए।  तो आइए अपनी कहानी आपको सुना रही हो। 

 मैं भी रोजाना सेक्स कहानियां पढ़ती हूं।  खासकर नॉनवेज story.com मेरा पसंदीदा वेबसाइट है जहां पर बेहतरीन सेक्स कहानी पढ़ने को मिलती है।  कई और भी वेबसाइट है पर वहां पर मजा नहीं आता।  शायद आपको भी ऐसा लगता होगा यह तो मुझे नहीं पता।  पर मैं अपने बारे में आपसे जरूर इस बात को शेयर करने से गुरेज नहीं करूंगी।  नॉनवेज story.com एक बेहतरीन वेबसाइट है जहां पर रोजाना एक से बढ़कर एक सेक्स कहानी पढ़ने को मिलती है। 

 मेरा नाम कल्याणी हैं।  मैं  बिहार की रहने वाली हूँ। मुझे बचपन से ही प्यार करने का शौक था पर मुझे लगता था कोई लड़का मुझे प्रपोज करे पर आज तक किसी ने नहीं किया। इसका कारण था की मैं जमींदार खानदान से थी बाप और भाई के डर से किसी लड़के ने आँख उठाकर देखा नहीं तो प्यार भी नहीं हुआ। जिसपे दिल फेंकी भी तो उसने वापस कर दिया फेंकदिल को। यानी की किसी ने भाव नहीं दिया। ऐसा नहीं की हॉट और सेक्सी नहीं हूँ। मस्त लड़की हूँ। 

चुदाई  का सपना तो दूर की बात थी किसी लड़के  बात भी नहीं की थी। पर हाँ एक लड़का मेरी ज़िंदगी में आया। वो था राजीव। राजीव मुझे ट्युसन पढ़ने आते थे वो मेरे सर थे पर मेरे से ज्यादा बड़ा नहीं मैं आठवीं में पढ़ती थी और वो इंटर में। मुझे एक ऐसा लड़का मिला जो मेरे पसंद का था। बहुत ही अच्छा लड़का मैं अपना दिल उसे दे दिया। पर उसने लिया नहीं मेरा दिल, ना तो उसने अपना दिल दिया। क्यों की उसे पता था की अगर मेरे घरवाले को ये बात पता चल जायेगा तो बहुत मुश्किल हो जाएगी। मैं ही मटकती रही मेनका बनकर उसके सामने पर उसने कभी भाव नहीं दिया। कभी कभी वो  निहार लेता उसी में मैं खुश हो जाती। मैं सेक्स की भूखी थी पर धीरे धीरे उसके सीधेपन और भोलेपन को देखकर मैं उससे सच्ची  में प्यार करने लगी। 

अब मैं उससे ऐसे पेश आने लगी जैसे की मैं एक सीधी साधी लड़की हों। क्यों की मैं दिलोजान से चाहने लगी और मुझे लगा की आगे चलकर मैं इसी से शादी करुँगी तो मेरा देखने का तरीका बदल गया और मेरे व्यवहार में में अंतर आ गया। मैं दसवीं तक पहुंच गयी और वो ग्रेजुएशन में। एक दिन मेरे सिर पर पहाड़ गिर गया क्यों की उन्होंने बताया की वो शादी करने वाले हैं और शादी के बाद वो दूसरे शहर में शिफ्ट कर जायेंगे और अब मुझे नहीं पढ़ाएंगे। 

सच बताऊँ दोस्तों मैं इतना टूट गयी, ज़िंदगी नीरस सी हो गयी। ये सब बात मेरे भाभी को पता चला तो उन्होंने कहा तुम बातचीत करो और मैं बाबूजी से बात करुँगी की तुम्हारी शादी इसी लड़के से हो जाये। मैंने कहा अब ये संभव नहीं है क्यों की इनका छेंका भी हो गया है बात भी पक्की हो गयी है। फिर भी मैं उनको समझाने की कोशिश करने लगी की अभी आप शादी मत करो कुछ बन जाओ फिर करना वगैरह वगैरह। पर उन्होंने नहीं माना। उन्होंने तीस तारीख से नहीं आने वाले तह उन्होंने कह दिया की मैं तीस तारीख तक ही पढ़ाऊंगा। 29 तारीख को जब वो पढ़ाने आये तो घर पर मैं थी मेरा छोटा भाई जो मेरे साथ पढता था वो मम्मी पापा के साथ नानी घर चले गए घर पर और कोई नहीं था। मेरे भइया और भाभी भी उस दिन कही चले गए थे। जब वो आये तो मुझे लगा की मेरा पति आया है क्यों की मैं मन ही मन पति का ख्वाब देख रही थी दो साल से। 

मैंने उनसे उस दिन इजहार किया मैं बोली मैं आपसे प्यार करती हूँ और मैं आपसे शादी करना चाहती हूँ उन्होंने कहा ये तो अब संभव नहीं हो सकता क्यों की अब बहुत देर हो चुकी है। मैंने कहा फिर भी मैं ज़िंदगी भर चाहूंगी आपको इतना कहकर मैं उनके गले लग गयी और रोने लगी। उन्होंने मेरे पीठ पर हाथ फेरा और शान्तना देने लगे। जब जवान लड़की और जवान लड़का एक कमरे में और घर में कोई नहीं और लड़की बाहों में हो और लड़का पीठ सहला रहा हो तो आप भी बताओ क्या होगा। 

मैं उनको चूमने लगी वो तो सकपका गए उन्होंने बोला भी ये गलत है। पर मैं कहा रुकने वाली मुझे पता था। जिसका ख्वाब में देख रही थी वो कल से नहीं आने बाला और जिसको मैं पति मान ली वो किसी और के साथ घर बसा रहा है। मैं अपना सब कुछ सौंप देना चाहती थी। मैंने खुद अपने कपडे खोलने शुरू किये और दो मिनट में नंगी हो गयी। और बोली आप मुझे चोदो आप मेरे साथ सेक्स करो। शादी नहीं कर सकते तो आप मुझे संतुष्ट कर दो पत्नी मान कर। फिर मैं कभी आपको तंग नहीं करुँगी। 

उन्होंने कहा भी ये गलत है पर जब आग लगी हो जिस्म में तो अब भड़केगा ही। उन्होंने अब मुझे बाहों में लिया और चूमने लगे। धीरे धीरे मेरी गांड को सहलाया और चूचियों को दबाने लगे। मेरे मुँह से अअअअअ आआआ आआ की आवाज निकलने लगी। हम दोनों दो मिनट के अंदर होशो हवश खो दिया और वाइल्ड हो गए। जैसे की ब्लू फिल्म में अंगरेज हो जाता है लड़की का कपड़ा खुलते ही। 

उन्होंने मुझे पलंग पर लिट्या और बूर चाटने लगे। मेरी चूचियों को पीने लगे। मैं मदहोश होने लगी। उन्होंने मेरे जिस्म को चाटना शुरू कर दिया पेअर के अनूठे से लेकर होठ तक। ओह्ह्ह्हह्हह मेरी चूत पानी पानी हो गयी थी। मेरी चूचियां तन गयी थी। गर्म गर्म साँसे और गर्म गर्म चूत से पानी। ओह्ह्ह्हह क्या बताऊँ नॉनवेज स्टोरी डॉट के दोस्तों। आज मुझे नसीब हो ही गया। जिसका मैं इंतज़ार कर रही थी। 

उन्होंने मेरी गांड को चाटना शुरू किया तो मेरे पुरे शरीर में करंट सी दौड़ गयी। उन्होंने तकिया मेरे गांड के निचे लगाया मेरा दोनों पारी अपने कंधे पर रखा और अपना लंड बूर के बिच में सेट किया। दोनों हाथ से चूचियों को मसला और जोर से धक्का दिया पूरा लंड घुस गया। बूर मेरी फट गयी थी। दर्द से कराह उठी। आँख से आंसू आने लगे। मुझे इस पल का एन्जॉय करना था इसलिए मैं आंसू पोछि और अपनी गांड हिला हिला कर लंड लेने लगी। वो अब धक्के देते और मैं उस धक्के को सहकर एन्जॉय करने लगी। उस दिन खूब चुदी गांड उठा उठा कर। 

मैं बुरी तरह थक गयी थी। मुझे संतुष्टि मिली जो चाहती थी मिल गया था। मेरी अधूरी प्रेम कहानी चुदाई  के बाद ख़तम हुई। उन्होंने आना बंद कर दिया और उस चुदाई  को मैं आज भी याद करती हूँ. 

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