मम्मी ने डलवाये दो बड़े लंड – थ्रीसम सेक्स कहानी

हाय दोस्तो, मैं शिखा आसाम से आप सभी के साथ अपने जीवन की एक सच्ची घटना को एक हॉट सेक्सी लेडी चुदाई कहानी के रूप में साझा करना चाहती हूँ.
ये सब मैंने अपने बचपन में देखा था.

बात उस समय की है, जब मैं छोटी क्लास में थी. मेरे पापा नानी के यहां गए हुए थे. उस दिन मेरे घर में सिर्फ़ मैं, मॉम और भाई था.
हमारी फैमिली का घर से ही व्यापार है, तो बहुत से लोगों का आना जाना लगा रहता था.

उसमें से एक दिनेश अंकल थे, जो पापा और मॉम के काफ़ी अच्छे दोस्त भी थे.

चूंकि पापा अपने बिजनेस की मीटिंग के लिए एक हफ्ते के लिए घर से बाहर गए हुए थे. जिस दिन पापा गए, उसी दिन मॉम ने नाइट में अंकल को डिनर पर इन्वाइट किया था.

करीब 8 बजे दिनेश अंकल घर आ गए. वो हमारे लिए टॉफी लाए थे.
मैंने और भाई ने 7:30 पर ही डिनर कर लिया था.

मॉम ने कहा- अब तुम लोग सोने चले जाओ.
हम लोग रूम में आ गए.

पर मुझे आज कुछ अजीब सा लगा क्योंकि मॉम ने कभी हमें इतनी जल्दी सोने को नहीं बोला था.
मैं जागती रही और चुपचाप छिप कर उनको देखती रही.

मॉम- कैसे हो दिनेश!
अंकल- बढ़िया हूँ भाभी जी … अपना बताइए.

मॉम- मुझे तो अकेलापन फील हो रहा है.
अंकल- अरे मैं हूँ ना … तो अकेलापन क्यों!

मॉम- आप क्या कीजिएगा?
अंकल- आपकी सेवा.

मॉम- वो कैसे!
अंकल- आपकी चुदाई करके.

मॉम- क्या आप भी मुझे चोदना चाहते हैं.
अंकल- आप भी मतलब! आपने और कितनों का लंड खाया है.

मॉम- ज़्यादा नहीं, वैसे मेरे पति तो मुझे चोदते ही रहते हैं, पर मैं रमेश, सुरेश और भूषण के नीचे सोई हूँ.
अंकल- बस मैं बाकी रह गया.

मॉम- तो आओ आप भी कर लो अपनी इच्छा पूरी.
अंकल- रूम में चलें?

मॉम- सोफे पर तुम्हें कोई प्राब्लम है क्या?
अंकल- नहीं … आओ मेरी जांघ पर बैठो.
मॉम- नहीं, तुम पास आओ और किस करो.

मैं ये सब समझ नहीं पा रही थी कि क्या हो रहा है.

फिर अंकल ने मॉम के पास जाकर उनके होंठों पर होंठ रखे और चाटने लगे.
अगले ही पल अंकल ने अपने हाथ मॉम के मम्मों पर रख दिए.

मॉम ‘उम्म्म आह ऊओ ..’ करने लगीं.

अंकल ने बोला- अपना बदन तो दिखाओ जान!
मॉम ने कहा- तुम खुद ही मुझे नंगी करके देख लो न!

फिर अंकल ने मॉम की साड़ी खोल दी. मॉम ने अपना पेटीकोट और ब्लाउज नहीं पहना था, वो सिर्फ़ साड़ी में थीं. शायद उनको चुदवाने की जल्दी थी इसलिए ऐसा किया था.

अंकल ने बोला- तुम्हारा बदन तो बहुत बड़ा चमक रहा है. क्या मस्त माल लगती हो. इसका सबब क्या है जान!
मॉम ने बोला- आप जैसे लोगों का वीर्य मेरे तन को सुंदर बना देता है.
अंकल हंसने लगे. फिर बोले- मेरे कपड़े उतारो.

मॉम ने अंकल को नंगा कर दिया.
मैंने देखा अंकल के आगे वाली जगह पर जिससे पेशाब करते हैं, एक काला सा केला जैसा कुछ लटका हुआ है.

मॉम ने उसे हाथ से सहलाते हुए पूछा- ये उदास क्यों है?
अंकल बोले- तुम पहले सोफे पर बैठो.

मॉम नंगी ही सोफे पर बैठ गईं. वो भी बिल्कुल नंगी थीं और जहां से पेशाब करती थीं, उधर कुछ बाल निकले हुए थे.

अंकल ने बोला- मुझे झांट वाली चुत पसंद नहीं है. आज मैं तुम्हें नहीं चोदूंगा.
मॉम ने बोला- चोद लो मुझे राजा … फाड़ डालो मेरी चूत को.

अंकल बोले- साली रंडी अपने पैर खोल.
मॉम ने कहा- हां आज से एक हफ्ते के लिए मैं तुम्हारी रंडी दासी सब हूँ. जो करना हो वो करो.

मॉम ने ये कह कर अपने पैरों को खोल दिया.
अंकल ने उन्हें अपने तरफ खींचा जिससे मॉम सोफे पर लेट गईं और अंकल उनकी चूत को चाटने लगे. एक मिनट बाद अंकल ने अपनी एक उंगली मॉम की चूत में डाल दी और उसे आगे पीछे करने लगे. मॉम ‘अफ आह उम्म … आहा मेरे राजा हां आह ऐसे ही करो … चाटो मेरी बुर.’

अंकल जोर जोर से उंगली को मॉम की चूत में घुसा रहे थे और मॉम कामुक सिसकारियां ले रही थीं.

अचानक से मॉम की चूत से कुछ पानी की तरह सफेद सा निकाला, जिसे अंकल जीभ से पूरा चाट गए.

मॉम की सुसु चाटने के बाद अंकल मॉम के पास बैठ गए और उन्हें किस करने लगे.

कुछ देर बाद अंकल बोले- मेरा लंड चूसो.
मॉम वहीं झुक कर अंकल का लंड मुँह में लेकर चूसने लगीं और आगे पीछे करने लगीं.

अंकल बोले- आह साली रंडी … तुम लंड बड़ा अच्छा चूसती हो.
मॉम ने और जोर जोर से लंड चूसना शुरू कर दिया.

फिर अंकल ने एक उंगली मॉम के पीछे से उनकी गांड में डाल दी.
मॉम रुक गईं और उनको देखने लगीं.

अंकल बोले- तुम लंड चूसो … मैं अपना काम कर रहा हूँ.
मॉम हंसने लगीं और दुबारा से लंड चूसने लगीं.

अब उधर अंकल मॉम की गांड में उंगली आगे पीछे करने में लगे थे और इधर मॉम अंकल का लंड चूसती रहीं.

कुछ देर बाद अंकल ने अकड़ते हुए एक तेज धक्के के साथ अपना लंड मॉम में मुँह में अड़ा दिया और आह की आवाज करते हुए वो मॉम के मुँह में झड़ गए उन्होंने अपना वीर्य मॉम के मुँह में डाल दिया था. मॉम मजे से वीर्य चाटने लगीं.

झड़ने के बाद अंकल खड़े हुए, तो मैंने देखा कि उनका लंड मेरे आधे हाथ के बारबार दिख रहा था.
मैं सोचने लगी कि ये कैसे इतना बड़ा हो गया. क्या मेरी मॉम कोई जादूगरनी हैं.

उधर अंकल ने मॉम को बोला- मुझे आपकी गांड मारनी है.
मॉम ने बोला- क्यों चूत पसंद नहीं आई क्या?

अंकल बोले- वो तो पहले से फटी है. आज मुझे तुम्हारी मुझे गांड फाड़नी है.
मॉम डर गईं, वो बोलीं- गांड नहीं मारने दूंगी.
अंकल बोले- मैं लेकर रहूँगा.

मॉम शायद डर से भागने लगीं, तो अंकल भी मॉम के पीछे भागे और उनको सीढ़ी के पास पकड़ लिया.
वो मॉम को ज़बरदस्ती उठा लाए और सोफे पर लेटा दिया.

मॉम डर कर बोलने लगीं- चूत जितनी चोदनी है … चोद लो. गांड छोड़ दो.

उधर पर एक लम्बा बैगन रखा था. अंकल ने उसे हाथ में लेकर मॉम की चूत में घुसा दिया.

मॉम रोने लगीं- आह ये क्या डाल दिया!
अंकल बोले- रंडी तुम्हारे भोसड़े में तो पहले से आइटम घुसा है. मैं अपना लंड अब कहां डालूं!
मॉम बोलीं- छोड़ दो मुझे.

अंकल ने बैगन निकाला कर मॉम को उल्टा लिटा दिया. फिर उनकी चूत में वही बड़ा सा बैगन फिर से डाल दिया.

इसके बाद अंकल ने अपने हाथ में थूक लेकर मॉम की गांड में मल दिया और लंड सहलाने लगे.

मॉम बोलीं- पहले बैगन तो निकाल दो प्लीज़.
अंकल गुर्रा कर बोले- चुप साली रंडी.

उन्होंने अपना लंड मॉम की गांड में टिका दिया. मॉम चिल्लाने लगीं, पर अंकल को मजा आ रहा था.

वो बोले- जब चूस कर लंड खड़ा किया था … तब नहीं सोचा था कि बड़े लंड का क्या होगा. अब लो अपनी गांड में झेलो साली.

फिर अंकल ने पीछे की ओर से एक जोरदार धक्का मारा.
तो मॉम चिल्ला उठीं. घर पर कोई था भी नहीं, इसलिए अंकल को किसी का डर भी नहीं था.

अंकल मॉम की गांड मारते रहे और मॉम चिल्लाती रहीं- इह उम्म एयेए छोड़ दो … चूत फाड़ दो मेरी गांड छोड़ दो.
मॉम चिल्लाती रहीं मगर अंकल ने एक नहीं सुनी और वो मॉम की गांड मारते रहे.

फिर अचानक अंकल रुक गए.
मैंने देखा कि मॉम की गांड से खून निकलने लगा था.

मॉम कुतिया सी झुक कर लंड खा रही थीं. अंकल ने एक तेज आवाज के साथ अपने लंड का वीर्य उनकी गांड में डाल दिया.

वो दोनों अलग अलग हो गए.

मॉम अंकल के साथ नंगी ही सोफे पर बैठ गईं. अंकल एक हाथ से मॉम के मम्मों को दबा रहे थे, तो दूसरी हाथ से उनकी चूत सहला रहे थे.

मॉम बस ‘उऊहहा ..’ कर रही थीं. वो अंकल के लंड से खेल भी रही थीं.

उस समय लगभग 10 बज चुके थे.
अंकल ने मॉम को बोला- आज रमेश को भी बुला लें क्या?
मॉम ने बोला- जो आपको सही लगे, वो कीजिए.

दोनों नंगे थे. अंकल का लंड लटका हुआ था. उनका लंड आगे कुछ पिंक सा दिख रहा था एकदम गोल और मोटा सा.

अंकल मॉम की झांटों को नौंच रहे थे और सहला रहे थे.

दिनेश अंकल ने रमेश को कॉल किया और रमेश अंकल को भी बुला लिया.
रमेश अंकल दस मिनट में आ गए.

मॉम ने नंगी ही जाकर दरवाजा खोल दिया. रमेश अंकल एक बॉडी बिल्डर भी थे. इसलिए उन्होंने मेरी नंगी मॉम को गोद में उठा लिया और दिनेश अंकल के पास ले आए.

रमेश अंकल बोले- भाई तुम तो पहले से लगे हो.
दिनेश अंकल ने बोला- तुम तो पहले ही इस रंडी को चोद चुके हो.

रमेश अंकल हंसने लगे.

दिनेश ने मॉम को अपने लंड पर बैठा लिया और लंड को मॉम की काली गांड में डाल दिया. मॉम हल्के से चिल्ला उठीं.

तभी रमेश अंकल ने बोला- मेरा लंड चूसो.

ये कह कर रमेश अंकल ने अपना लंड मॉम के मुँह में डाल दिया. मॉम लंड चूसने लगीं और पीछे से गांड मरवाने लगीं.

रमेश अंकल ने बोला- आज तुम्हें डबल मजा दूंगा. तुमको जन्नत का मजा आएगा भाभी. आज दो लंड से चुदवा कर तुम मस्त हो जाओगी.
मॉम हंसने लगीं.

दिनेश अंकल ने बोला- हां भाई, आज तो इसकी गांड और चुत की सेवा एक साथ होगी.

फिर रमेश अंकल भी पूरी तरह नंगा हो गए. मैंने देखा कि रमेश अंकल का लंड दिनेश अंकल से ज़्यादा मोटा था.

रमेश अंकल ने अपना लंड मॉम के मुँह से बाहर निकाल लिया और बोले- दिनेश, इसकी गांड मुझे मार लेने दो, तुम चूत में लग जाओ.
दिनेश अंकल ने बोला- ओके.

मॉम बोलीं- नहीं रमेश, तुम मेरी चूत मारो.
रमेश अंकल ने बोला- दिनेश का लंड गांड में ज़्यादा मज़ा दे रहा था क्या? मेरा डलवा कर देख रंडी … तेरी गांड फाड़ दूंगा साली.

मॉम हंसने लगीं और उल्टी घूम गईं.

दिनेश अंकल मॉम की चूत चोदने लगे और रमेश अंकल ने मॉम की गांड में लंड पेल दिया.

वो दोनों लगभग आधे घंटे तक मॉम को अपने लंड पर झूला झुलाते रहे. उनकी चूचियों को दोनों ने खूब चूसा और मसल मसल कर लाल कर दीं.

मॉम की चुत और गांड में दोनों के लंड घुसे हुए थे और वो मस्ती से चिल्ला रही थीं- उम्म्म आहह फाड़ दो … ऊओअ.

मेरी चुदक्कड़ मॉम दो लंड से अपनी चुदाई का मजा लेती रहीं.
फिर दोनों ने वीर्य छोड़ दिया और मॉम को सोफे पर लिटा कर उनकी चूत में एक डंडा डाल कर दोनों चले गए.

 

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