रसोई में ही पेटीकोट उठाकर चोद दिया बेटे ने

रसोई में ही पेटीकोट उठाकर चोद दिया बेटे ने

Ma Beta Sex Story Mother Son Sex Story : आज मैं आपको अपनी व्यथा सुनाने जा रही हूँ। मैं दस दिन से काफी परेशान थी। पर आज मैं आपके सामने अपनी कहानी नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर सुनाने जा रही हूँ ताकि मुझे चैन आ जाये। ये मेरी पहली कहानी है नॉनवेज स्टोरी पर और आशा करती हूँ आपको मेरी ये सेक्स कहानी अच्छी लगेगी।

पेटीकोट उठाकर चोद दिया बेटे ने – मेरा नाम माया है और मैं चालीस साल की खूबसूरत औरत हूँ। मैं अभी भी पचीस साल की लड़की को फेल कर देती हूँ। मेरा बदन गठीला है। मेरी चूचियां टाइट है। गोल गोल गांड है। कमर चौड़ी है पर पति पतली है। गांड की उभार बाहर की तरफ है। मेरे नैन नक्श कातिलाना है। मेरी बूब्स की साइज 34 है। दोस्तों मस्त माल हूँ। पर ये मस्त माल आपके लिए हो सकती थी तो अच्छा लगता पर अपने बेटे से चुद गयी वो थोड़ा ठीक नहीं लगा। पर वो भी क्या करता मैं करती ही थी ऐसी और रहती थी हॉट और सेक्सी तरीके से इसलिए वो मुझे चोद दिया। शायद उसके बस में भी नहीं रहा था अपने आप को संभाल पाना।

अब मैं सीधे कहानी पर आती हूँ। मेरे घर में मैं मेरा बेटा राज और मेरा पति सौविक रहते हैं। पति की ट्रांसफर अभी मुंबई हो गया है इसीलिए मैं माँ बेटा दोनों ही हैं। तो दोस्तों मैं चुड़क्कड़ किस्म की औरत हूँ। सेक्स कहानियां मुझे बहुत अच्छी लगती है। और जब पति नहीं है तो इसी वेबसाइट पर आकर हॉट कहानियां पढ़ कर फिर अपनी चूत में ऊँगली कर लेती हूँ और फिर सो जाती हूँ तकिया जांघ के बिच में रखकर। मेरा बेटा दूसरे कमरे में सोता है।

एक दिन की बात है। सुबह का समय था। मेरा सोया था तभी मैं उठ गयी और रसोई में नास्ता बना रही थी। उस दिन मुझे अपने एक रिस्तेदार के यहाँ जाना था इसलिए साडी पहनना था। तो नहा धोकर मैं किचेन में थी। मैं ब्लाउज और पेटीकोट में थी। बड़ी बड़ी चूचियां का उभार ब्लाउज से दिखाई दे रहा था और कमर के निचे पेटीकोट बाँध रखी थी तो पेट गोल और गांड पीछे की तरफ उभार लिए था। बाल मेरे गीले थे तो पीछे लटक रहे थे। मैं हॉट लग रही थी।

तभी मेरा बेटा सोकर आया और पीछे से मेरे से आकर मुझे पकड़ लिया और अपना सर मेरे कंधे पर रही दिया वो मेरे पीछे खड़ा था सट कर। और मुझे गुड मॉर्निंग बोला। मैंने भी कहा गुड मॉर्निंग बेटा। और मैं उसको प्यार से हाथ फेर दी। वो और भी ज्यादा दुलार बन गया और तोतली भाषा में यानी प्यार से कहने लगा। मैं बहुत प्याल कलता हूँ आपको। तो मैं बोली मैं भी करती हूँ।

फिर उसने कहा आप तो सिर्फ बेटे वाला प्यार करती हो मैं तो आपको अपना सब कुछ मानता हूँ आपको माँ, बहन, टीचर, गुरु, और गर्ल फ्रेंड भी। तो मैं बोली तो देती हूँ भी सब प्यार जो जो तुम मांगते हो। तो वो बोल दिया आप सब प्यार देते हो पर गर्लफ्रेंड का प्यार नहीं देती हूँ। और वो मेरे से चिपक गया। पीछे से। मुझे उसके करीब होने का एहसास होने भी लगा था।

मैं थोड़ा सहम सी गयी थी क्यों की उसका मोटा लौड़ा मेरी गांड के बिच में आ गया था और धीरे धीरे खड़ा हो रहा था। तो मुझे उसके लैंड का बड़ा होना और मेरे जिस्म से टकराना महसूस हो रहा था। मैंने अपने बेटे को अलग होने को कहा पर उसने तुरंत ही कह दिया हो गया ना प्यार करना मैंने कहा ना आप मुझे गर्लफ्रेंड की तरह प्यार नहीं करती हो। इसलिए आज से मैं अपने लिए एक गिर्ल्फ्रेंड बनाऊंगा और मेरे दोस्त की बहन पिंकी तो मुझे लाइन भी दे रही है।

मुझे पिंकी का नाम आते ही उसको डांट दी और बोल दी अलग रहा उस लड़की से वो अच्छी नहीं है। वो कई लड़कों के साथ घूमती है। कई बार रात रात भर नहीं आती है घर पर। कहती है दोस्त के यहाँ जा रही हु पर वो लड़के के साथ होटल में होती है। तो मेरा बेटा तुरंत कह दिया फिर आप मुझे मत रोका करो मैं किसी को भी दोस्त नहीं बनाऊंगा। मैं चुप हो गयी।

वो समझ गया मम्मी चुप है यानी की इशारा है। वो अब और भी ज्यादा चिपक गया और अब अपना हाथ आगे लाकर मेरे पेट को पकड़ लिया और नाभि में अपनी ऊँगली डालने लगा। मेरे शरीर में करंट दौड़ गया। मुझे अब उसका छुअन अच्छा लगने लगा. मेरी साँसे तेज हो गयी। मेरे शरीर में सिहरन होने लगी गरम गरम साँसे चलने लगी। मुझे अब उसका छूना अच्छा लगने लगा। मैं भी पागल होने लगी।

दोस्तों तब तक उसका लौड़ा काफी मोटा और खड़ा हो गया था जो मेरी गांड के बीचो बिच था। अब वो रगड़ने लगा अपना लंड मेरी गांड में। मैं अब होश खोने लगी। और अपना गांड हौले हौले से उसके तरफ धकेलने लगी। तभी वो अपना बरमुंडा निचे कर दिया और अपना लौड़ा हाथ में ले लिया। मेरी पेटीकोट को ऊपर कर दिया। मैं अंदर पेंटी नहीं पहनी थी।

उसने मुझे थोड़ा झुकाया और अपना लौड़ा मेरी चुत पर सेट कर के जोर से धक्के दे दिया। उसका पूरा लंड मेरी चुत के अंदर चला गया और वो जोर जोर से धक्के देने लगा। मेरी गांड हिल रही थी। जोर के धक्के से। अब वो मेरी बूब सहलाना शुरू किया। फिर मैं खुद ही ब्लाउज का हुक खोल दी और ब्रा से अपनी चूचियां निकाल दी पर मुझे काफी दिक्क्त हो रहा था इसलिए मैं तुरंत ही ब्लाउज और ब्रा उतार दी।

अब वो मेरी चूचियों को मसलते हुए जोर जोर से धक्के देने लगा। मेरी चूत गीली हो गयी थी इसलिए उसका लंड अंदर बाहर आराम से हो रहा था। जोर जोर से धक्के दे रहा था। मैं पागल हो रही थी। मेरी सिसकारियां निकल रही थी मुँह से और आह आह आह आह आह ओह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह कर रही थी।

वो भी गांड पर थप्पड़ मार मार कर मुझे चोद रहा था। करीब दस मिनट तक ऐसे ही चोदते रहा था फिर सारा माल मेरी चूत में गिरा दिया और फिर गांड पर किस करने लगा। मैं घूम गयी सीधी हो गयी और उसके होठ को चूसने लगी। वो भी मेरी होठ को चूसने लगा। फिर वो मेरी चूचियों को सहालते हुए पीने लगा।

तभी मेरे रिस्तेदार का फ़ोन आ गया। और मैं कपडे पहन कर बात करने लगी क्यों की कुछ जरुरी थी बात करना। आधे घंटे तक बात करने के बाद मेरा बेटा फिर से चक्कर लगाने लगा मेरे तरफ और उसने मुझे इस बार बेड पर लिटा कर चोदा। उस दिन के बाद मैं रोजाना चुदती हूँ और मजे ले रही हूँ।

कई बार सोचती हूँ सही है मेरा बेटा किसी गलत लड़की के चक्कर में ना फंस जाए इसलिए चुद जाती हूँ। फिर कभी लगता है ये सही नहीं है। अब आप ही बताओ दोस्तों मैं क्या करूँ। वासना की आग कम होती नहीं और चुदाई के बिना रह नहीं पा रही हूँ।

Categories Antarvasna, Family Sex Story, Najayaz Rishte Tags desi kahani, Ghar Ka Maal, Rishton Me Sex, रिश्तों में सेक्स

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