रिक्शावाले ने जवान लड़की की बुर फाड़ी

नमस्कार दोस्तो, कैसे हो सब? मैं खुशी, आपके लिए एक कहानी लेकर हाजिर हूँ. इसमें मैं बताऊंगी कि कैसे मेरी पहली चुदाई एक रिक्शेवाले से हुई थी.

कोलेज गर्ल टीन सेक्स कहानी शुरू करने से पहले थोड़ा मेरे बारे में जान लें.

दोस्तो, मेरी उम्र 21 साल है. ये कहानी उस वक्त की है जब मैं 12वीं क्लास में थी. उस समय मेरी उम्र 19 साल थी.
मेरा फिगर उस समय 32-28-34 का था.

मैंने कभी सेक्स नहीं किया था. उस वक्त मेरा सेक्स करने का बहुत मन करता था इसलिए मैं अपनी चूत में उंगली, पेन, पेंसिल आदि भी डाल लेती थी.

हमारे घर के पास कुछ कुत्ते रहते थे.
उनके बीच एक ही कुतिया थी. वो उसको चोदते थे तो मैं उनको देखा करती थी.

उनको देख मेरा मन भी चुदने का करने लगता था.
मैं सोचा करती थी कि कोई मुझे भी कुतिया की तरह ही चोद दे.

एक बार मैं कोलेज से वापस आ रही थी. मेरे पास पैसे नहीं थे.

मेरा घर कोलेज से बहुत दूर था. कोलेज के लिए मुझे रिक्शा करके जाना पड़ता था.

उस दिन कोई रिक्शा वाला जाने के लिए तैयार नहीं था.
मैंने बहुत बोला कि मैं घर पहुँच कर पैसे दे दूंगी मगर वो नहीं मान रहा था.

फ़िर कुछ देर बाद एक रिक्शा वाला तैयार हुआ.
उसकी उम्र लगभग 45 साल थी.

मैं उसके रिक्शा में बैठ गई और हम चल पड़े.

कुछ दूर चलने के बाद सुनसान रास्ते पर पहुँच गए हम!

अचानक रिक्शा की चेन उतर गई.

उसने रिक्शा साइड पर रोका और चेन चढ़ाने लगा.

जब वो चेन चढ़ा रहा था तो उसकी नज़र मेरे पैरों के बीच पड़ी.

मैं इस सब से अनजान पैर खोल कर आराम से बैठी थी.

उसने मेरी गोल जांघों के साथ मेरी पैंटी भी देख ली.

उसके बाद वो चेन चढ़ाकर चलने लगा तो वो मुझसे बात करने लगा.

बातों बातों में उसने मुझे बताया कि रिक्शे वाले लड़कियों को गंदी नजर से देखते हैं.

इससे मेरी उत्सुकता बढ़ी; मैंने पूछा- किस गंदी नज़र से?
तो वो बोला- तुम नहीं समझोगी.
मैंने बोला- आप समझाओ मुझे … ताकि मैं इन सब चीजों का ध्यान रख सकूं.

तो वो बोला- बुरा मान जाओगी.
मैंने कहा- नहीं मानूंगी.

तो वो बोला- वो ऐसे बात करते हैं … कि गोरी लड़कियों के वहां भूरे बाल होते हैं काले नहीं होते.

मैं बोली- ऐसा तो नहीं है.
तो वो बोला- तो कैसे होते हैं?
मैं बोली- काले ही होते हैं.

वो बोला- नहीं, मैं तो नहीं मान सकता. मैंने तो यही सुना है.

उसकी बातों से मेरे अंदर सेक्स जागने लगा.
मेरी चूत की बात एक अधेड़ उम्र का आदमी कर रहा था.

मैं जान गई थी कि वो जानबूझकर ये सब बातें कर रहा था.
मगर मैं अब खुद चाहती थी कि वो ऐसी ही बातें करे.

मैं बोली- आपने जो भी सुना हो लेकिन मैं तो एक लड़की हूं. मुझे तो पता होगा ना कि कैसे होते हैं.

वो बोला- मुझे दिखा सकती हो क्या?
मैं बोली- नहीं, आप ये कैसी बात कर रहे हैं?
इस पर वो कुछ नहीं बोला.

फिर एक मिनट रुक कर उसने कहा- अगर तुम चाहो तो मैं तुम्हें फ्री में घर तक छोड़ दूंगा. कोई किराया नहीं लूंगा. बस एक बार तुम्हें अपनी दिखानी होगी मुझे. मेरा देखने का बहुत मन है. क्या तुम मुझे दिखा सकती हो?

फिर भी मैंने साफ मना कर दिया.

वो बोला- मैं तुम्हें बस स्कर्ट उठाने के 500 रुपये दे सकता हूं. सोच लो?
अब केवल स्कर्ट उठाने के मुझे 500 रुपये मिल रहे थे तो मेरे मन में लालच आ गया.

मैं तैयार हो गई और बोली- ठीक है, पहले रुपये दो.
ये सुनते ही उसने रिक्शा रोक दिया और अपनी जेब में से 500 रुपये निकाल कर दे दिये.
मैंने रुपये बैग में रख लिये.

सड़क के पास ही खेत थे; खेत में सरसों उगी हुई थी.

वो बोला- खेत में चलो, वहां दिखाना … यहाँ सड़क पर कोई देख सकता है.
मैं अपना बैग वहीं रिक्शा में छोड़कर खेत में चली गई.

मैं थोड़ी दूर जाकर बैठ गई.

बैठने के बाद मैं दिखाई नहीं दे रही थी.
मेरे पीछे पीछे वो आ गया और पास में बैठ गया.

फ़िर मैंने शर्माते हुए अपनी पैंटी उतार दी और पास में रख दी.
जैसे ही मैंने स्कर्ट उठाई … वो मेरी चूत देखता रह गया.

दो मिनट के बाद मैंने स्कर्ट नीचे कर दी.
तब उसको होश आया.

वो बोला- तुम्हारी चूत बहुत अच्छी है. मैंने आज तक ऐसी चूत नहीं देखी.
फ़िर बोला- अगर मुझे अपने बूब्स दिखा दोगी तो मैं और 500 रुपये दूंगा.

ये बोलते हुए उसने 500 का नोट मेरी तरफ बढ़ाया.
मैंने बिना सोचे नोट पकड़ लिया.

फ़िर वो बोला- दिखाओ तो?
मैं अपनी शर्ट के बटन खोलने लगी.

शर्ट खोलकर ब्रा ऊपर करते ही मेरे 32 के बूब्स उसके सामने आ गए और वो उन्हें मसलने लगा.

मेरे निप्पल हार्ड हो गए.

इसके बाद वो बोला- तुम्हारी चूत बहुत सुंदर है. मैं फ़िर से देखना चाहता हूं.
तो मैंने स्कर्ट उठा ली.

वो मेरे पैरों के बीच में सिर डालकर बिल्कुल पास से मेरी चूत देखने लगा.
उसकी गर्म साँसें मुझे अपनी चूत पर महसूस हो रही थीं.

अचानक उसकी जीभ मेरी चूत पर लगी … तो मेरी पूरी बॉडी में करंट सा लगा.

मैं झटके से ऊपर हो गई और बाली- क्या कर रहे हो?
तो वो बोला- स्वाद देख रहा था तुम्हारी चूत का!
मैंने पूछा- कैसा है?

वो बोला- तुम तो पहले ही ऊपर हो गई. ठीक से देखने दो.
वो मुझे जांघों से पकड़ कर मेरी चूत चाटने लगा.

मेरे लिए ये सब बिल्कुल नया था; मुझे बहुत मजा आ रहा था.

मैं उसे रोक भी नहीं पाई और अपने पैर पूरे खोल दिये जिससे उसकी जीभ मेरी चूत में पूरी जा सके.
वो मेरी चूत के दाने पर अपनी जीभ घुमाने लगा.

मैं पागल सी होने लगी.

वो कभी मेरी चूत में अंदर तक जीभ को घुसा रहा था.

मैं भी अपनी चूत उसके मुंह पर दबा कर पूरा आनंद ले रही थी.

अचानक वो रुक गया और मुंह उठाकर बोला- तुम मेरा देखना चाहोगी?
मैंने हाँ में गर्दन हिला दी तो उसने अपना पजामा नीचे कर दिया और उसका लंड बाहर निकल आया.

मैं उसका सांवला मोटा लंड देखकर डर गई.

वो बोला- डरो नहीं, इसे पकड़ने में मजा आता है. चाहो तो हाथ लगाकर देख लो. मैं पैसे नहीं लूंगा दिखाने के!
तो मैंने उसका लंड पकड़ लिया.

मेरे पकड़ते ही उसका लंड और कठोर हो गया.
मैं उसकी खाल आगे पीछे करके देखने लगी.

तभी वो बोला- एक किस तो कर दो लंड पर?
मैं उसकी तरफ देखने लगी.

उसने लंड मेरे मुंह के आगे कर दिया.
मैंने भी एक छोटी सी किस उसके लंड पर कर दी.
मुझे बहुत अजीब लगा क्योंकि ये मेरा पहली बार था.

किस करने के बाद वो बोला- तुम भी टेस्ट करके देखो कैसा है मेरे लंड का स्वाद?
ये बोलकर उसने अपना लंड मेरे मुंह के पास कर दिया.

मैंने आँखें बन्द कर लीं और उसका लंड पकड़ कर मुंह में ले लिया.
उसका बहुत अजीब स्वाद था लेकिन जब मैं उसको चूसने लगी तो वो मुझे अच्छा लगने लगा.

मैंने एक हाथ से उसका लंड पकड़ लिया और उससे उसकी खाल पीछे करके आगे का टोपा आराम से चूसने लगी.

लंड के टोपे के अंदर से नमकीन सा पानी आ रहा था.
अब उसका लंड बहुत ज्यादा कठोर हो गया और वो आदमी कुछ ज्यादा ही उत्तेजित हो गया.

मैं भी उसके लंड को ऐसे चूसने लगी जैसे बोतल में नली डालकर जूस पीते हैं.

वो मेरे बूब्स को दबाने लगा. वो बोला- हां … आह्ह … चूस चूसकर इसको पूरा गीला कर दो. इसमें से और भी अच्छा रस निकलता है.

उसके कहने पर मैं उसके लंड को मुंह से निकाल कर उस पर जीभ फिराने लगी.
मैंने उसका पूरा लंड गीला कर दिया.

इसके बाद वो मेरे पैरों के बीच में आ गया.
वो मेरी चूत पर अपना लंड रगड़ने लगा.

मुझे डर भी लग रहा था और मजा भी आ रहा था.

कुछ देर रगड़ने से मेरी चूत और गीली हो गई.
उसने अपने लंड का सुपारा मेरी चूत के छेद पर सेट किया और मेरे ऊपर झुक गया.
फ़िर मेरे बूब्स दबाए और मेरे मुंह पर हाथ रख कर अपनी कमर आगे कर दी.

उसका आधा लंड एक झटके में मेरी चूत में घुस गया और मुझे लगा मेरी साँस ही रुक गई.
वो वहीं रुक गया.

मेरी आँखों से आँसू आने लगे.

तभी उसने दूसरा झटका मार कर अपना पूरा लंड मेरे कमसिन चूत के अंदर घुसा दिया.
मेरी आँखों के सामने अंधेरा आ गया.

वह इस सबसे बेखबर मेरी ताबड़तोड़ चुदाई में लगा था.
उसका लंड मेरी बच्चेदानी से टकरा रहा था.

धीरे धीरे मेरा दर्द भी कम हो गया.
मुझे भी मजा आने लगा.
मैं भी गांड उठा उठाकर उसके धक्कों का जवाब देने लगी.

मेरी चूत में से पानी निकल रहा था जिससे उसका लंड चिकना होकर और भी मजे दे रहा था.
उसकी इस जबरदस्त चुदाई से मैं एक बार झड़ चुकी थी लेकिन उसकी रफ्तार अभी भी कम नहीं हुई थी.

अचानक उसने अपनी स्पीड बढ़ा दी और 10-12 जोरदार धक्के लगाकर लंड पूरा जड़ तक घुसा दिया.
इसी पल मेरी चूत में गर्म गर्म वीर्य की पिचकारी भरने लगी.

उसने मेरी चूत को कई पिचकारी मारते हुए अपने वीर्य से भर दिया.
फिर वो ऐसे ही मेरे ऊपर लेट गया.

कुछ पल के बाद वो एक तरफ हुआ और मेरी पैंटी से अपना लंड साफ कर लिया.

उसके बाद उसने मेरी चूत को भी साफ किया.
उसका रस अभी भी टपक रहा था.

फ़िर वो कपड़े पहनकर बोला- पहले मैं बाहर जाता हूं, फ़िर तुम आना.

ये बोलकर वो रिक्शा के पास चला गया.

मैंने भी ब्रा और पैंटी पहन ली. मैंने अपनी शर्ट के बटन बंद किये और सड़क पर चली गई.

वो बोला- तुम गर्भवती हो सकती हो … इसलिए कल मुझे मिलना कोलेज के बाहर … मैं तुम्हें दवाई दे दूंगा.
मैं बोली- ठीक है.

फ़िर उसने मुझे घर छोड़ दिया.

दोस्तो उस दिन मैं पहली बार सेक्स करके आई थी.
मुझे पहली बार चूत में लंड का अहसास मिला था.

अब तक मैंने सिर्फ नंगी फिल्में देखी थीं और चुदाई की बातें ही सुनी थीं.
मगर आज मैं चुदाई का एक्सपीरियंस लेकर आई थी.
सच बताऊं तो ऐसा लग रहा था जैसे जिन्दगी में नई बहार आ गई है.

मेरा पहला स्खलन चुदते हुए हुआ था.
मैं बहुत खुश थी.
ऐसा लग रहा था जैसे चूत की जोरदार मालिश करवाकर आई हूं.

घर आने के बाद मैं वॉशरूम में गई.
मैंने अपनी पैंटी उतार दी, बाथरूम में अपनी चूत को शीशे में देखा.

मेरी चूत फूली हुई लग रही थी.
आज वो बहुत सुंदर लग रही थी.
लंड की रगड़ से चूत के होंठ एकदम से लाल हुए पड़े थे और अजब सी सुरसुरी चल रही थी चूत की फांकों में.

मैं पेशाब करने नीचे बैठ गयी.

जब गर्म गर्म पेशाब निकला तो चूत में चीस उठी.
मगर फिर वही गर्म गर्म पेशाब मेरी चूत में आराम देने लगा.

फिर मैंने गर्म पानी से चूत को धोया और उस पर क्रीम लगाई ताकि दर्द जल्दी से कम हो सके.

उस रोज मुझे रात तक ऐसा लगता रहा जैसे अभी अभी मेरी चूत से लंड चोदकर निकला हो.

मुझे दर्द भी हो रहा था और चलते हुए चूत में लंड से चुदने का बार बार अहसास भी हो रहा था.

वो अहसास आज भी वैसा ही याद है और मेरी यादों में ताज़ा है.

 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *