पायल की चमक चांदनी रात में

पायल की चमक चांदनी रात में चमक रही थी और गोर गोर उसके बदन, मुँह पर साडी लपेटी हुई थी, विजली नहीं के बराबर ही थी.मैं बैठ कर उसके बदन को निहार रहा था !

मैं अभी गाँव गया था, एक शादी में, शादी मेरे साले की बेटी की थी, घर बहुत छोटा था, और गर्मी बहुत पड़ रही थी, गाँव में गर्मी से हालत बहुत ख़राब हो रहे थे, दिन भर किसी तरह से गर्मी काटता और रात को थोड़ा राहत होती, क्यों की छत पर जाकर सोता, विजली नहीं के बराबर ही थी.

शादी के एक दिन पहले की बात है लेडीज गीत गा रही थी, सब लोग सो गए थे, दिन भर का थका मांदा जो एक बार सो गया वो अब सुबह ही उठेगा, ऐसी नींद पड़ती थी, मेरी पत्नी आई और बोली बगल के घर में इन्वर्टर लगा है, मैं वही सो जाउंगी, एक कमरे में सारे लेडीज सो रही है, अच्छा है वहा सोने का इंतज़ाम, मैंने कहा ठीक है भाई तुम्हारा तो इंतज़ाम हो गया है, चलो मैं छत पर ही ठीक हु,


वो चली गई, और मुझे नींद आ गई, रात के करीब तीन बजे मेरी नींद खुली अँधेरा था, कुछ और भी बच्चे और औरत सोई हुई थी, एक लाइन से, मैं लास्ट में था, एक बहुत बड़ा सा दरी बिछी हुई थी उसी पर सब लोग अपना अपना बेडशीट बिछा कर सो रहे थे, दोस्तों मैं हैरान रह गया, मेरे बगल में एक औरत सोई हुई थी, साडी पहनी थी, साडी अस्त व्यस्त थी, घुटने तक उठी थी, पायल की चमक चांदनी रात में चमक रही थी और गोर गोर उसके बदन, मुँह पर साडी लपेटी हुई थी,

ब्लाउज से दो बड़ी बड़ी चूचियां तनी हुई थी, और ऊपर से क्लीवेज दिख रहा था, पेट चौड़ी थी, नाभि देखकर ऐसा लग रहा था की अपना लौड़ा उसी में डाल दू. गोल गोल काली पर लाल लाल चुडिया, नींद में साँसे लेती थी तो उसकी चूचियां ऊपर निचे हो रही थी, गजब की औरत थी , क्या खूबसूरत, ओह्ह्ह मेरा मन तो ठनक गया, मेरी साँसे तेजी से चलने लगी. मैं बैठ कर उसके बदन को निहार रहा था, तभी वो करबट ले ली और सरक कर मेरे साइड में और आ गई, अब उसका पीठ दिख रहा था, और चौड़ी गांड मेरे तरफ थी.


मैं वापस सो गया पर मेरी नींद उड़ चुकी थी, मैंने अपना लण्ड हाथ में लिया और हिलाने लगा. मैं उस औरत को पहचानता नहीं था, पर वो भरपूर जवान थी करीब ३० साल की होगी, उसके बाद मैं उसके तरह घूम गया और अपना लण्ड हाथ के लेके हिलाने लगा. तभी वो फिर सरक कर मेरे तरफ हो गई, अब वो मेरे में सट गई थी, मेरा लण्ड उसके चूतड़ में सट गया था, उसके बदन के डिओड्रेंट की भीनी भीनी खुसबू आने लगी थी, मैं और भी ज्यादा मदहोश होने लगा.

मुझे लगा की जो हो जाये, आज मैं इस सुंदरी को छोडूंगा नहीं, आज अपने लण्ड का रस इस खूबसूरत मदमस्त औरत के चूत मे डालूंगा, और फिर क्या था, मैं अपने हाथ को उसके बांह पर रख दिया, और धीरे धीरे सहलाने लगा. उसके बाद वो फिर करवट ली और फिर सीधी हो गई, मुँह उसका साड़ी के आँचल से ढका हुआ था, पर बाकी सब कुछ मेरे सामने था, मेरे नजर के सामने उसका ब्लाउज था, चौड़ी पेट, मोटी मोटी जांघें, मैंने अपना हाथ उसके चूच पर रख दिया, थोड़े देर तक यों ही रखे रखा और फिर सहलाने लगा.

और फिर दबाने लगा. और फिर ब्लाउज का हुक खोल दिया, और उसके चूच को जोर जोर से दबाने लगा. दोस्तों क्या बताऊँ फिर मैंने उसका साडी ऊपर कर दिया, वो अंदर जाँघियां नहीं पहनी थी, मोटे मोटे गोर गोर जाँघों को सहलाते हुए, जब मैं अपना हाथ उसके चूत पर रखा तो, एक अलग ही गर्मी की एहसास हुआ, चूत पर घने बाल थे, और चूत गीली हो चुकी थी, और चूत की गर्मी साफ़ पता चल रहा था.


तभी वो फिर वापस पलट गई फिर गांड मेरे तरफ आ गया था, अब मेरे से रहा नहीं जा रहा था, साडी को पूरा उठा दिया, गोल गोल चूतड़ बहुत ही मस्त लग रहे थे, मैंने सहलाया, और फिर चूत में ऊँगली की, चूत गीली और चिकिनी होने की वजह ऊँगली अंदर चली गई,
फिर मैंने अपना लण्ड निकाला, और उसके पैर को उठा पर अपने ऊपर रख और और अपने एक पैर को उसके दोनों पैरो को बिच में डाल कर, लण्ड को चूत के छेद पर रख कर, अंदर पेल दिया, ओह्ह्ह्ह क्या बताऊँ दोस्तों ना ज्यादा टाइट चूत थी ना ज्यादा ढीला, मेरा पूरा नौ इंच का लौड़ा उसके चूत में समा गया, जब मेरा पूरा लण्ड उसके चूत के अंदर गया, तो उसके मुँह से आवाज निकली आह,,, और फिर मैं धीरे धीरे चूत पे लण्ड पेलना शुरू कर दिया,

चूतड़ हिल रहे थे मेरे चोदने के झटके से, उसकी चूत में मेरा लण्ड अंदर बाहर हो रहा था, मैंने चूचियों को मसलते हुए, पूरा सेक्स का मजा ले रहा था, पर ज्यादा देर तक नहीं चोद पाया, क्यों की मैं बहुत पहले से गरम था, और करीब १० मिनट में ही ही मैं खल्लास हो गया, पर वो संतुष्ट नहीं हो पाई थी, क्यों की उसके मुँह से उह्ह की आवाज निकली, मैं सर्मिन्दा हो गया, मुझे नींद आ गयी, जब मेरी नींद खुली तो वो नहीं दिखी, शादी में बहुत सी औरते आई हुई थी. पर दिन भर उसको पहचानने की कोशिश की पर ढूंढ़ नहीं सका.

दूसरे दिन रात को फिर वही सोया था, और फिर रात के करीब दो बजे आई, और फिर मेरे साथ ही लेट गई. फिर क्या था, उसके बदन को टटोलना शुरू किया, ब्लाउज की हुक खोल दी, और इस बार ब्रा का हुक भी खोल दिया, और पेटी कोट को ऊपर कर दिया, पर वो अपना मुँह ढकी ही रही, हटाने की कोशिश की पर वो नहीं हटाई, इस बार उसके ऊपर चढ़ गया, और जोर जोर से चोदने लगा. करीब आधे घंटे तक खूब चोदा, कभी पीछे से कभी ऊपर से कभी चूचियों को सहलाता और कभी अपने मुँह में लेके पिने लगता, आज तो बहुत संतुष्ट थी, वो मुझे पकड़ पकड़ कर खूब चुदी, मैं भी जल्दी बाजी नहीं किया और उसको संतुष्ट किया, फिर वो उठ कर चली गई.दूसरे दिन वो नहीं आई सोने, शायद वो वापस चली गई, वो शादी में आई थी. और फिर उसके दूसरे दिन हमलोग भी वह से चल दिया. पर एक खूबसूरत सी यादें लेके.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *