जीजा के भाई से चुदवाई

मैं रोशनी कानपूर की रहने वाली हूँ. मेरी उमर २१ साल, रंग गोरा, काले लंबे बॉल और बदन एक दम स्लिम है. मैं अपनी आप बीती बताने जा रही हूँ जो की मेरे साथ ३ साल पहले हुई. मैने अभी अभी १२ पास किया था. मेरी दीदी को बच्चा होने वाला था इसलिए मैं अपने दीदी के यहाँ गयी थी. मेरे जीजा ब्रिजेश का छ्होटा भाई अंकित जिसकी उमर २५ साल, दिखने में एक दम स्मार्ट और बदन गातीला था. वो मुझे हमेशा घूरता रहता था. मैने अपनी दीदी से कहा तो वो बोली की चिंता की कोई बात नहीं है, आख़िर वो भी तो तुम्हारा जीजा है. दीदी के समझाने के बाद भी मुझे उस पर पूरा विश्वास नहीं था. मुझे आज तक किसी आदमी ने हाथ नहीं लगाया था और मैं अभी तक कुँवारी थी. 

१२-१३ दिनों के बाद दीदी को डेलिवरी के लिए रात के १०.३० बजे नर्सिंग होमे ले जा कर अड्मिट करना पड़ा. मेरे जीजा और उनका भाई अंकित उन्हे ले कर चले गये. मेरे सिर में दर्द था इसलिए मैं नहीं गयी. जब वो सब मेरी दीदी को लेकर चले गये तो मैं सोने चली गयी. मैने अपनी दीदी की नाइटी पहन रखी थी. रूम में एक दम अंधेरा था. रात में अचानक मुझे महसूस हुआ की कोई मेरी बूब्स पर हाथ फिरा रहा है. मैं डर गयी. मैं अंधेरे में कुछ नहीं देख पा रही थी. उसने मेरे बूब्स को सहलाना शुरू कर दिया. मुझे अच्छा लगने लगा और मेरी धड़कने तेज़ होने लगी. मैने हाथ से टटोला तो मुझे उसकी कलाई पर एक चैन महसूस हुआ. उस तरह का चैन मैने अंकित के हाथ में देखा था. मैं समझ गयी की वो अंकित है. मुझे उसका हाथ फिराना बहुत अच्च्छा लग रहा था इस लिए मैने उसे रोका नहीं. उसके हाथ अभी भी मेरे बूब्स को सहला रहे थे. फिर वो मेरी बगल में लेट गया.


10 मिनट बाद उसने मेरे दोनो बूब्स को हाथों में पकड़ लिया और धीरे धीरे मसालने लगा. मैं उसकी गरम गरम साँसों को अपने हाथ पर महसूस कर रही थी. आज पहली बार कोई आदमी मेरे बदन पर हाथ लगा रहा था इस लिए मुझे बहुत ही अच्च्छा लग रहा था. थोड़ी देर बाद उसने अपना हाथ हटा लिया और अपना मूह मेरे बूब्स पर लगा दिया. उसकी साँसें एक दम गरम गरम थी और बहुत तेज़ चल रही थी. उसने मेरे बूब को अपने मूह में ले लिया और चूसने लगा. 10 मिनट बाद वो मेरे गालो को चूमने लगा. फिर उसने मेरी गर्दन और उसके बाद मेरे होठों को चूमने लगा. फिर उसने मेरे निचले होंठ को अपने मूह में दबा लिया और चूसने लगा. मैं एक दम कंट्रोल से बाहर होने लगी तो मैने उसे धकेल दिया. अब मेरी पीठ उसकी तरफ थी और वो मेरी पीठ को सहलाने लगा. फिर उसने अपने हाथ से मेरी बूब्स के निपल को पकड़ लिया और दबाने लगा. मेरे सारे बदन में बिजली सी दौड़ गयी. 10 मिनट में ही मेरी चूत गीली हो गयी. जोश के मारे मूह से आहह….. ओफफ्फ़….. ससस्स….. की आवाज़ निकालने लगी. वो मेरी पीठ को सहलाता रहा और मेरे निपल्स को मसलता रहा.


उसके बाद उसने मेरी नाइटी उपर कर दी तो मैं नीचे से एक दम नंगी हो गयी. जोश से मेरी क्लाइटॉरिस एक दम टाइट हो चुकी थी. मेरी चूत भी एक दम गीली हो चुकी थी तभी उसने मेरा मूह अपनी तरफ कर लिया. उसने अपनी उंगली मेरी क्लाइटॉरिस पर लगा दी और गोल गोल घुमाने लगा. में एक दम बेकाबू होने लगी. मैने उसे अपनी बहो में जाकड़ लिया. वो अपनी उंगली घुमाता रहा और मेरे सारे बदन में आग सी लगती जा रही थी. मैं उसका नंगा बदन महसूस कर रही थी. वो एक हाथ से मेरे निपल्स को दबा रहा था और दूसरे हाथ की उंगली मेरी क्लाइटॉरिस पर रगड़ रहा था. 2 मिनट में ही मैं जोश से के दम बेकाबू हो गयी और झड़ गयी. मेरे मूह से ज़ोर ज़ोर से ऊहह……. उफ़फ्फ़….. सस्सस्स…… की आवाज़ निकालने लगी. अब मेरा जोश कुछ ठंडा होने लगा था. 

मैं उसे मना करना चाहती थी लेकिन जोश के मारे मैं ऐसा नहीं कर पाई. वो मेरे होंठो को चूमता रहा और मेरी क्लाइटॉरिस को रगड़ता रहा. मैं फिर से जोश में आने लगी. वो उठा तो मैं अंधेरे में कुछ देख नहीं पाई की वो अब क्या करने वाला है. तभी मैने उसके लंड को अपने मूह के पास महसूस किया और उसकी जीभ को अपनी चूत पर. उसके जीभ लगते ही मेरे सारे बदन में बिजली का करेंट सा लगने लगा. उसने मेरी चूत कर क्लाइटॉरिस को चाटना शुरू कर दिया. मैने ना चाहते हुए भी जोश के मारे उसका लंड मूह में लिया और चूसने लगी. उसके मूह से एक आहह….. सी निकली. वो अपनी जीभ से मेरी चूत और खास कर मेरी क्लाइटॉरिस को चूसता रहा. मैं इस समय इतना जोश में थी की मैं बयान नहीं कर सकती. मैं और ज़्यादा जोश में डूब जाना चाहती थी. अब मैं उसका लंड अपनी चूत के अंदर लेना चाहती थी. 


उसका लंड अपने हाथ से पकड़ कर चूसते समय मेने महसूस किया की उसका लंड लगभग 9″ का और बहुत ही मोटा था. मैं पूरे जोश से उसके लंड को अपने मूह में अंदर बाहर करने लगी.
अंकित बहुत ही अच्च्छा खिलाड़ी था. उसने मेरी आग को भड़काने के लिए वो सब किया जो की एक आदमी को करना चाहिए. वो मेरे उपर से उठा तो मैं सोचने लगी की अब वो क्या करने वाला है. तभी वो मेरी टांगो को फैला कर बीच में आ गया. उसने अपना लंड मेरी चूत पर रख दिया. मैं समझ गयी की अब मुझे ज़िंदगी का वो मज़ा मिलने वाला है जिसका हर औरत को हमेशा इंतेज़ार रहता है. मैं उसके लंड का सूपड़ा अपनी चूत मार महसूस कर रही थी. उसने अपना सूपड़ा मेरी क्लाइटॉरिस पर रगड़ना शुरू कर दिया तो मैं एक दम पागल सी होने लगी. 


उसके बाद वो अपना लंड धीरे धीरे मेरी चूत के अंदर दबाने लगा. शुरू शुरू में मुझे बहुत दर्द हुआ लेकिन जब उसने अपना पूरा लंड आराम से धीरे धीरे मेरी चूत में घुसा दिया तो मेरा दर्द कुछ कम हो गया. उसके बाद उसने मेरे बूब्स को मसालते हुए और मेरे होतो को चूमते हुए धीरे धीरे अपना लंड मेरी चूत के अंदर बाहर करना शुरू कर दिया. मैं बहुत ज़्यादा जोश में आ गयी और 2 मीं में ही मेरी चूत से पानी निकलने लगा. पानी निकलने से जब मेरी चूत गीली हो गयी तो उसने अपनी स्पीड बढ़ा दी और तेज़ी के साथ मुझे चोदने लगा. अब मेरा दर्द एक दम ख़तम हो चुका था और मुझे बहुत ज़्यादा मज़ा आ रहा था. मैने ना चाहते हुए भी अपने छूतड़ उठा उठा कर उसका साथ देना शुरू कर दिया था. 10 मिनट बाद मैं फिर से झड़ गयी तो उसने अपनी स्पीड बहुत तेज कर दी. अब वो इतने तेज धक्के लगा रहा था की मैं उसका धक्का बर्दस्त नहीं कर पा रही थी.

मेरे मूह से जोश के मारे ऊहह…….. आहह…… उउफफफफ्फ़…. की ज़ोर ज़ोर से आवाज़ निकालने लगी. लगभग 10 मिनट और चोदने के बाद अंकित मेरी चूत में झड़ गया और उसके साथ ही साथ मैं भी एक बार फिर से झड़ गयी. वो मेरे उपर लेट गया. मैं उसकी गरम गरम साँसें अपने चेहरे पर महसूस कर रही थी. उसकी साँसें बहुत तेज़ चल रही थी. उसका चेहरा पसीने से भीग चुका था.


फिर वो मेरे बगल में लेट गया और मुझे चूमने लगा. मैं भी उसे चूमती रही. लगभग 30 मिनट बाद उसका लंड फिर से खड़ा होने लगा तो वो मेरे उपर 69 की पोज़िशन में हो गया. उसने मेरी चूत को फिर से चाटना शुरू कर दिया और मैं उसका लंड अपने मूह में ले कर चूसने लगी. थोड़ी देर बाद उसने मुझे डॉगी स्टाइल में कर दिया और मुझे चोदने लगा. इस बार मुझे ज़्यादा दर्द नहीं हुआ और अंकित भी इस बार मुझे बहुत ही तेज़ी के साथ चोद रहा था. इतने तेज़ी के साथ उसने मुझे पिछली बार नहीं चोदा था. इस बार मुझे चुदवाने में बहुत ही ज़्यादा मज़ा आ रहा था. उसने मुझे इस बार लगभग 45 मिनट तक चोदा और फिर मेरी चूत में ही झड़ गया. इस बार की चुदाई के दौरान मैं भी 3 बार झड़ चुकी थी. लंड का पूरा जूस मेरी चूत में निकाल देने के बाद इस बार उसने अपना लंड मेरे मूह में दे दिया और मैं उसका लंड चाटने लगी.मुझे अंकित से चुदवा कर मुझे बहुत मज़ा आया जो आज तक मैं नही भुला सकी दोस्तों आपको कहानी कैसी लगी जरूर बताना |

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