Doctor Ki Biwi Ko Choda – पति ने दिया पत्नी की चुदाई का ऑफर


मैंने डॉक्टर की बीवी को चोदा, बार बार चोदा जब तक वो गर्भवती नहीं हो गयी. ये सब मैंने डॉक्टर के कहने पर ही किया. पर मुझे मजा बहुत आया इस खेल में!

कहानी के दूसरे भाग
डॉक्टर की बीवी नंगी मेरे साथ
में आपने पढ़ा कि कैसे डॉक्टर के बुलावे पर मैं उसी के बेडरूम में उसकी सेक्सी बीवी के साथ था और फोरप्ले का मजा ले रहा था.

अब आगे मैंने डॉक्टर की बीवी को चोदा:

फिर मैंने उसकी गीली चूत में अपनी उंगली डाली और उंगली से ही उसे चोदने लगा।

गीत ने अपनी आंखें बंद कर ली और सिसकारियां भरते हुए बोलने लगी- आंह … उह … तुम तो पक्के खिलाड़ी हो। आंह … और ऐसे ही मुझे कितना तड़पाने का सोचा है तुमने ऊफ!

मैं गीत का इशारा समझ गया था।
अब वह जल्द से जल्द मेरा लंड लेना चाहती थी लेकिन शर्म के मारे सीधा बोल नहीं पा रही थी।

मैंने तुरंत अपनी पैंट और अंडरवियर उतार दिया।
अब मेरा 6 इंच का गोरा लंबा लंड गीत के सामने लहराने लगा।
पर गीत की आंखें बंद थी इसलिए वह देख नहीं पाई।

लेकिन मैं अपना लंड गीत की चूत में डालने से पहले गीत के मालदार नंगे मम्मों के दर्शन करना चाहता था।
इसलिए मैंने गीत को बड़े ही प्यार से कहा- गीत, प्लीज़ आप अपने सेक्सी नंगे मम्मों के दर्शन कराइए। मैं चाहता हूं कि आप बड़े ही प्यार से अपने हाथों से अपनी ब्रा को खोलें।

गीत पूरी वासनामयी में हो चुकी थी इसलिए उसने मना नहीं किया.
वो थोड़ा ऊपर उठी और बड़े ही कातिलाना अंदाज में अपनी ब्रा के हुक को खोला और धीरे से अपनी सफेद ब्रा को नीचे गिरा दिया और वापस आंखें बंद कर लेट गई.

गीत के गोल गोल और गोरे- मालदार मम्मे आजाद हो चुके थे और गीत मेरे सामने पूरी नंगी लेटी थी।
मैं यह नजारा देख एकदम से पागल हो गया।

अब मेरी भी बर्दाश्त करने की सीमा खत्म हो गई।
मैं भी पूरा का पूरा नंगा था और गीत भी। मैं तुरंत से गीत के ऊपर चढ़ गया और हम दोनों के नंगे बदन एक दूसरे से जुड़ चुके थे।

मेरा लन्ड जैसे ही गीत के चूत के ऊपर टच हुआ, आह की सिसकारी के साथ गीत ने अपने दोनों हाथों से मेरी कमर को पकड़ लिया और मुझे अपने आप में समाने लगी।

तभी मैंने गीत की नंगी निप्पल को किस किया, उसके बाद होंठों से चूसा और जीभ से चाट लिया।
जिस पर गीत ने अपने एक हाथ से मेरे सर को पीछे से पकड़ लिया और मुझे एक बच्चे की तरह अपना स्तनपान कराने लगी।

मैं भी बेतहाशा उसकी चूची को चूसे चाटे जा रहा था और कभी-कभी तो पूरा ही मुंह में ले लेता और खूब चूसता चाटता और कभी कभी काट भी लेता।
जिस पर गीत बड़े ही प्यार से चीखती।

उसके बाद यही हाल मैंने उसकी दूसरी चूची का भी किया।
इस दौरान गीत दूसरी बार झड़ गई और उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया।

उसका गर्म चूत मुझे मेरे लन्ड पर महसूस हुआ।
लेकिन फिर भी मैं उसके दोनों मम्मों को जानवर की तरह जोर जोर से चूसे- चाटे और काटे जा रहा था.
गीत अपने दोनों हाथों से मेरे सर को पकड़ कर मुझे अपने मोटे मोटे मम्मों पर दबाए जा रहे थी और आहें भी भर रही थी।

मैं लगभग 5 मिनट तक उसके मम्मे से खेला।

उसके बाद मैंने अपनी कमर को ऊपर उठाया और अपने लन्ड को हाथ से पकड़ कर गीत की गर्म और गीली चूत पर सेट कर दिया।

इस पर गीत मुस्कुराई।
मैं समझ गया कि उसने मुझे हरी झंडी दे दी है।

तभी मैंने उसे कहा- जानेमन, अब तुम स्वर्ग में गोते लगाने जा रही हो। अब तुम मेरा दम देखोगी।
वह थोड़ा हंसी।

तभी मैंने अपने लन्ड को गीत की चूत में हल्के से धकेला और मेरा लन्ड का टोपा गीत के चूत में घुस गया।
गीत के मुंह से हल्की सी आंह हहह निकल गई और इस पर गीत हंसती हुई बोली- बस इतना ही दम है?

तभी मैंने एक जोरदार झटके के साथ अपना आधा लंड उसके चिकनी चूत में घुसेड़ दिया।
इस पर वह जोर से चीख पड़ी- आह आह आह!

तब मैंने उसे कहा- अब देख लिया मेरा दम मेरी जान?
और मैंने तुरंत दूसरा धक्का दे दिया.
मेरा लन्ड उसकी चूत में आधा चला गया।

इस पर वह जोर से चीख पड़ी और चिलाने लगी- आह … नहीं… तुम्हारा तो बहुत लंबा है। प्लीज निकालो इसे!
मैंने कहा- अभी तो तुम्हें मेरा दम देखना था न … अब क्या हो गया? अरे मेरी जान, अभी तो बस शुरुआत है। अभी तो पूरी चुदाई बाकी है।

तभी मैंने तीसरे धक्के के साथ अपना लन्ड पूरा उसके चूत में घुसा दिया।
गीत- ओ मां … मार डाला रे! आह निकालो इसे … प्लीज़ निकालो न … मैं मर जाऊंगी। आंह उह उश ऊम मम्मम!

मैंने कहा- आज मुझे तुम्हें पूरा भोग लगाना है!
ऐसा कहते हुए मैं अब गीत की चूत मैं अपना लन्ड आगे पीछे करने लगा.

मैंने गीत को किस किया और कहा- मेरी जान, तुम्हारी चूत बहुत ही कसी हुई है इसलिए तुम्हें दर्द हो रहा है। पर डार्लिंग, अभी थोड़ी देर में तुम्हें मजा आने लगेगा।
ऐसा कहते हुए मैं गीत को लगातार चोदे जा रहा था और पूरे कमरे में फच फच की आवाज गूंज रही थी।

गीत लगातार जोर जोर से चीख चिल्ला रही थी और मुझसे छोड़ देने की मिन्नतें कर रही थी।
लेकिन मैं आज कहां रुकने वाला था, मैं लगातार अपना चप्पू उसकी चूत में चलाये जा रहा था और गीता आह उह कर चीख रही थी।

तभी कमरे के बाहर से डॉक्टर साहब की आवाज आई- अरे गीत, क्या हुआ तुम ठीक तो हो ना? कोई तकलीफ तो नहीं है? अगर तुम्हें तकलीफ हो रही है, तो अभी यह सब बंद कर देते हैं।

इस पर मैं घबरा गया कि अरे ये क्या … अब तो चुदाई रोकनी पड़ेगी।
क्योंकि गीत को तकलीफ तो हो रही थी और मुझे पता था कि अब वह डॉक्टर साहब से जरूर कहेगी कि मुझे बहुत दर्द हो रहा है। और फिर डॉक्टर साहब चुदाई रुकवा देंगे।
मैं निराश हो गया।

गीत- जी नहीं, कुछ नहीं, मैं ठीक हूं। आप अब तक सोए नहीं … जाइए जा कर सो जाइए। मैं ठीक हूं।
डॉक्टर साहब- ओके मेरी जान … खूब एन्जॉय करना और राज का भी अच्छे से खयाल रखना क्योंकि अब यही तुम्हें मां बनने का सुख देगा। इसे आज से अपना पति ही समझना और इस पर खूब प्यार लुटाना जैसा कि तुम मुझ पर लुटाती हो।

गीत- ओके डार्लिंग, जैसा आप ठीक समझें।

मैं- आप टेंशन मत लीजिए सर, मैं आपकी बीवी का पूरा ख्याल रखूंगा। आपकी बीवी अब से मेरी भी बीवी … मैं इनको कोई तकलीफ नहीं दूंगा और और इनको खूब प्यार दूंगा और आप लोगों को संतान का सुख भी दिलाऊंगा।

डॉक्टर- ओके … आप लोग लगे रहो, मैं सोने जा रहा हूं। कल सुबह चाय पर मिलते हैं। बाय!
गीत- बाय जान!
मैं- बाय सर … गुड नाइट!

उसके बाद हम दोनों फिर से अपनी घपाघप में लग गए।
मेरा लन्ड गीत की चूत में अच्छे से एडजस्ट हो गया था इसलिए उसका दर्द अब खत्म हो चुका था।
अब वह अपनी कमर को नीचे से उपर की ओर उछाल उछालकर चुदाई में मेरा साथ दे रही थी।

मैं अपनी नंगी कमर को हिला हिला के अपना लन्ड गीत की चूत में पेले जा रहा था।

लगातार पिलाई के बाद गीत इतना गर्म हो गई कि वह मुझे नीचे करके मेरे ऊपर चढ़ गई और अब वह मुझे चोदने लगी।
एक भरी पूरी, गोरे और मालदार शरीर की मालकिन मेरे ऊपर चढ़कर मेरी चुदाई कर रही थी और मैं उसकी पीठ उसके पेट और उसके बूब्स मसले जा रहा था।

उसकी पूरी दूधिया बॉडी को मैं अपने दोनों हाथों से रगड़ रहा था और नीचे से अपना चप्पू भी चला रहा था।

यह नजारा देखकर ऐसा लग रहा था कि कोई शेरनी एक मेमने से चुदवा रही हो!
मैंने ऐसा इसलिए कहा दोस्तो … कि मैं गीत के शरीर के सामने थोड़ा सा दुबला था.
पर मेरा दम तो आज गीत ने भी अच्छे से देख लिया था।

तभी मैंने देखा कि गीत जोर जोर से सिसकारियां भरने लगी है।
मैं समझ गया कि अब गीत फिर से झड़ने वाली है।

उसके बाद मैंने अपने दोनों टांगों से गीत को कसा और उसे अपने नीचे पटक के उसके ऊपर चढ़ गया और जमकर उसकी चुदाई करने लगा।

बस कुछ ही देर के बाद गीत के चूत से गर्म लावा निकल पड़ा और गीत की चूत एक बार फिर गीली हो गई।

लेकिन मेरा अब तक हुआ नहीं था इसलिए मैं लगातार लंड पेले जा रहा था।
गीत भी बड़े आराम से लंड पिलवा रही थी।

अब पूरे कमरे में फच फच की आवाजे गूंज उठी।

और तभी गीत ने मुझसे कहा- सच में बहुत दम है तुम में!

मैंने पूरी दम से डॉक्टर की बीवी को चोदा तो बस 2 मिनट बाद मुझे ऐसा महसूस हुआ कि अब मेरा भी गर्म लावा निकलने वाला है।
अब क्योंकि मुझे गीत को मां बनाना था, इसलिए मैंने अपना सारा पानी गीत की चूत में ही गिरा दिया।
और इसी के साथ मैं पहली बार झड़ा और एक जोरदार सांस लेते हुए मैं गीत के ऊपर ही गिर गया।

मैंने उस वक्त नोटिस किया कि गीत बहुत ही खुश थी और हल्की मुस्कान के साथ, उसने मुझे बड़े ही अच्छे से बांहों में लिया।
उसके बाद आंखें बंद करके सोने लगी।

मैं भी चुदाई के बाद गीत की बांहों में स्वर्ग की अनुभूति कर रहा था और उसके बाद फिर मैं भी सो गया।

सुबह मैंने अपने आप को अकेला और नंगा पाया।
वहां पर गीत नहीं थी।

मैं जल्दी से उठा, अपने कपड़े पहने और बाहर हॉल में आ गया।

सोफे पर गीत और डॉक्टर साहब बैठे थे.
मुझे देख डॉक्टर साहब ने मुझे बुलाया, पूछा- तो क्या हाल है जनाब … कल मेरे बीवी के साथ मजा आया या नहीं?
यह सुनते ही गीत शर्माती हुई वहां से चली गई।

तभी डॉक्टर साहब ने कहा- अरे जान, इसमें शर्माने की क्या बात है। हमारे दोस्त के लिए चाय तो लेकर आओ।
उसके बाद गीत मेरे लिए चाय लेकर आई और मुझे बड़े ही प्यार से दी।

डॉक्टर साहब- देखो राज, कल जो तुमने किया वह हमारे ऊपर बहुत बड़ा एहसान है। अब हम भी संतान का सुख ले पाएंगे। भले ही यह बच्चा मेरा नहीं होगा। लेकिन मेरी गीत का तो होगा। मैं इसी में खुश हूं। आज सुबह का नाश्ता तुम हमारे साथ करके जाओ और जब भी हम तुम्हें बुलायें, जरूर आ जाना।

गीत- क्या इसे और भी आना होगा।

डॉक्टर साहब- हां डार्लिंग। एक बार की चुदाई से थोड़ी ना कुछ होने वाला है। तुम्हें बार-बार राज से चुदना होगा। जब तक कि तुम मां नहीं बन जाती। और राज तुम्हें भी बार-बार यहां आकर गीत के साथ बिस्तर गर्म करना होगा। जब भी हम तुम्हें बुलाएं या फिर जब भी तुम्हारा खुद का मन करें, आ जाना। गीत हमेशा तुम्हारे लिए तैयार रहेगी। क्यों जानेमन तुम्हें कोई एतराज तो नहीं है।

गीत शर्माती हुई- जी नहीं, अगर इसी तरह से हमारी समस्या का समाधान होना है तो मैं तैयार हूं। आपके लिए तो मैं कुछ भी कर सकती हूं।
मैं खुशी से- जी हां, मैं भी तैयार हूं। मुझे कोई ऐतराज नहीं है। दिन में तो मैं काम करता हूं। रात में ही मैं आपकी पत्नी के पास आ सकता हूं।

डाक्टर साहब- तो फिर ठीक है तुम रात को ही आ जाना। गीत तुम्हारा स्वागत करने के लिए अपने कमरे में हमेशा तैयार रहेगी और तुम्हारी हर रात रंगीन कर देगी। और हां गीत, आज से तुम राज की भी बीवी हो इसलिए इसे हमेशा पत्नी की तरह ही प्यार देना और इसे अपने मनमोहक अदाओं से बांधे रखना। संभोग में हर प्रकार के तरीके का इस्तेमाल करके इसे खुश कर देना। एक तरह से तुम अपने आप को इसी पूरी तरह से समर्पित कर दो। मैं चाहता हूं कि राज जितने दिन हमारे साथ रहे, वह खुश रहे। ताकि तुम्हारा बच्चा भी सुंदर और हेल्दी हो।

गीत- जान, आप इनकी चिंता मत कीजिए। आज से इनकी जिम्मेदारी आप मेरे ऊपर छोड़ दीजिए; मैं राज को कभी निराश नहीं करूंगी।
डॉक्टर- चलो यह हुई ना कोई बात!

नाश्ता करने के बाद मैंने गीत को अपनी बांहों में भरते हुए एक प्यारी सी पप्पी की और कल रात के लिए थैंक्स बोल कर चला आया।

उसके बाद जब भी डॉक्टर साहब मुझे बुलाते, मैं उनके घर चला जाता और उनकी प्यारी बीवी की मस्त चुदाई करता।
कभी-कभी मैं खुद भी अपने मन से उनके घर चला जाता और गीत बड़े ही प्यार से मेरा स्वागत करती।
फिर कमरे में रात भर घमासान होता।

जिस दिन मैं जाता, डॉक्टर साहब दूसरे रूम में सोने चले जाते थे और मैं रात भर उनकी पत्नी के साथ चुदाई करता।

रात भर की घमासान के बाद हर दिन सुबह मुझे चाय नाश्ता मिलती और फिर मैं वहां से चला जाता।

फिर एक दिन डॉक्टर साहब ने मुझे कहा- तुम क्यों किराये के घर में रहते हो। दिन भर तो काम ही करते हो और रात को हमारे घर पर ही आ जाते हो। तो क्यों न हमारे घर पर ही रहो।

इस पर मैंने भी हां कर दी और फिर अपना सारा सामान समेट कर उन्हीं के घर में शिफ्ट हो गया।
मुझे एक अलग कमरा मिल गया।

रोज सुबह मैं गीत के हाथों का चाय नाश्ता करके काम पर जाता था और रात को खाना खाकर गीत के साथ चुदाई करता था।

इस तरह से मेरा भोजन और चोदन दोनों का ही काम हो गया।
गीत भी मेरे साथ पति जैसा व्यवहार कर रही थी। ऐसा लगता ही नहीं था कि मैं उसके लिए कोई पराया मर्द हूं।
मैं जो कहता था, वह वही खाना बना देती थी.
रोज जैसे मैं उसे सजने संवरने को कहता था, वह वैसे ही सजती थी और फिर हम दोनों साथ में संभोग करते थे।

गीत रात भर मेरे साथ बिस्तर गर्म करती थी। उसने मुझे कभी मना नहीं किया, वह हमेशा मेरे नीचे लेटने के लिए तैयार रहती थी।
इसी तरह से मेरा जीवन काफी खुशहाल चल रहा था।

ठीक 9 महीने बीत गए और गीत ने एक सुंदर से बेटे को जन्म दिया। इसके साथ ही मेरा काम पूरा हो गया और फिर मैं उनके घर से चला गया।

लेकिन डॉक्टर साहब ने मुझे जाते हुए कहा- कि तुमने हमें बहुत बड़ी खुशी दी है। जब भी हमारी याद आए, हमसे मिलने आ जाना।

ठीक मैंने ऐसा ही किया, मैं उन दोनों से हमेशा मिलने आता था।
गीत के मां बनने के बाद फिर मैंने उन की चुदाई नहीं की।

लेकिन ठीक एक साल बाद एक बार मुझसे रहा नहीं गया; मैंने गीत की चुदाई करने का फैसला किया।

दिन में ही मैं डॉक्टर साहब की गैरमौजूदगी में मैं गीत से मिलने उसके घर पर चला गया और उसके साथ प्यार करने लगा। थोड़ा विरोध करने के बाद गीत मेरे नीचे आने को तैयार हो गई और फिर डॉक्टर की बीवी को चोदा जम कर!
इसी तरह से हमारा रोज का काम चलता रहा।

मां बनने के बाद गीत और भी मालदार हो गई थी।
मेरा जब भी मन करता मैं हमेशा चुपके से गीत के पास आता और फिर हम दोनों मस्त चुदाई करते।
गीत भी कमर उछाल उछला के मुझसे चुदवाती।

दोस्तो, यही थी मेरी सच्ची चुदाई की कहानी।
आपको यह कहानी कैसे लगी है, मुझे मेल जरूर करना।
और हां अगर आप लोगों के जीवन में ऐसे ही कोई सच्ची चुदाई की घटना घटी है, और अंतर्वासना पर डालनी हो तो मुझे अपनी कहानी मेल जरूर करें।
मैं आपकी कहानी को अंतर्वासना पर डाल दूंगा।
[email protected]

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *