हॉट गर्ल इरोटिक स्टोरी मेरी सेक्सी सहेली ने खुद बताई थी कि कैसे वह अपने ऑफिस स्टाफ के साथ जिम कॉर्बेट पार्क में घूमने गयी. वहां एक लड़का उसे पसंद करने लगा और उसके कमरे में आ गया.
यह कहानी सुनें.
दोस्तो, मैं स्वाति शर्मा अपनी रूममेट हिमानी के सेक्स एडवेंचर से भरी उसकी सेक्स कहानी को लेकर आई हूँ.
सेक्स कहानी के पिछले भाग
फ्लैट मेट लड़कियों की चुदाई देखी
में आपने पढ़ा था कि कैसे हिमानी और दीक्षा गुड़गांव में अपनी स्वछंदता का आनन्द उठा रही थीं.
मैं गुड़गांव में जॉब के लिए शिफ्ट हुई थी. गुड़गांव में मैंने एक फ्लैट में रूम रेंट पर लिया था. उस फ्लैट में मेरे रूम के अलावा दो और रूम थे, जिनमें दो लड़कियां हिमानी और दीक्षा गुप्ता रहती थीं.
हिमानी की उस दिन की चुदाई लीला को देखने के बाद मैंने हिमानी से खुलकर बात करना शुरू कर दिया.
हिमानी ने बताया कि स्कूल के दिनों से ही उसे सेक्स बहुत ही पसंद रहा है. कम से कम हफ्ते में एक दिन उसे एक लड़का चाहिए होता है, वह भी एकदम स्मार्ट … जो उसके शरीर की भूख मिटा सके.
मैंने उससे पूछा कि इससे तो चूत बहुत ढीली हो जाती है … और शादी के बाद अगर पति ने कंप्लेंट की तो क्या होगा?
हिमानी का तर्क था कि वह हर रोज़ चूत को कसी रखने में सहायक एक क्रीम को अपनी चूत में लगाती है. इससे उसकी चूत टाइट बनी रहती है.
उसने मुझे क्रीम का नाम भी बताया था, पर अब मुझे याद नहीं है.
मैंने पूछा कि फिर भी इतने टाइम तक सेक्स करने से चूत में फर्क तो पड़ ही जाता है.
इस बात पर हिमानी मैडम का तर्क था कि उसने आज तक किसी लड़के को अपनी चूतड़ों के मध्य वाले छेद यानि गांड के छेद में लंड पेलने नहीं दिया और ना ही कभी करने देगी. वह शादी के बाद अपने पति को गुदामैथुन (अनल सेक्स) से संतुष्ट कर देगी.
सिर्फ 22 साल की उम्र में सेक्स के बारे में इतनी नॉलेज देखकर मैं तो हैरान थी.
सेक्स की इतनी नॉलेज तो शायद किसी चालीस साल की औरत को भी नहीं होगी, जितनी हिमानी को थी.
मैंने कहा- हिमानी तू तो बड़ी लकी है. हर हफ्ते मजे लेती है.
वह बोली- ये सब इतना आसान भी नहीं है. कभी कभी कोई गलत लड़का फंस जाता है, तो नानी याद करवा देता है.
मैंने पूछा- वो कैसे? कोई वाकया सुनाओ.
हिमानी ने कहा- एक बार एक लड़के के चक्कर में पड़ गई थी. उस लड़के ने मेरी चूत को समझो फाड़ कर मुझे नानी याद करवा दी थी. वह अनुभव मैं आज तक नहीं भूली हूँ.
मैंने हिमानी से पूछा कि प्लीज मुझे बताओ ना … मैं इस पर एक ब्लॉग लिखना चाहती हूँ.
उसने कहा- ठीक है.
हॉट गर्ल इरोटिक स्टोरी का ये भाग दरअसल हिमानी की मदद से ही लिखा गया है.
आप सब लोगों को पता ही है कि मैं, हिमानी और दीक्षा अलग अलग मल्टी नेशनल कंपनियों में काम करती हैं.
हिमानी ने बताया कि इन कंपनियों में एक से एक स्मार्ट लड़के संपर्क में आते रहते हैं.
स्मार्ट लड़के मुझे स्कूल टाइम से ही पसंद हैं और सेक्स के मामले में लड़के मेरे सामने ज्यादा देर टिक ही नहीं पाते थे.
हिमानी ने अपने साथ हुए एक ऑफिस के ट्रिप का जिक्र करना शुरू किया.
ये ट्रिप जिम कॉर्बेट का था.
उस ट्रिप में हुए सेक्स को आप सब अब हिमानी के मुँह से ही सुनें.
हैलो, मैं हिमानी.
एक बार हमारे ऑफिस का ट्रिप जिम कॉर्बेट जाने का बना.
काफी सारे लोग ट्रिप पर गए थे.
जिम कॉर्बेट में दो रिसॉर्ट बुक किए गए थे.
एक रिसॉर्ट में करीब 70 परसेंट लोग ठहरे थे और दूसरे रिसॉर्ट में बाकी के 30 परसेंट लोग.
मैं उन 30 परसेंट लोगों में से थी.
गोपनीयता के कारण मैं रिसॉर्ट का नाम मेंशन नहीं कर रही हूँ.
जैसा कि आप सब लोग जानते ही हैं कि कॉर्पोरेट ट्रिप पर शराब खूब चलती है.
हमारे साथ भी ऐसा ही था.
हालांकि मैं शराब को हाथ भी नहीं लगाती थी; मुझे शराब बिल्कुल पसंद नहीं है.
जिम कॉर्बेट में नदी किनारे रात को हम सभी ने बोन फायर में डांस किया.
सभी लोग बहुत खुश थे.
मैं भी डांस कर रही थी और मेरा हाथ जिसने पकड़ा हुआ था, उस लड़के का नाम रणजीत था.
हम सब लोग जलती हुई लकड़ियों के चारों और गोल घेरा बना कर डांस कर रहे थे. कुछ लड़के लड़कियों ने तो शराब भी पी हुई थी.
हालांकि कॉर्पोरेट कल्चर में कोई ऐसे खुले आम बदतमीजी नहीं करता है.
रणजीत ने मेरा हाथ कसके पकड़ रखा था और मैं भी उसके साथ डांस एन्जॉय कर रही थी.
गर्मियों के दिन थे.
सब लोग जींस टी-शर्ट में थे.
मैंने भी एक पतली सी टी-शर्ट और जींस पहन रखी थी.
डांस खत्म होने के बाद रात को सब लोग अपने अपने रूम में चले गए.
मेरा कमरा ऊपर फर्स्ट फ्लोर पर था, उधर सिर्फ दो ही कमरे थे.
एक मेरा और एक किसी दूसरी लड़की का.
रात को जब मैं अपने रूम में कपड़े बदलकर सोने की तैयारी कर रही थी.
तभी दरवाजे से एक लड़का अन्दर आया.
शायद मैंने दरवाजा लॉक नहीं किया था.
अन्दर आते ही उसने कहा- हाई हिमानी!
मैंने भी हाई का जवाब दिया.
उसने कहा- पहचाना नहीं क्या, मैं रणजीत … थोड़ी देर पहले हम डांस कर रहे थे.
शायद डांस में मैंने उसकी तरफ ध्यान नहीं दिया था.
टी-शर्ट और जींस पहने हुए उस लड़के का एकदम कसा हुआ शरीर, गोरा रंग और शरारती आंखें थीं.
उसने मुझसे पूछा- मजा आया?
मैंने भी कहा- हां, नदी किनारे की ये मस्ती बहुत अच्छी थी.
हम लोग इधर उधर की बातें करने लगे.
बातों बातों में उसने पूछा- तुम्हें जिम कॉर्बेट कैसा लगा?
मैंने कहा- मुझे तो बहुत अच्छा लगा.
फिर मैंने रणजीत से पूछा- आपको जिम कॉर्बेट अच्छा नहीं लगा क्या?
रणजीत बोला- मुझे जिम कॉर्बेट से ज्यादा सुन्दर तो आप लगीं हिमानी!
उसके इस तरह के उत्तर के लिए तो मैं बिल्कुल ही तैयार नहीं थी.
मैंने भी शर्म से अपनी नजरें नीचे झुका लीं और एक स्माइल दे दी.
जब भी कोई लड़का किसी लड़की की तारीफ करता है तो लोकाचार में लड़की को शर्म से अपनी नजरें नीचे झुका लेनी चाहिए, इससे लड़का उसका कायल हो जाता है.
उसने मेरे हाथ को अपने हाथ में ले लिया और हाथ पर किस कर दिया; फिर झटके से मुझे अपनी तरफ खींच लिया.
मैं भी तुरंत विरोध करती हुई पीछे की तरफ हट गई.
शायद वह समझ गया था कि मेरी ना है.
उसके बाद उसने मेरे घर परिवार के बारे में बात करना शुरू किया.
मैंने भी उससे उसके परिवार के बारे में पूछा.
रणजीत एक राजनीतिक परिवार से सम्बन्ध रखता था.
उसका फैमिली स्टेटस बहुत रिच था.
उसने किसी आईआईटी से इजीनियरिंग की थी.
उसने बताया कि बचपन से ही वह रईसी में पला बढ़ा है, लम्बी गाड़ियां, बड़ा घर.
थोड़ी देर बातें करने के बाद रणजीत मेरे नजदीक आ गया और मेरी ठोड़ी पर हाथ रखकर मेरे मुँह को ऊपर उठाया और पूछने लगा- क्या हुआ हिमानी, मैं पसंद नहीं हूँ?
वह मेरी आंखों में देख रहा था.
मैंने कोई रिस्पांस नहीं दिया.
उसने कहा- बड़े खूबसूरत होंठ है हिमानी, एक दिन इन होंठों का रस जरूर पियूंगा और ऐसे नहीं … जब तक तुम खुद नहीं पिलाओगी, तब तक नहीं.
इसके बाद वह रूम से चला गया.
मैंने भी कपड़े बदले और सोने चली गई.
पर पता नहीं क्यों, पूरी रात रणजीत ही दिमाग में छाया रहा.
नींद आंखों से कोसों दूर थी.
घड़ी में समय देखा, तो रात के 2.25 बजे थे.
मैं उठकर बाथरूम गयी और अपना लोअर और पैंटी नीचे की, तो देखा चूत गीली हो चुकी थी.
मैंने अपनी दोनों उंगलियां चूत के अन्दर धकेल दीं और गोलाई में घुमाने लगी.
उस वक्त भी रणजीत का कड़ियल जिस्म ही आंखों में छाया हुआ था.
थोड़ी देर में चूत ने अपना ज़हर उगल दिया, तब कहीं जाकर थोड़ी शांति मिली.
फिर मैं साफ होकर बिस्तर पर लेट गई और आराम से सो गई.
अगले दिन सभी लड़के लड़कियां स्विमिंग पूल में एन्जॉय कर रहे थे.
मैंने भी पूरा दिन एन्जॉय किया.
रणजीत भी दूसरे लड़कों के साथ एन्जॉय कर रहा था.
उसने धूप से बचने के लिए रंगीन चश्मा लगाया हुआ था जो उसकी पर्सनॅलिटी को सूट कर रहा था.
रात को सब लोग अपने अपने कमरों पर आ गए.
मैं भी अपने रूम में आ गई.
रूम में मैं अकेली बोर हो रही थी तो सोचा चलो बगल वाले रूम की लड़की से बात करती हूँ.
यही सोच कर मैंने उसके रूम को नॉक किया.
मैडम अपना पर्स टांगें कहीं जाने की तैयारी कर रही थीं.
मैंने पूछा- अब रात को कहां जा रही हो?
उसने कहा- अपने बॉयफ्रेंड के रूम में.
बस वह एक स्माइल पास करके बाहर आई और मेरे सामने अपना रूम लॉक कर दिया.
मैं चुपचाप अपने रूम पर वापस आ गई.
मैंने नीचे की तरफ देखा तो रणजीत नीचे ही बैठा था.
मैंने नाईट सूट पहन लिया था.
रणजीत को देखा तो मुझे लगा कि नहीं कपड़े चेंज कर लेने चाहिए.
मैंने एक टाइट जींस और पतली सी टी-शर्ट डाल ली.
फिर कुछ सोच कर अपनी ब्रा निकाल दी और नीचे रणजीत के पास टाइम पास करने चली गई.
रणजीत ने मुझे देखकर एक प्यारी सी स्माइल दी.
उसके पास एक बांसुरी थी. उसने बांसुरी बजाना शुरू कर दिया.
वह बड़ी अच्छी बांसुरी बजा रहा था.
थोड़ी देर बाद सब अपने अपने रूम में आ गए.
मैं भी अपने रूम में आ गयी और थोड़ी देर बाहर की तरफ देखने लगी.
मैंने देखा रणजीत मेरे रूम की तरफ ही आ रहा था.
मैं अलर्ट होकर बैठ गई.
रणजीत ने दरवाजा खटखटाया.
मैंने उठकर दरवाजा खोल दिया.
उसने पूछा- सोने तो नहीं जा रही थी?
मैंने कहा- हां बस सोने ही जा रही थी. पर आओ अन्दर आ जाओ.
उसे मैंने अन्दर बुला लिया और दरवाजा अच्छे से लॉक कर दिया.
मेरी नजर में वे लड़के बेवक़ूफ़ होते हैं जो किसी लड़की का दरवाजा लॉक करने का मतलब भी नहीं समझते.
मैं भी अपने बेड पर सिकुड़कर सिमटकर अपने दोनों हाथ अपने घुटनों पर रखकर बैठ गई.
किसी लड़के को पागल कैसे किया जाता है, ये सारी अदाएं मुझे मालूम थीं.
रणजीत चुपचाप मेरे चेहरे की तरफ देख रहा था.
ना वह कुछ बोला … ना मैं.
करीब पांच मिनट हम दोनों ऐसे ही बैठे रहे.
वह उठकर मेरे पास आ गया और मुझसे चिपक कर बैठ गया.
मैं एटीट्यूड में उठकर खड़ी हो गई और दूर जाने लगी.
उसने मुझे खींच कर अपनी तरफ कर दिया और मेरी गर्दन पर किस कर दिया.
वह मेरे पीछे खड़ा था.
उसने तुरंत मेरी दोनों छातियां टी-शर्ट के ऊपर से ही अपने दोनों हाथों में ले लीं.
मैंने भी झटके से उसके दोनों हाथ छिटक दिए और एक तरफ बेड पर बैठ गयी.
उसने भी हिम्मत नहीं हारी.
वह बेड पर मेरे पास बैठ गया और मेरा मुँह अपने दोनों हाथों में ले लिया.
वह पूछने लगा- हिमानी होंठों का रस पी लूँ?
मैंने कोई रिस्पांस नहीं दिया.
उसने दोबारा पूछा- प्लीज हिमानी.
मैंने अब भी कोई रिस्पांस नहीं दिया हालांकि मेरे पूरे शरीर में आग सी लग चुकी थी.
रणजीत ने कहा- फिर जाने दो हिमानी!
ये कह कर उसने मेरे मुँह से अपने हाथ हटा लिए और बेड पर ही मुझे अपनी तरफ खींच लिया.
अब वह मेरे ठीक पीछे था. रणजीत ने अपने दोनों हाथ मेरी पीठ पर फिराने शुरू किए.
मैंने कोई विरोध नहीं किया.
उसने धीरे धीरे पीछे की तरफ से अपने दोनों हाथ मेरी टी-शर्ट के अन्दर डाल दिए और मेरी दोनों छातियों को जकड़ लिया.
हालांकि उसके हाथ काफी कठोर थे.
मैंने गुस्से से रणजीत की तरफ देखा और एक चेतावनी दे दी कि खबरदार अगर ज्यादा जोर लगाने की कोशिश की!
रणजीत समझ गया.
अब उसने मेरे निप्पल को मसलना शुरू किया.
वह बीच बीच में मेरी छातियों को दबाता और चूचुक को मसल देता.
मैं भी अपनी इस छाती मर्दन का मजा उठा रही थी.
मैंने महसूस किया कि मेरी चूत भी गीली हो चुकी है.
थोड़ी देर छाती मसलने के बाद उसने मुझे घुमाकर अपनी तरफ खींच दिया और तुरंत मेरे होंठों को अपने मुँह में भर लिया.
वह अपनी जीभ मेरे मुँह के अन्दर घुमाने लगा और मेरी लार को चाटने लगा.
मेरे दोनों होंठ उसके मुँह के अन्दर थे.
तभी मैंने महसूस किया कि उसका हाथ नीचे मेरी जींस के अन्दर जाने की कोशिश कर रहा है.
मैंने तुरंत उसका हाथ छिटक दिया.
इतनी आसानी से अपनी चूत मैंने आज तक किसी लड़के को नहीं दी थी.
रणजीत सकपका गया और बोला- क्या हुआ?
मैंने कहा- कुछ नहीं रणजीत.
फिर कुछ देर बाद रणजीत ने मेरी टी-शर्ट उतार दी और अब मैं ऊपर से बिल्कुल नंगी रणजीत के सामने थी क्योंकि ब्रा तो मैंने पहले ही निकाल दी थी.
वह मेरी छातियों की तारीफ करने लगा और तुरंत एक एक करके मेरी छातियों को चूसने लगा.
बीच बीच में वह मेरे चूचुकों को दांतों से काट लेता था.
मैं उसकी जीभ भी अपनी छाती पर महसूस कर रही थी.
पर मैं किसी जल्दी में नहीं थी और चाहती थी कि रणजीत आराम से मेरे शरीर को भोगे, पर आज शायद मैं गलत थी.
करीब आधा घंटा बाद रणजीत मेरी जींस की तरफ बढ़ा और जींस का ऊपर का बटन खोलने लगा.
मैंने तुरंत शर्म के मारे अपनी दोनों टांगें कस लीं.
रणजीत मेरे चेहरे के हाव भाव देख रहा था.
उसने प्यार से मेरी दोनों टांगें खोल दीं और जींस निकाल दी.
हालांकि जींस निकलने में मैंने रणजीत का बखूबी सपोर्ट किया.
अब मैं रणजीत के सामने बिल्कुल नंगी थी या ये कहूँ कि मैंने अपना जिस्म रणजीत के सामने रख दिया था ताकि वह मुझे शारीरिक सुख दे.
रणजीत ने मेरी दोनों टांगें खोल दीं और एक बड़ा सा किस मेरी चूत पर किया.
उसने अपनी पिछली जेब से एक गुलाब का फूल निकाला और मुझे दे दिया.
वह कहने लगा- हिमानी, मैं तो आज तक इसी गुलाब को सबसे खूबसूरत समझता था. पर असली गुलाब तो तुमने अपनी दोनों टांगों के बीचों बीच छिपा रखा है.
मैंने कोई जवाब नहीं दिया.
वैसे भी मेरी चूत पर सभी लड़के कायल हो जाते थे आख़िरकार मैंने अपनी चूत की देखभाल ही ऐसे की थी.
अब वह बड़े प्यार से मेरी दोनों टांगों के बीचों बीच आ गया और मेरी चूत को चाटने चूसने लगा.
उसने चूस चूस कर मुझे झड़ा दिया और मेरी चूत का सारा रस पी गया.
वह नुकीली जीभ बनाकर मेरी चूत के अन्दर धकेल देता और फिर बाहर निकाल लेता.
मेरी चूत पर उसकी जीभ का मजा ही अलग था.
मैंने भी प्यार से उसके बालों में हाथ फिराया और अपनी चूत को आराम से उसके मुँह के हवाले कर दिया.
दोस्तो, मुझे लगने लगा था कि रणजीत को भी उसकी औकात बता देनी चाहिए.
मैं इस हॉट गर्ल इरोटिक स्टोरी अगले भाग में आपको बताऊंगी कि मेरी चुदाई किस तरह से दमदार साबित हुई.
आपका प्यार ईमेल के जरिए मुझे मिलता रहना चाहिए, बड़ी शुक्रगुजार होऊंगी.
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