Oral Sex Pagal Biwi Kahani – मेरी पत्नी की अजब दीवानगी


लंड चूसने के लिए पागल, सेक्स की भूखी मेरी बीवी जबरदस्त माल है. वो पहले ऐसी नहीं थी. पर एक बार मैंने उसे लंड चुसवाया तो उसे इतना अच्छा लगा कि …

दोस्तो, मेरा नाम राज है मेरी उम्र 40 साल हैं और मेरी बीबी प्रिया की उम्र 38 साल है। हम दोनों इंदौर में रहते हैं।
हमारी शादी को 15 साल हो गए हैं।

मेरी बीवी आज भी जबरदस्त माल है, पागल सेक्स के लिए रहती है हर वक्त!
कोई भी अगर प्रिया को देख ले तो अपने आपको उसके नाम की मुठ मारने से नहीं रोक पायेगा।
एकदम कसा हुआ बदन, स्तन एकदम शेप में!

अपने आपको फिट रखने के लिए प्रिया बहुत मेहनत करती है. उसको शरीर पर बाल बिल्कुल पसंद नहीं है इसलिए हमेशा वैक्सिंग करती रहती है, इससे हमेशा चिकनी बनी रहती है।
प्रिया बहुत पढ़ी लिखी है, साथ ही काफी धार्मिक है लेकिन उसे मॉडर्न और छोटे कपड़े पहनना और मॉडर्न तरीके से रहना भी बहुत पसंद है।

उसने बच्चे होने के बाद काम छोड़ दिया।

हमारे बच्चे हॉस्टल में पढ़ते हैं और हम दोनों अकेले रहते हैं।

जब नई नई शादी हुई हमारी तो हम दोनों ही सेक्स में अनाड़ी थे।
सुहागरात वाली रात जब प्रिया की चूत में लन्ड डाला तो उसे बहुत दर्द हुआ और काफी खून भी निकला।

उस खून को देखकर वह काफी डर गई थी और एक डर भी उसके मन में बैठ गया था।

जब भी हम सेक्स करते तो उसे डर के मारे काफी जलन होती थी और वो खुलकर सेक्स नहीं नहीं कर पाती।

फिर हमने साथ में काफी पोर्न विडियो भी देखी लेकिन वो एकदम नॉर्मल नहीं हुई.
लेकिन तब भी उसने मुझे मजा देने के लिए मेरा लन्ड चूसना शुरु किया।

पहले दिन से ही उसे लन्ड चूसना इतना अच्छा लगा कि प्रिया ने पहले दिन ही लन्ड का पानी चूस चूस के निकाल दिया।

उसके बाद तो जैसे प्रिया को मेरा लन्ड पीने की लत सी लग गई।
रोज जब तक लन्ड न चूस ले उसे मजा नहीं आता। रोज रात को सोने से पहले उसे लन्ड पिलाना ही पड़ता था।

कुछ दिन तक ऐसे ही लन्ड पीते रहने बाद उसने मुझे बोला- मैं आपका लन्ड रस पीना चाहती हूं।
मैं क्यों मना करता … मैंने हां कर दी.

उस दिन उसने लन्ड खूब जोर से चूसा और जैसे ही पानी निकला उसने सारा का सारा पी डाला।

प्रिया– अरे वाह मजा आ गया। क्या टेस्टी रस रहता है ये तो! अच्छा हुआ आज मेरी सहेली का फोन आया और उसने मुझे सीमेन पीने की सलाह दी. वो बोली कि बहुत टेस्टी रहता है और लन्ड रस पीने के फायदे भी बहुत रहते हैं। कितने दिनों से मैं यह रस बेकार ही जाने दे रही थी. आज से तुम्हें रोज ये रस पिलाना पड़ेगा। प्लीज इसे बेकार मत फेकना।

मैं- अरे यह भी कोई कहने की बात है तुम्हारा ही तो है यह सब!
अब हम सेक्स करें या न करें … लन्ड का रस प्रिया पी ही लेती थी।

प्रिया भी अब अपनी चूत उंगली से घिस कर शान्त करती थी।
लेकिन उसे लन्ड चूसने का एक अलग ही शौक था।

जैसे ही मैं पैंट उतारता, उसकी लार टपकाने लगती।
वह मेरे लन्ड को ऐसे चूसती थी जैसे फिर उसे नहीं मिलेगा।
कभी कभी वो दिन में तीन तीन बार लन्ड का वीर्य निकाल कर पी जाती।

उसकी सहेली उसे जाने कौन सा ज्ञान दे गई थी और दे भी रही थी कि उसको हमेशा लन्ड अपने मुंह में ही रखने का चस्का लगा रहता।

अब हमारी शादी के दस साल बाद वो मुझसे चुदने भी लगी थी। अब चुदने में प्रिया को मजा आने लगा।

एक बार मैंने चुदायी के वक्त किसी दूसरे से चुदाने को कहा.
तो उसने साफ मना कर दिया.

फिर मैंने कहा- अच्छा सिर्फ लन्ड चूस लेना।
तो उसके लिए प्रिया झट से तैयार हो गई- लन्ड तो जब बोलोगे, चूस लूंगी लेकिन चूदूंगी सिर्फ आप से!

मैं– तो उसका रस पियोगी?
प्रिया- चूसूंगी ही रस पीने के लिए! मैं भी तो चखना चाहती हूं दूसरे लन्ड का टेस्टी वीर्य।
प्रिया– अब देखो ना कोई अच्छा सा लन्ड मेरे स्वाद के लिए! लेकिन मैं हमारे शहर के लन्ड को मुंह में नहीं लूंगी और न ही शहर में लूंगी। अगर मेरी इच्छा पूरी करना हो तो कहीं बाहर लेकर चलो।
मैं- तो बाहर चलते हैं कहीं. लेकिन फिर तुम्हें गांड भी मरवानी पड़ेगी।

प्रिया- ठीक है … उसके लिए कहीं विदेश ले चलो; वहां गांड भी मरवा लूंगी।
मैं- ठीक है. तुम्हारा जन्मदिन भी आने वाला हैं कुछ प्लान बनाता हूं।

एक दिन जब मैं घर आया काम से … तो प्रिया का अलग ही मूड था।
जैसे ही मैं आया तो वो आगे के कमरे में मेरा इंतजार कर रही थी।
मेरे आते ही उसने मेरी पैंट खोल कर लन्ड गप से अपने मुंह में ले लिया और जब तक उसने लन्ड का रस नहीं पी लिया, उसने लन्ड मुंह में से निकलने न दिया।

मैं- क्या बात है प्रिया, आज मेरे आते ही धावा बोल दिया तुमने?
प्रिया- क्या बताऊं … आज दोपहर पोर्न वीडियो देख रही थी जिसमें एक औरत बहुत सारे लन्ड से खेल रही थी. बस तभी से तुम्हारा इंतजार कर रही थी कि कब आओगे और मेरी प्यास बुझाओगे।

मैं- तो चूत में डिल्डो डाल लेती।
प्रिया- डाला था … पर तुम्हें तो पता है न जब तक लन्ड का रस न मिले मुझे मजा नहीं आता. लेकिन तुम आज लेट आए।

मैं- मैंने तो बोला तुमको लो इसी शहर के लन्ड की व्यवस्था कर देता हूं ताकि तुम्हें परेशान न होना पड़े।
प्रिया- न बाबा … शहर का तो नहीं।

प्रिया- क्या हुआ हमारे विदेश चलने का?
मैं- बहुत जल्दी हो रही है गांड मराने की?
प्रिया- नहीं, नए लन्ड चूसने की जल्दी है। अब तो मैं हमेशा नए लन्ड का ही ख्वाब देखती रहती हूं, उसका प्यारा सा गाढ़ा सा माल पियूंगी।
मैं- जल्दी ही करता हूं। चलो पहले खाना खा लेते हैं.

रात को कमरे में एक अलग ही तरह से पलंग जमा हुआ था।

मैं– क्या है यह सब?
प्रिया- हमारे सोने की व्यवस्था।

मैं- मगर तुम्हारे तकिया मेरी कमर के पास क्यों लगा है?
प्रिया– आप सिर्फ नंगे होकर मेरी तरफ मुंह कर के से जाइए।
मैं– ठीक है जैसा तुम बोलो.

और जैसा प्रिया ने बोला में वैसे लेट गया.
प्रिया का तकिया मेरी कमर तक था वो भी लेटी, ऐसा लेटने से मेरा लन्ड उसके मुंह तक आ गया।
उसने झट से मेरे मुरझाए लन्ड को मुंह में ले लिया।

मैं- अरे यह क्या कर रही हो?
प्रिया– अब से मैं ऐसे ही सोया करूंगी मुंह में लन्ड लेकर!

मैं- लेकिन तुम्हें नींद कैसे आएगी?
प्रिया- मैं पहले मुंह में अंगूठा लेकर चूसती थी। अब भी कभी कभी अंगूठा चूसती हूं। आज मुझे समझ आया कि क्यों मुझे अब ज्यादा मजा नहीं आता था। आज दोपहर ही मैंने ऐसा सोचा कि लन्ड लेकर सोया जाए।

प्रिया- अब आप सो जाइए और मुझे भी सोने दीजिए।
मैं- ठीक है वैसे भी तुम कहां सुनने वाली हो.
और फिर प्रिया सो गई।

मुझे नींद कैसे आती … आपका लन्ड आपकी बीवी की मुंह में हो और आपको नींद आ जाए।

आधी रात को मैंने लन्ड निकलने की कोशिश करी तो नींद में ही प्रिया ने मुझे जोर से चांटा मार दिया।
मेरे मुरझाए लन्ड को भी वो पूरा मुंह में भर कर सोती रही।
सच में गहरी नींद में थी।

पूरी रात मेरा माल दो बार झड़ गया लेकिन प्रिया नींद में ही पूरा गटक गई।
सुबह मेरी आंख लगी।

जब मैं सोकर उठा तो देखा प्रिया सोकर उठ चुकी।
मुझे उठा देख कर बोली- आज जैसी नींद आई वैसी कभी नहीं आई। नींद में भी इतना मजा आया की बता नहीं सकती। आज से मैं रोज मेरे इस प्यारे से लन्ड को मुंह में लेकर ही सोऊंगी।

मैं– तो फिर मेरा क्या होगा मुझे नींद कैसे आएगी?
प्रिया– अरे आपके तो मजे ही रहेंगे. और रही नींद की बात … वो तो आदत पड़ जायेगी।
और फिर प्रिया अपने काम में लग गई।

जब से प्रिया ने वीर्यपान शुरू किया था तब से उसके चेहरे पर एक अलग ही निखार आ गया था।
उसकी स्किन एकदम चमकने लगी थी।

आखिर वो दिन आ गया जब मैंने विदेश जाने का प्रोग्राम बना ही लिया और हम दोनों अपनी यात्रा पर निकल लिए।

हमारा प्रोग्राम 5 दिन का था और हम क्रूज पर गए थे जिसके लिए पहले सिंगापुर जाना पड़ता है।
पहले ही दिन हमें सिंगापुर से क्रूज पकड़ना था।

हम क्रूज पर पहुंच गये, प्रिया बहुत खुश थी.
प्रिया– आखिर आ ही गए हम! लेकिन प्लीज लन्ड अच्छा वाला ढूँढना।
मैं– अब क्या मैं सबके पैंट में देखूँ?

प्रिया हंस दी, बोली- चलो कोई भी ले आओ. मुझे पहले गैर मर्द का लन्ड चखना है। आपकी भी इच्छा पूरी हो जायेगी मुझे गैर मर्द का लन्ड चूसते देखने की।

हम दोनों तैयार होकर क्रूज पर टहलने के लिए निकल गए। हम रेस्टोरेंट पहुंचे तो वहां कई विदेशी वेटर भी थे।

प्रिया को एक वेटर बहुत पसंद आया– यह बंदा मस्त दिख रहा है. इसका लन्ड भी अच्छा होगा। प्लीज इस से बात कर लो लेकिन बता देना कि सिर्फ चूसूंगी और रस पियूंगी. चुदूंगी नहीं।

मैंने वेटर को जैसे ही मेरी बीवी का ऑफर बताया वो झट से तैयार हो गया।
भला कोई क्यों मना करेगा।

वो हमारे कमरे में हमारे पीछे पीछे आ गया।
प्रिया– जाओ जाकर अच्छे से धो कर आ जाओ लन्ड को. और खड़ा मत करना मुझे मुंह में ही लन्ड बड़ा करना अच्छा लगता है.
वेटर तो तुरंत ही अपना लन्ड धोकर आ गया।

उसके लन्ड को देखकर प्रिया बोली- कितना प्यारा लन्ड है। मेरे पति से बड़ा भी है।

प्रिया ने जैसे ही लन्ड पीना शुरू करा, इस बेचारे वेटर की तो हालत खराब हो गई.
इतने प्यार से जो चूस रही थी वो!

वेटर ने 5 मिनट के अंदर ही रस छोड़ दिया जिसे प्रिया ने ऐसे पिया जैसे मानो अमृत मिल गया हो।

प्रिया लन्ड रस पीकर बोली– मजा आ गया। कितना गाढ़ा था रस और एकदम अलग स्वाद। लेकिन बहुत जल्दी निकल गया तुम्हारा रस!
वेटर- मैडम, आप लन्ड चूसती भी तो ऐसा है कि कोई भी ज्यादा देर नहीं टिक सकता. लेकिन मैं आपको अबकी बार निराश नहीं करूंगा। एक बार और मैं आपको अपना रस पिला सकता हूं

उसका ऐसा बोलना था … इतने में प्रिया ने लन्ड झट से फिर मुंह में ले लिया।

अबकी बार वेटर पूरे बीस मिनट बाद झड़ा। अबकी बार फिर प्रिया तृप्त दिखाई दी।
खुश होकर प्रिया ने वेटर को मुझसे ईनाम दिलवा दिया।

मैं- अब तो बहुत खुश हो तुम?
प्रिया– बहुत ज्यादा जानेमन! थैंक यू वेरी मच! लेकिन अब मुझे और भी लन्ड चाहिए पीने के लिए! अब मैं नहीं रुक सकती. अब मुझे और लन्ड पीना है, उनका सारा रस निचोड़ कर पीना है. प्लीज मेरे लिए लन्ड की और व्यवस्था करो न!

मैं– और गांड मराने का जो तुमने वादा किया था?
प्रिया– हां हां पूरा करेंगे. लेकिन अब तुम गांड नहीं मारोगे. प्लीज किसी और के लन्ड से गांड मरवाऊंगी. आखिर उससे भी तो मजा देखना चाहिए ना कितना आएगा. और हां चुदूंगी भी … लेकिन दूसरे के लन्ड से! तुम्हारा नंबर खत्म … तुम सिर्फ लन्ड रस पिलाओगे … वह भी अपने शहर में जाकर! जब कोई दूसरा नहीं मिलेगा. तब आज से सिर्फ दूसरे का ही लन्ड पीने को चाहिए मुझे!

मैं- लेकिन ऐसा तो तय नहीं था अपने बीच?
प्रिया– लेकिन वेकिन कुछ नहीं … अब तुम मान लो. नहीं तो वहां पर भी अपने शहर में जाकर भी तुम्हारा लन्ड पीना बंद कर दूंगी. दूसरे का लन्ड पीने के बाद ही समझ में आया कि कितना मजा है दूसरे का लन्ड पीने में! और कितना गाढ़ा माल होता है. तुम्हारे लन्ड से तो कभी ऐसा माल मिला ही नहीं. कितना टेस्टी था … अभी भी मेरे मुंह में घूम रहा है. अब तो मैं सिर्फ दूसरे का लन्ड ही पियूंगी. अलग अलग स्वाद अलग अलग मजा. जाओ जाकर दूसरे लड़कों की व्यवस्था करो।

और फिर मैं चला गया.

फिर करीब 2 घंटे बाद जब मुझे कोई लड़का नहीं मिला तो मैं वापस कमरे पर पहुंचा.

लेकिन मैं जाकर क्या देखता हूं कि प्रिया कमरे में नंगी बैठी है, 5 लड़के वहां पर अपना लन्ड लेकर खड़े हुए हैं और प्रिया बारी-बारी से सबको चूसे जा रही है और शायद उसने वहां चुदने की तैयारी भी कर रखी थी क्योंकि उन लड़कों को देखकर ऐसा ही लगता था.

प्रिया ने मुझे इशारा करा और मैं जाकर चुपचाप कुर्सी पर बैठ गया। प्रिया लन्ड चूसने में फिर से व्यस्त हो गई.

अब जो लड़का फ्री था, उसने प्रिया के बोबे मसल ने शुरू कर दिए और प्रिया की चूत में अपना लन्ड डालने लगा.
तो प्रिया बोली- चूत नहीं, पहले मैं अपनी गांड मरवाऊंगी और फिर चूत और गांड एक साथ! अकेली चूत की चुदायी नहीं होगी.

और प्रिया एक साथ हर बार तीन लन्ड से खेलने में लग गई।

प्रिया- राज, तुम जाकर खाना खा लो. मेरा तो इस प्रोटीन से ही पेट भर जाएगा. प्लीज थोड़ा टाइम लेना. आज मैं बहुत चुदूंगी और बहुत माल पियूंगी. इतना टाइम बाद मैं खुलकर खेल रही हूं।

अब तो प्रिया को रोज नए-नए लन्ड की जरूरत पड़ने लगी.
जब तक किसी ने लन्ड का रस नहीं पीती उसे मजा ही नहीं आता.
अब तो प्रिया गांड और चूत भी चुदवाने लग गई थी.

पूरे ट्रिप पर उसने खुद से ही नए नए लड़कों के खूब लन्ड चूसे और चुदायी कराई।

आखिर हमारी यात्रा खत्म हुई और हम अपने शहर आ गये.

अपने घर पर यहां आकर भी प्रिया का वही काम चालू रहा.
रोज रात को लन्ड पीते हुए सोना, रोज रात को लन्ड उसके मुंह में जरूर होता था.
लेकिन वह सपने किसी दूसरे लड़के को ही देखती थी.

अब तो उसकी डिमांड थी कि उसको अपने शहर के भी नए लन्ड चाहिए.
तो उसने मुझे बोला- प्लीज यहां मुझे नया लन्ड दिलवा दो. ताकि जब तुम ना हो तो मैं उसको चूस के उसका रस पी सकूं!

मैंने प्रिया को बोला कि वह खुद ही नए बॉयफ्रेंड बना ले ताकि उनका लन्ड चूस सके.

प्रिया बोली- इसमें आपको कोई ऐतराज तो नहीं?
मैंने बोला- नहीं, जब तक सिर्फ तुम पीती रहोगी, मुझे कोई ऐतराज नहीं!

प्रिया ने दो बॉयफ्रेंड बना लिए.
अब जब मैं ऑफिस में होता तो रोज प्रिया एक को सुबह बुलाती और एक को शाम को बुला कर मजा लेती और खूब लन्ड चूस चूस रस पीती.\

और रात को सोते वक्त वही मेरा लन्ड मुंह में लेके सो जाती.

इस तरह प्रिया को खूब लन्ड रस मिल रहा था और जिंदगी बड़े मजे से कट रही थी.

लेकिन प्रिया बीच-बीच में मुझे बोलती रहती- कहीं बाहर ले चलो मुझे … नया लन्ड पीना है.
और फिर हम कहीं ट्रिप पर निकल जाते और वहां खूब चुदायी करते और प्रिया खूब लन्ड का रस पीती।

एक बार प्रिया के जन्मदिन पर मैंने कुछ लड़कों से लन्ड का रस शीशी में निकलवा कर प्रिया को बर्थडे गिफ्ट के तौर पर दिया.
लेकिन उसको देखकर प्रिया का दिमाग खराब हो गया.

वह बोली- मुझे रस तो पीना है लेकिन ऐसे नहीं … जब तक मैं लन्ड को मुंह में लेकर उसका रस नहीं निकालती, तब तक मुझे मजा नहीं आता है. अब आप इतने प्यार से रस लाए हो तो पीना तो पड़ेगा. लेकिन प्लीज मुझे लन्ड दिलवाओ. मुझे लन्ड पीने का शौक है. नर्म नर्म लन्ड जब मुंह में खड़ा होता है और कड़क हो जाता है. फिर प्यार से जो लंड की पिचकारी छुटती है जो मेरे गले को तर बतर करती है, उसका मजा आप क्या समझोगे. मुझे पीने का शौक है. लन्ड पीने के बाद उसका रस निकलता है उसे पीने का शौक है. लेकिन ऐसे कोई लाकर दे दे तो मुझे मजा नहीं आता, पी लूंगी मैं लेकिन मुझे डायरेक्ट लन्ड से रस निकालकर पीना है. अगली बार मेरे लिए लन्ड लाना।

नए-नए लंड पीने में तो शायद अब तक प्रिया ने वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बना दिया होगा.
उसकी दीवानगी अभी भी चालू है … उसको हर हफ्ते में लन्ड चाहिए।

आपको मेरी पागल सेक्स कहानी कैसी लगी? कमेंट्स में बताएं.
धन्यवाद.
राज और प्रिया
[email protected]

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