मै तुम्हे पीछे से चोदना चाहता हूँ – 3

अनिश कस के धक्के लगा रहा था, प्रियंका उसके हर धक्के का साथ धक्के से दे रही थी, “हीईईईय भ्ाआअगवाआआआं हााआअँ चूओड़ो मुझे और्र्र्र्ररर जोर्र्र्ररर से हााआअँ ऐसे ही ओह” “हााआअँ बहना लीईए अपने भाई कााआ लंड अपनी चूऊत मे, कितना तडपा हूँ तुझे चूऊऊओदे के लिए मेर्रर्र्ररी गुड़ीयाआआ,” अनिश उत्तेजना मे बड़बड़ा रहा था. “हााआअँ भैया और्र्र्र्ररर ज़ोर सीईईई चोद्द्द्द्द्दू मुझे,” प्रियंका टेबल का कौना और मजबूती से पकड़ सिसकी, “हााआअँ अंदर तक पेल दो ओह हााआअँ और तेज़ी सीईईई चोद दो फद्द्ड़दड़ो अपनी प्यारी बहन की चूऊऊओत को.” प्रियंका सिसक रही थी.
अनिश ने अपना हाथ उसकी चूत पर रख दिया और अपनी दो उंगलियाँ अपने लंड के साथ साथ उसकी चूत मे घुसा अंदर बाहर करने लगा.“ओह हााआअँ ऐसे ही मेरााआआअ चूओटने वाअला है.” वो सिसक रही थी, “हााआअँ चोद्द्द्द्द्दो मुझे और ज़ोर सीईईई.”अनिश एक हाथ से उसके कूल्हे पकड़ ज़ोर के धक्के लगा रहा था. दोनो का शरीर पसीने मे लठ पथ हो गया था. प्रियंका को जिस तरह की चुदाई पसंद थी उसी तरह उसे चोदे जा रहा था. आख़िर प्रियंका की चूत ने पानी छोड़ दिया.
प्रियंका ने महसूस किया कि अनिश का पानी अभी तक नही छूटा है और वो उसकी चूत मे धक्के लगाए जा रहा है. अनिश ने उसे अपने पास खींचा और और उसे ज़मीन पर झुका दिया, उसका चेहरा ठीक उसकी पावं के पास हो गया था और अब वो और कस कर धक्के मार रहा था. प्रियंका उसके हर धक्के का साथ आगे पीछे होकर दे रही थी, उसके शरीर मे एक बार फिर उबाल आ रहा था, वो हर धक्के का जवाब उतनी ही ज़ोर से उसे देने लगी.“हां मेरी गडड्डियीयया आईससे ही अपनी गाअँ पीछे कर मेरे लंड को अपनी चूत मे ले लो, ओह हाां में सुबह से ही तुउुउउँहे ऐसे ही चोदना चाआहता था ओह हाआँ.” कहकर अनिश ज़ोर ज़ोर से प्रियंका को चोद रहा था. 

“हीईए भगवाां मेरा फेर छूटने वाला है,” प्रियंका ज़ोर से अपनी गांद को पीछे को करते हुए सिसकी, “हााआअँ डार्लिंग आईससे ही चूऊदो ऑश मेरा चूओत रहा है.”जैसे ही प्रियंका की चूत ने पानी छोड़ा अनिश ने उसके कंपकपाते हुए बदन को उसके कुल्हों से पकड़ा और अपना लंड उसकी बुर मे अंदर तक धकेल दिया. अनिश ने अपना लंड बाहर खींचा और सिर्फ़ अपने सूपदे को अंदर रहने दिया और प्रियंका की चूत के पानी का मज़ा अपने लंड पे लेने लगा. 

 प्रियंका ने महसूस किया कि अनिश का लंड उसकी चूत मे अभी भी अंदर घुसा हुआ है और उसका लंड अभी तक झाड़ा भी नही है, “क्या बात है तुम अभी तक झाडे भी नही हो?” प्रियंका ने अनिश से पूछा.“तुम्हारी भाभी प्रिया पहले तो शाम को चुदवाना चाहती थी और फिर पार्टी शुरू होने से पहले फिर उसने चूदवाया, वैसे भी जब मेरा लंड पानी नही छोड़ता और मैं देर तक चुदाई कर सकूँ तो मुझे अच्छा लगता है.” अनिश ने उसकी चूत मे फिर धक्के मारते हुए कहा. अनिश ने अपना लंड उसकी चूत से बाहर निकाल लिया. उसने प्रियंका को पकड़ कर अपनी तरफ घुमाया जिससे वो मोमबति की रोशनी मे उसका लंड देख सके. प्रियंका ने देखा कि अनिश का लंड उसके पानी से लिथड़ा हुआ हल्की रोशनी मे चमक रहा था, आज लंड कुछ ज़्यादा ही मोटा और लंबा लग रहा था, उसके बदन मे एक सिरहन सी दौड़ गयी.


अनिश नीचे ज़मीन पर लेट गया और प्रियंका को खींच कर अपने उपर कर लिया. दोनो का शरीर पसीने से भरा हुआ हल्की रोशनी मे जगमगा रहा था. अनिश ने अपनी टाँगे और फैलाते हुए प्रियंका से कहा, “गुड़िया मेरे उपर आ जाओ और अपने हाथों से मेरे लंड को अपनी चूत से सटा दो.”प्रियंका ने अपनी दोनो टाँगे ठीक से अगल बगल की और अनिश के लंड को अपनी चूत के मुँह से लगा दिया, अनिश ने उसकी कमर पकड़ उसने नीचे की ओर खींचा और उसका लंड प्रियंका की चूत की दीवारें चीरता हुआ अंदर तक घुस गया.  “ओह अहह” प्रियंका के मुँह से एक पर फिर सिसकारी निकल पड़ी. खुशी और मज़े की उत्तेजना मे वो ज़ोर ज़ोर से उसके लंड पर उछल रही थी. अनिश भी नीचे से अपने कूल्हे उठा उसके धक्को का साथ दे रहा था. प्रियंका ने महसूस किया कि अनिश का लंड पहली बार से ज़्यादा गहराई तक उसकी चूत मे जा रहा था. अपनी गांद को कस कर उसके लंड पर दबाए हुए प्रियंका बैठ गयी, फिर एक हाथ से अपनी चुचियाँ मसल्ते हुए बोली, “अनिश तुम्हारा लंड कितना अच्छा लग रहा है मुझे,” कहकर उसने अपना एक पीछे लिया और अनिश के लंड की गोलैईयों को सहलाने लगी. 

 अनिश ने प्रियंका को थोड़ा नीचे झुकाया और उसकी चुचि को अपने मुँह मे लेकर चूसने लगा. साथ ही साथ वो नीचे से धक्के मार उसे चोद रहा था. प्रियंका उत्तेजना मे उपर को उठती और जब अनिश के लंड का सिर्फ़ सूपड़ा उसकी चूत मे रह जाता तो ज़ोर से नीचे को आती, वो यही क्रिया बार बार ज़ोर से कर रही थी. अनिश उत्तेजना मे बड़बड़ा रहा था, “ओह राआआढ़हाअ हाां चोदूऊ मुझीईई और जोर्र्र्र्र्र्ररर से, ओह मेराा चूओटने वाला है.”सिर्फ़ इतना सुनकर की अनिश का छूटने वाला है प्रियंका की चूत ने तीसरी बार पानी छोड़ दिया. अनिश ने भी उसके चुतदो को कसकर पकड़ा और अपने कूल्हे और उपर करते हुए अपने वीर्य की पिचकारी उसकी चूत मे छोड़ते हुए झाड़ रहा था, “लूऊऊओ मेरााआअ प्ाअनी अपनी चूओत मे ऑश में झाआड़.”“हाआाआअँ छोड़ दो अपनााआआ पानी मेरी चूत मे, भर दो मेरी चूऊत को आआआज,” प्रियंका सिसक रही थी और उसकी चूत पानी पे पानी छोड़े जा रही थी.


बेसमेंट मे उनकी उखड़ी हुई साँसों की आवाज़ गूँज रही थी. दोनो तक कर एक दूसरो को चिपकाए लेटे हुए थे.“चुदाई कभी इतनी भी अच्छी हो सकत है, में नही जानती थी.” कहकर प्रियंका ने अपना चेहरा अनिश के सीने मे छिपा लिया. अनिश और प्रियंका दोनो अंजान थे कि उनका जीजा वीरेंदर बड़ी टंकी के पीछे से उनकी इस भयानक चुदाई को देख रहा था. वीरेंदर की साँसे भी तेज हो गयी थी और वो दूसरी बार अपने लंड से छूटे पानी को पोंछ रहा था.


वीरेंदर को मन ही मन गुस्सा आ रहा था कि अनिश बीच मे आगेया था वरना आज वो प्रियंका को चोद कर अपनी दिल की इच्छा पूरी कर लेता. उसने अपनी पॅंट पहनने की कोशिश नही की थी और अनिश के आते ही टंकी के पीछे चुप गया था. वीरेंदर ने जब अनिश को प्रियंका को चोद्ते देखा तो उसे शक़ हुआ कि कहीं अनिश उसकी पत्नी (अनिश की बहन) नीता को भी चोद्ता होगा. प्रियंका उछल उछल कर अनिश को चोद रही थी तो उसे लगा कि वो प्रियंका नही नीता है. दोनो बहनो मे कितनी समानता थी. 

वीरेंदर अपने खड़े लंड को सहलाते हुए उन दोनो की ओर बढ़ने लगा, आज उसने पक्का निस्चय कर लिया था कि वो प्रियंका को चोद के रहेगा.”“इस समय तुम यहाँ क्या कर रहे हो?” अनिश ने वीरेंदर से पूछा. वीरेंदर ने सोचा था कि उसे देखकर दोनो घबरा जाएँगे, घबडाएँगे नही तो कम से कम शर्मा तो जाएँगे पर ऐसा कुछ नही हुआ. और ये देखकर उसे और आश्चर्य हुआ कि उन दोनो ने अपना नंगा बदन तक ढकने की कोशिश नही की.“में सोच रहा था कि ये सवाल तो मुझे तुम से करना चाहिए?” वीरेंदर ने धीरे से कहा.


“ये जानते हुए कि आधे घंटे से तुम यहाँ हो और सब देख रहे थे तो एक बेवकूफ़ ही ये सवाल पूछ सकता है.” अनिश थोड़ा गुस्सा होते हुए बोला. वीरेंदर थोड़ा और आगे आया, प्रियंका अभी भी अपने भाई अनिश के लंड को सहलाते हुए उसे घूर रही थी. ऐसा नही था कि वो डर रही थी पर उसके चेहरे पर एक शैतानी मुस्कुराहट थी जिसने वीरेंदर के लंड को और खड़ा कर दिया था.


“तो मुझे यहाँ देखकर तुम्हे आश्चर्य नही हुआ?” वीरेंदर ने हंसते हुए पूछा. “आश्चर्य!” अनिश हमेशा गुस्से मे ही जवाब देता था उसे ये पता था, “हम क्यों आश्चर्य करेंगे किसलिए.”अनिश के जवाब ने वीरेंदर को चौंका दिया, “तुम्हे ना हुआ होगा पर मुझे हुआ है, दुनिया कई मर्द कई औरतों को चोद्ते है, पर क्या ये तुम्हारी बहन नही है.” अनिश उसकी बात सुनकर ज़ोर ज़ोर से हँसने लगा और प्रियंका की चुचियाँ मसल्ने लगा.“ये क्या है?” अनिश ने एक हाथ से अपने लंड को वीरेंदर को दिखाते हुए पूछा. “ये लंड है में जानता हूँ.” वीरेंदर ने खीजते हुए कहा. अनिश ने अपनी एक उंगली प्रियंका की चूत घुसाते हुए पूछा, “और इसे क्या कहते है?”“ये क्या मज़ाक है, कोई गुप्तांगो का नज़ारा पेश कर रहे हो क्या,” वीरेंदर झल्लाते हुए बोला. “मेरे प्यारे जीजू इसे चूत कहते है. जब लंड को चूत और चूत को लंड पसंद है तो क्या फरक पड़ता है कि इन दोनो के मालिक भाई बहन है या कुछ और जो तुम समझो.

कहानी जारी है ….. आगे की कहानी पढने के लिए part – 4

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