सरपंच की बेटी की चूत फट गयी

मेरे उरोजों पे रेंगते तेरे होंठ, मुझे मदहोश किये जाते हैं कुछ करो हम तेरे आगोश में बिन पिए बहक से जाते !

हैं हेलो दोस्तो मैं राहुल एक बार फिर से आपके सामने अपनी एक और कहानी ले के आ गया हू मगर मैं एक बात ज़रूर बोलना चाहता हू कि मुझको मेरी पिछली स्टोरी’स पे बहुत सी मैल आई और ज़्यादातर मैल सिर्फ़ इस लिए थी कि आप अपनी फ्रेंड का कॉन्टेक्ट नंबर दे दो या फिर हमको कोई सेफ प्लेस बता दो जहा हम अपनी गर्लफ्रेंड को ले जा के उसको चोद सके तो मैं एक बात बिल्कुल क्लियर कर देना चाहता हू कि जिसको भी चोदा है तो उसको सीक्रेट रखना पहली शर्त है इस लिए मैं कभी भी उस लड़की के बारे मे किसी को कुछ नही बता सकता इसलिए प्लीज मुझको फिर दुबारा इस लिए कोई मैल ना करे और अब मैं आपलोगो का ज़्यादा टाइम बर्बाद ना करते हुए अपनी स्टोरी की तरफ आता हू!

ये बात आज से कोई १ महीने पहले की है मैं अपने ऑफीस के काम से एक गाव मे गया हुआ था वाहा पे मुझको उस गाव के सरपंच से मिलना था मैं जब उस सरपंच के घर गया और दरवाज़ा नॉक किया तो एक कोई 25 साल की बहुत ही खूबसूरत सी औरत बाहर निकली मैं उसको देखता ही रह गया कोई ५ फिट ५ इंच उसकी हाइट थी गोरा रंग उसने एक अच्छी सी रेड साडी पहनी हुई थी मैं उसको देखता ही रह गया फिर मैने उसको बताया कि मैं सरपंच से मिलना चाहता हू तो उसने मुझको अंदर आने को कहा और औंदर एक रूम मे बैठाया और बोली कि आप यहा बैठिए पापा अभी आते है तो मैं समझ गया कि ये सरपंच की बेटी है!

“”थोड़ी देर मे वो मेरे लिए पानी ले के आई और मुझको पानी दे के चली गयी इस भरी गर्मी में यारों बारिस सी चूत में बरस गयी लौंडे ने मारी धार जो अन्दर मैं प्यारे बस सरस गयी. जब थमी चुदाई की घड़ियाँ चोदू मुझ पर लेट गया बोला प्यार से “रानी बिटिया’ आज तो मन बस हरस गया. बरसो से छुपी तमन्ना थी बांध जूड पलंग से तुमको बिना बताये रेड करूँ. आज ये सुन्दर मौका देखा जबरन तुझको चोद दिया मुझे माफ करना मेरी रानी मैंने तुझ पर जोर किया. ये चूत तुम्हारी चेरी है मैं भी कोई गैर नहीं. मेरी भी एक इच्छा वो भी आज पूरी कर दो मुझे बनाकर कुतिया तुम लंड चूत में ठेल ही दो |

महीने से ऊपर आज हुए उस रात जब तुमने चोदा था मेरी चूत को रगड़ रगड़ अपने लंड से खोदा था. तब से मैं हूँ तरस रही क्यों इतने दिन बाद सुध ली मेरा क्यों भूली चूत तुम्हे मेरी. चूत चोद मुह में डाला गांड में भी माल निकाला चूस चास कर साफ किया फिर भी न माना चूत-स्नान किया. “”

कुछ देर बाद सरपंच मेरे रूम मे आया और मैने उसको बताया कि मैं क्यू आया था और काफ़ी देर तक हमारी बात चलती रही क्योंकि हमारी कंपनी उस गाव मैं एक प्रॉजेक्ट शुरू करना चाहती थी जिसके लिए हमको सरपंच से बात करनी थी सरपंच मेरी बात से बहुत खुश हुआ क्योंकि उस प्रॉजेक्ट से उसके गाव का बहुत विकास हो जाएगा और उस विकास का पूरा क्रेडिट उस सरपंच को मिलने वाला था इस लिए सरपंच मुझको बोला कि आपको जो भी हेल्प चाहिए होगी मैं तुरंत करूँगा.मैने सरपंच को बोला कि इस प्रॉजेक्ट के सिलसिले मैं मुझको कुछ दिन इस गाव मे रहना पड़ेगा इस लिए मेरे लिए एक कमरे का इंतज़ाम करो और साथ मे कोई आदमी जो मेरे लिए खाना वगेरा बना सके मेरे कपड़े धो सके तो सरपंच मुझको बोला कि मेरा घर बहुत बड़ा है आप इसी मे रह लीजिए आपको कोई परेशानी नही होगी तो मैने उसको मना किया कि मुझको कई बार लेट नाइट भी बाहर जाना पड़ेगा और मुझको प्रॉजेक्ट के सिलसिले मे कई लोगो को बुलाना भी पड़ेगा इस लिए मुझको कोई अलग मकान का इंतज़ाम कर के दो तो वो बोला मेरा एक मकान गाव से बाहर खेत के पास बना हुआ है!

आप देख लीजिए अगर आपको पसंद हो तो वही रह लीजिए मैने कहा ठीक है मैं सरपंच के साथ उसका मकान देखने गया तो वो मुझको पसंद आ गया क्योंकि वो बिल्कुल अलग हट के बना था कि मैं वाहा जैसे भी रहू किसी को कोई परेशानी नही होने वाली थी मैने मकान के लिए हा कर दी और पूछा कि खाने और कपड़े धोने का भी कोई इंतज़ाम है कि नही तो वो बोला कि सर ये काम तो मेरी विधवा बेटी कर देगी वो घर से खाना बना के ले आया करेगी आपके लिए और आपके कपड़े भी धो देगी वैसे भी उसका टाइम पास नही होता क्योंकि मैने बचपन मे उसकी शादी कर दी थी और अभी उसका गौना (विदाई) नही हुआ था कि उसका पति मर गया इस तरह मेरे लिए मकान और खाने का इंतज़ाम हो गया और मैं अगले दिन ही अपना समान ले के वापिस उस गाव मे रहने आ गया मैं शाम को पहुचा था और वाहा आके देखा कि सरपंच के साथ कुछ आदमी खड़े है उन्होने मेरा समान घर मे सेट कर दिया और इसी मे रात के 9 बज चुके थे सरपंच ने मुझको बोला कि मैं अब जा रहा हू और आपके लिए खाना भिजवाता हू!

तब तक आप नहा लीजिए और सरपंच चला गया मैने दरवाज़ा बंद किया और नहाने के लिए बाथरूम मे चला गया बात ले के मैने एक टीशर्ट और शॉर्ट पहन लिए और रूम मे टीवी देखने लगा तभी डोर पे नॉक हुआ तो मैने जैसे दरवाज़ा खोला तो देखा उसी दिन वाली वो लेडी दरवाज़े के बाहर खड़ी थी आज उसके चेहरे पे एक स्माइल थी और वो मुस्कुराती हुई बोली साहब मैं आपके लिए खाना लाई हू मैने खुद बनाया है औब आप शहर वालो को पता नही पसंद आएगा कि नही मैने उसको अंदर आने को कहा वो अंदर आई और मेरे लिए खाना निकालने लगी जितनी देर वो खाना लगा रही थी मैं उसकी बॉडी को ही निहारता रहा क्या अल्मस्त जवानी थी मेरा मन कर रहा था कि अभी इसको अपनी बाहो मे भर लू और खाने की जगह इसको ही खा जाउ मगर मैने अपने आप को कंट्रोल किया और खाना खाने लगा खाना खाते हुए मैने ऐसे ही उसके साथ थोड़ी बहुत बात की और उसके खाने की बहुत तारीफ़ भी की ऐसे ही कुछ दिन चलता रहा औब वो मुझसे काफ़ी हद तक खुल गयी थी और मुझसे हसी मज़ाक भी कर लेती थी !

उसका नाम लता था एक दिन जब वो सुबह मेरे लिए चाइ और नाश्ता ले के आई तो मैने दरवाज़ा खोला और फिर वापिस बेड पे आके लेट गया उसने पूछा कि क्या हुआ साहब आज आप कुछ ठीक नही लग रहे है तो मैने कहा कि आज कुछ तबीयत ठीक नही है |  पूरा बदन टूट रहा है और सिर भारी सा हो रहा है तो वो मेरा माथा छू के देखने लगी और बोली बुखार तो नही है लगता है आप बहुत थक गये है आइए मैं आपकी मालिश कर दू इससे आपको आराम मिलेगा मैने उसको मना किया मगर वो नही मानी और तेल ले के आ गयी उसने ज़मीन पे एक चटाई बिछा दी और बोली इस्पे टीशर्ट उतार के लेट जाइए मैने वेसा ही किया और सिर्फ़ शॉर्ट’स पहन के लेट गया वो मेरे पैरो मैं मालिश करने लगी उसने उस वक़्त एक पिंक कलर की सारी पहनी हुई थी वो थोड़ा झुक के मेरे पैरो पे तेल लगा रही थी !

जिससे उसके बूब्स ब्लाउस से बाहर आ रहे थे ये देख के मेरा लंड खड़ा हो गया मैने देखा वो तिरछी निगाह से मेरे लंड को देख रही थी मैने ऐसे ही उससे बात करते हुए उसको पूछा कि लता तुम्हारी उमर क्या है तो वो बोली 25 मैने कहा कि क्या तुम्हारा मन नही करता कि तुम्हारी दुबारा शादी हो तो वो बोली की साहब कौन सी औरत ये नही चाहेगी कि उसको उसका मर्द प्यार करे और मैं भी तो एक औरत हू मगर मेरा मर्द तो बिना मुझको टच किए ही मर् गया अब तो ऐसे ही जिंदगी काटनी पड़ेगी मुझको और तरसते रहना पड़ेगा मैने कहा कि क्या शादी के बिना प्यार नही हो सकता क्या तो वो बोली कि आप तो जानते है मैं गाव मैं रहती हू और सरपंच की बेटी हू इस गाव मे कोई ऐसा है ही नही जो मेरे को प्यार कर सके मैने कहा कि क्या मैं भी नही ?

तो वो बोली धुत आप मुझ जैसी गाव की लड़की को प्यार करेंगे मैं कुछ नही बोला और उठ के बैठ गया और उसकी आँखो मे देखने लगा वो कुछ देर तो मुझको देखती रही फिर उसने शर्मा के अपनी आखे बंद कर दी तो मैने उसको हग कर के सीने से लगा लिया उसकी चुचिया मेरे सीने से डब रही थी वो कुछ नही बोली और उसने भी मुझको हग कर लिया मैने उसके गरम होंठो पे अपने होंठ रख के उसको चूसना शुरू कर दिया और मेरा एक हाथ उसके नरम नरम दूध को सहलाने लगा तो उसने मेरा हाथ पकड़ लिया और बोली प्ल्ज़ अभी ये मत करो क्योंकि मैं बिल्कुल कुवारि हू और मेरा एक अरमान था कि जब भी मैं फर्स्ट टाइम चुदाई कर्वाऊ तो वो बिल्कुल सुहाग रात की तरह हो आज बापू दोपहर मे रिश्तेदारी मे जाने वाले है मैं रात को आपका खाना ले के आउन्गि तब यही रुक जाउन्गि क्योंकि घर पे कोई और रोकने वाला नही होगा तब आप मुझको अपनी दुल्हन बना के बहुत सा प्यार करना मैने कहा ठीक है!

मगर अभी जब शुरुआत हो गयी है तो कम से कम कुछ पिला तो दो और मैने उसका ब्लाउस सरका के उसका एक दूध बाहर निकाल के बहुत ज़ोर से चूस लिया वो आअहह करने लगी उसके बाद वो अपने घर चली गयी शाम को कोई 6 बजे मेरा दरवाज़ा नॉक हुआ तो मैने दरवाज़ा खोल के देखा तो बाहर एक आदमी खड़ा था और उसके हाथ मे एक बहुत बड़ा सा पॅकेट था उसने बोला कि सरपंच जी के घर से ये समान लाया हू उन्होने आपको देने को बोला था मैं वो पॅकेट ले के अंदर आ गया और उसे खोला तो देखा उसमे बहुत से फूल थे और एक चिट्ठी थी जिसमे लता ने लिखा था कि ये फूल भेज रही हू अपनी सुहाग रात मनाने के लिए इन फूलो से मेरी सुहागरात को याद गार बना देना मैने अंदर बेडरूम मे बेड पे एक न्यू वाइट बेडशीट बिछाई और वो फूल उसपे डाल दिए और पूरा रूम ऐसे सज़ा दिया जैसे सुहागरात मे सजाया जाता है और खुद भी नहा के शेव कर के कुर्ता पयज़ामा पहन के तैयार हो गया रात को कोई 830 लता आई और मैने उसको हग करने की कोशिश की तो वो मुस्कुराते हुए बोली !

जानू थोड़ा इंतजार तो करो उसके हाथ मे एक छोटा सा बॅग था और वो मेरे से बोली की सबर करो सबर का फल मीठा होता है मैं जब आपको बुलाउन्गी तब रूम मे आना तब तक उधेर देखना भी नही और वो रूम मे चली गयी मैं बाहर बैठा इंतजार करता रहा कोई 30 मिनट बाद अंदर से आवाज़ आई जानुउऊउउ आओ ना मैं अंदर रूम मे उठ के गया तो उसको देखता ही रह गया उसने एक रेड सारी पहनी हुई थी और थोड़े से गहने और बहुत अछा मेकप कर के वो बिलकल दुल्हन बनी हुई थी और बेड पे थोड़ा सा घूँघट निकाल के बैठी हुई थी मैने दरवाज़ा अंदर से बंद किया और उसके पास जा के बेड पे बैठ गया और उसका घूँघट उठाया उसने शरम से अपनी नज़रे झुका रखी थी!

मैने उसकी आँखो पे अपने होंठ रख दिए तो उसने अपना बदन ढीला छोड़ दिया मैने उसको हग कर के सीने से लगा लिया और थोड़ी देर ऐसे ही बैठा रहा उसकी धड़कन बहुत तेज चल रही थी फिर वो उठी और बगल से गरम दूध का ग्लास उठा के मुझको देने लगी कि इसको पी लीजिए मैने वो दूध का ग्लास उसके हाथ से ले के साइड मे रख दिया और उसको कहा कि जानू इस वक़्त ये दूध पीने का वक़्त नही है मुझको तो कुछ और पीना है तो उसने शर्मा के धीरे से पूछा और क्या पीना है तो मैने उसके दोनो दूध को सहलाते हुए कहा ये पीना है तो उसने शर्मा के धात्ट बोला और कहा आप तो बहुत वो है मैने ऐसे ही दूध को सहलाते हुए उसको गरम करना शुरू किया और धीरे धीरे उसका पल्लू हटा के उसके ब्लाउस के बटन खोलने लगा उसने अपने हाथ से अपना चेहरा ढक लिया और बोली मुझको शरम आ रही है मैने उसका पूरा ब्लाउस उतार दिया और फिर सारी भी खोल दी औब वो पेटीकोट और ब्रा मे थी उसने वाइट ब्रा पहनी हुई थी |

मैंने उसकी पीठ चूमि और उसकी ब्रा खोल दी और धीरे धीरे चूमता हुआ निचे चला गया और पेटीकोट का नाडा खोल दिया!

उसने पैंटी नहीं पहनी थी तो मैंने उसे बोला बपैंटी नहीं पहनी तो उसने बोला आपका काम आसान हो जायेगा इसीलिए नहीं पहनी!

उसकी सुनहरी चूत मेरे सामने थी जो कवारी और तड़प रही थी, उसे देखकर खुद को बहुत खुशकिस्मत सा महसूस होने लगा!

देर न करते हुए मैंने सीधा उसकी चूत पर मुँह मारा और चाटचाट कर उसकी चूत का पानी निकाल डाला!

करीब 10 मिंट चुत चटाई के बाद मैंने उसे अपना पहला पानी निकलने के लिए कहा और उसने सीधा मेरा लिंग मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया!

एक हाथ से हिला हिला कर उसने मेरे लिंग का सारा रस चूस डाला और मैं झड़ गया!

अब हम दोनों झड़ चुके थे और एक दूसरे की आँखों में देख रहे थे तो हमने चूमना शुरू कर दिया एक दूसरे के होंठो को!

इतनी देर होंठो को चूसा की मुँह में थूक तक नई बचा और मुँह गिला और लिंग गरम करने के लिए हमने 69 पोजीशन बना ली और एक दूसरे के लिंग को चूसने लगे!

कुछ देर बाद जिस्म की आग जवालामुखी बन गयी और देर न करते हुए मैंने उसकी टाँगे उठाई और उसकी चूत में लिंग डाल दिया!

चुदाई शुरू हो गयी और पुरे कमरे में फूलो की खुशबू के साथ चुदाई की आवाजे आने लगी!

करीब 20 मिनट चुदाई के बाद मैं झड़ गया पर वो नहीं झड़ी थी उसकी आग बुझाना बहुत जरुरी था!

तो मैंने उसे अपना लिंग फिर से चुसवाया और कुछ देर बाद वो फिरसे खड़ा हो गया!

अबकी बार मैंने उसे उल्टा लिटा दिया उसकी गांड का उबार मेरे शरीर को छू रहा था क्युकी मैं पीछे से उसकी चूत मार रहा था!

फूल बिखेरते गए और चुदाई चलती गयी और दोनों के शरीर तक के चूर हो गए थे और पसीने से लतपत!

कुछ देर बाद वो झड़ गयी और झड़ने के दौरान जोर से चिल्लाई और रोने लगी! उसने मुझे ख़ुशी से ध्न्यावाद दिया और चुदाई पूरी करने को कहा!

उसे मेरे झड़ने की फ़िक्र थी तो मैंने जल्दी जल्दी चोदना शुरू कर दिया करीब आधे घंटे के बाद हम दोनों दोबारा झड़ गए!

उसने मुझे कसकर बाहो में लेलिया और करीब आधे घंटे तक हम पसीने से लतपत फुल और पसीने की खुशबू में पड़े रहे!

दोस्तों उसके बाद एक बार सुबह चुदाई करी मैंने और जबतक प्रोजेक्ट पूरा नहीं हुआ तबतक उसके साथ सुहागरात बनाई!

प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद भी मैं कभी कबार मिलने आ जाता हूँ और चुदाई करके उसे विदा करदेता हूँ!

the end

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