Xxx Chudai Ki Garam Kahani – सहेली के पापा ने मेरी मम्मी को चोदा


Xxx चुदाई की गरम कहानी में पढ़ें कि मेरी सहेली के पापा ने मेरी मम्मी को मेरे बगल में लिटा कर चोदा. उसने बाद अंकल ने मुझे भी अपना लंड चुसवाया.

फ्रेंड्स, मैं प्रीति एक बार फिर से अपनी सेक्स कहानी में आपका स्वागत करती हूँ.
Xxx चुदाई की गरम कहानी के पहले भाग
सहेली के पापा ने मेरी मम्मी को रगड़ा
में अब तक आपने पढ़ा था कि मेरी मम्मी ने मेरे रहने के लिए एक कमरा किराए पर ले लिया था जहां वो मेरी रूम मेट सीमा के पापा से चुदने को मचल उठी थीं.

अब आगे Xxx चुदाई की गरम कहानी:

अंकल आंटी और मेरी मम्मी के बीच ऐसी ही नोक-झोंक चल रही थी.
फिर हम सभी ने दोपहर का खाना खाया और आंटी अपने घर चली गईं.

उनके जाने के बाद हम सभी ने थोड़ी देर आराम किया.

कुछ देर बाद उठे और चाय लेकर हम सब थोड़ा बाहर बैठकर बातें करने लगे.

जैसे ही हम सब बाहर बैठ गए तो हमारे बाजू वाले हमसे बात करने लगे.
हम सबकी बातें होने लगीं.

थोड़ी देर के बाद संजू अंकल वहां पर आ गए और राजू अंकल को लेकर बाहर चले गए.
हमें समझने के लिए देर नहीं लगी कि यह दोनों लोग दारू पीकर आएंगे.

शाम हो गई और रात भी गहरा गई. दस बज गए थे, फिर भी अंकल वापस नहीं आए थे.

मम्मी- हम सब लोग खाना खा लेते हैं. तुम दोनों सो जाओ. मैं बाहर उनके इन्तजार में बैठती हूं.

हमने खाना खाया और करीब 11:30 बजे हम दोनों लड़कियां लेट गईं.
लेकिन हम दोनों को भी नींद नहीं आ रही थी.

तभी सीमा बोली- आज तो तेरी मम्मी मेरे पापा का रस लेंगी.
मैं- हां मुझे भी लगता है क्योंकि सुबह मैंने उनकी बात सुनी थी और तेरे पापा मेरे मम्मी के चूचे भी चूस रहे थे.

सीमा- तेरा कोई ब्वॉयफ्रेंड है क्या?
मैं- नहीं, तेरा?

सीमा- ब्वॉयफ्रेंड तो नहीं लेकिन मेरी चूत ने बहुत लौड़े लिए हैं.
मैं- क्या बात करती है?

सीमा ने मेरा हाथ पकड़ कर अपनी चूत के ऊपर रख लिया और मेरी एक उंगली को अन्दर डाल लिया.
उसकी चूत का तो भोसड़ा हुआ पड़ा था तो मुझको समझ में आ गया कि इसने कितने लौड़े लिए हैं.

हम दोनों ऐसे ही लेटी थी.
वह बोली- हम इन दोनों जाने के बाद बात करेंगे.

मम्मी बाहर बैठी थीं और बाजू वाली औरत के साथ बात कर रही थीं.
करीब आधे घंटे के बाद संजू अंकल और राजू अंकल आ गए.

संजू अंकल- अरे आप अभी तक सोई नहीं?
मम्मी- नहीं, मैं इनकी राह देख रही थी.

संजू अंकल- ठीक है, मैं अब जाता हूं.
अंकल के जाने के बाद.

मम्मी- सुनो अन्दर जाने के बाद शोर मत करना. अभी बीड़ी जलानी है तो जलाओ, अन्दर मत जलाना, नहीं तो लड़कियां उठ जाएंगी.
राजू अंकल ने बीड़ी जलाई और जल्दी जल्दी खत्म कर दी.

उसके बाद दोनों अन्दर आ गए.

मम्मी खाना गर्म करके अंकल कों परोसने लगीं.
राज अंकल खाना खाते समय भी मम्मी के मम्मे जोर-जोर से दबा रहे थे.

खाना होने के बाद मम्मी ने बर्तन धोकर रखे.
बर्तन धोते समय अंकल बाहर जाकर बीड़ी पीने कर आ गए.

मम्मी मेरी बाजू में लेट गईं.
अंकल आए और सीधे मेरी मम्मी के ऊपर चढ़ गए.

उन्होंने मम्मी का गाउन निकाल दिया और मम्मी को किस करने लगे, साथ ही साथ मम्मी के चूचे दबाने लगे.

मम्मी ने भी उनकी पैंट निकाल दी और लंड को हिलाने लगीं. मम्मी ने अंकल के लंड को अपनी चूत के ऊपर रख दिया.

अंकल ने तुरंत धक्का दे दिया और लंड मम्मी की चूत के अन्दर डाल दिया.
वो मम्मी को धकाधक चोदने लगे, साथ ही वो मम्मी को किस कर रहे थे.

मम्मी आवाज कम कर रही थीं.
हम दोनों के बगल में सोने के कारण वह ज्यादा नहीं चिल्ला रही थीं.

अंकल मम्मी को जोर-जोर से चोद रहे थे और ताबड़तोड़ लंड चूत में डाल रहे थे.

जैसे लंड चूत में जाता था, उनकी गोटियां मम्मी की टांगों के ऊपर लगती थीं.
उससे पट पट की आवाज आ रही थी.

काफी देर तक अंकल मम्मी की चूत चोदते रहे थे.
एक्सप्रेस ट्रेन की तरह अंकल मम्मी की चूत मार रहे थे; साथ ही साथ मम्मी को किस कर रहे थे और उनके मम्मे भी दबा रहे थे.

अंकल की एक कोहनी मुझको भी लग रही थी.
इधर मेरा और सीमा का हाल बुरा हो गया था.

सीमा मेरे होंठों को चूस रही थी और मैं अपनी उंगली उसकी चूत में अन्दर बाहर कर रही थी.
मेरी चूत भी अलग ही मजा ले रही थी.

कुछ देर के बाद अंकल ने मम्मी को घोड़ी बनाया और पीछे से मम्मी की चूत में लंड डाल दिया.
लंड घुसा और वापस चुदाई चालू हो गई.

इस समय अंकल बुलेट ट्रेन की रफ्तार से मम्मी की चुदाई कर रहे थे.

मम्मी की चुदाई करते समय अंकल ने उनका एक हाथ मेरे गांड के ऊपर रखा और मेरी गांड को दबा रहे थे.
मुझे भी मजा आ रहा था.

अंकल का दूसरा हाथ मम्मी के बाल पकड़े हुए था और वो मम्मी को बड़ी रफ्तार से चोद रहे थे.
पीछे से ही अंकल मम्मी को किस कर रहे थे.

मम्मी बहुत धीरे धीरे से आवाज कर रही थीं.

बीस मिनट की चुदाई के बाद अंकल ने मम्मी को 69 पोजीशन में ले लिया.

अंकल मम्मी की चूत को चूस रहे थे और मम्मी उनका लंड लॉलीपॉप की तरह मुँह में ले रही थीं.

इधर सीमा की चूत में पानी छोड़ दिया और मेरा पूरा हाथ गीला हो गया था.
कुछ 15 मिनट के बाद अंकल ने वापस उनका लंड चूत में डाल दिया.
वो मम्मी के ऊपर लेट गए और मम्मी की चुदाई चालू कर दी.

मम्मी उनके सीने की घुंडी को चूस रही थीं, इससे अंकल को मजा आ रहा था और उन दोनों की चुदाई जोर जोर से होने लगी थी.

अंकल का स्टैमिना बहुत ज्यादा था. देर तक चोदने के साथ ही वह बहुत जोरदार चुदाई करते थे.

मम्मी भी बहुत चुदक्कड़ थीं तो उनको भी अंकल के लंड से बहुत मजा आ रहा था.

अंकल मम्मी की ताबड़तोड़ चुदाई चल रही थी.
ना मम्मी पीछे हट रही थीं, ना ही अंकल.

काफी देर से उनकी चुदाई चल रही थी.
अंकल की स्पीड़ थोड़ी सी भी कम नहीं हुई थी.

इतना वजन होने के बावजूद भी वह बहुत अच्छी तरह से मम्मी की चूत बजा रहे थे.

मम्मी भी उनका पूरा वजन अपने ऊपर सहकर भी पूरा साथ दे रही थीं.

अब अंकल ने अपने लंड का पूरा रस मम्मी की चूत में छोड़ दिया और मम्मी के ऊपर ऐसे ही लेट गए.
वो मम्मी को किस करने लगे.
मम्मी भी उनका सहयोग दे रही थीं.

करीब 10 मिनट के बाद वह मम्मी के ऊपर से हट गए.

मम्मी ने जोर से अपनी सांसें लीं और निढाल हो गईं.

अंकल- बहुत जोर है तेरे में … कितने दिनों के बाद इतना अच्छा माल मिला. मजा आ गया … मेरा पूरा वजन तूने सह लिया … बहुत ही चुदक्कड़ है तू. मेरा वजन अब तक बस दो ही औरतें ले पाई हैं और अब तू तीसरी हो गई है.

मम्मी- मैं तीसरी, एक आपकी बीवी. उसके अलावा दूसरी कौन है?
अंकल- वह तुझे बाद में समझ में आ जाएगा और एक राउंड लेगी या सो जाएगी?

मैं सोच रही थी कि अभी इनकी Xxx चुदाई को इतनी देर हो गई और अब दूसरा राउंड चलेगा … मतलब पूरी रात इनकी चुदाई होगी.

मम्मी- एक और राउंड चाहिए पर अभी हम सोएंगे क्योंकि बहुत देर हो गई है. मुझे 4 बजे उठ कर पानी भी भरने के लिए जाना पड़ेगा.
अंकल- मैं नीचे सो जाता हूँ … तू मेरे ऊपर 69 की पोजीशन में आ जा.

मम्मी अंकल 69 में आ गए और उनका फिर से लंड चूत की चुसाई का खेल चालू हो गया.
अंकल ने मेरे मम्मे के ऊपर हाथ रखा था और मेरे मम्मे दबा रहे थे.

मेरी तो नींद उड़ चुकी थी.

अंकल मेरे छोटे नींबू के जैसे मम्मे मसल कर दबा रहे थे और मम्मी की चूत चूस रहे थे.

उतने में बाजू वाली आंटी ने मम्मी को आवाज लगाई और मम्मी बाजू हो गईं.
अंकल ने मेरे मम्मे से हाथ हटा लिया.

मम्मी ने फट से गाउन पहना लेकिन अंकल ने कुछ नहीं पहना, ना ही कम्बल ऊपर लिया.
मम्मी उनको बोल रही थीं, फिर भी उन्होंने कुछ नहीं पहना.

मम्मी को आंटी बार-बार आवाज दे रही थीं, तो मम्मी ने दरवाजा खोल दिया.

बाहर की लाइट की रोशनी की वजह से आंटी को अंकल नंगे दिखाई दे गए.

आंटी मुस्कुराई जा रही थीं और अन्दर आ गईं.

मम्मी पानी भरने के लिए बर्तन ले रही थीं.

तभी आंटी ने अंकल के लंड को पकड़ा और अंकल को किस करने लगी थीं.
आंटी- रात भर तो आपके मजे तो चलते रहे.

मम्मी आंटी से बोलीं- चल अब पानी लेने चलते हैं.
फिर मम्मी अंकल से बोलीं- कपड़े पहनो और सीमा के बाजू में जाकर सो जाओ.
अंकल- ठीक है रंडियो, अब जाओ.

मैंने पहली बार अंकल को ऐसे बोलते हुए सुना था.

मम्मी और आंटी जाने के बाद अंकल ने मेरे मम्मों को गाउन के ऊपर से दबाना चालू कर दिया और मुझको अपने पास खींच लिया.
मैं उनसे कुछ नहीं बोल पा रही थी.

फिर उन्होंने एक हाथ मेरी चूत के ऊपर रखा.
मेरी चूत तो पानी निकाल रही थी.

अंकल एक उंगली मेरी चूत में डालने की कोशिश करने लगे.
मेरे मुँह से दर्द भरी आवाज आने लगी.

मैंने अंकल का हाथ पकड़ा हुआ था.

अंकल- कभी लंड नहीं लिया … पहली बार है क्या?
मैं- हां.
अंकल- तब तो तेरी चुदाई आराम से करेंगे, चल अभी मेरा लंड चूस दे!

अंकल मेरे मुँह के सामने लंड हिला कर बैठ गए.
मैंने अंकल का लंड हाथ में ले लिया.

उनके लंड के चारों तरफ झांटों का जंगल था.
मैं लंड को हाथ से हिला रही थी.

दस मिनट बाद मेरे कान में बोला- मुँह में ले ले रांड!
मैं उनका लंड मुँह में लेने लगी.

उनका लंड बहुत लम्बा था; मोटाई ऐसी समझो जितनी मेरे हाथ की कलाई थी.
मुझे मुँह में लेने में तकलीफ हो रही थी. फिर भी मैं उनका लंड चूस रही थी.

उन्होंने मेरे बाल पकड़ कर पूरा लंड मेरे मुँह में पेल कर चुदाई चालू कर दी.

मैंने अपने दोनों हाथ उनकी गांड के ऊपर रखे हुए थे.

मुझको सांस लेने में जब तकलीफ होती, तब मैं गांड के ऊपर के बालों को खींचती थी और कभी कभी उनकी गांड के ऊपर नाखून लगाती थी.

मैंने उनकी गांड को 10-12 चमाट भी मारीं, वह खुशी से मेरे मुँह को चोद रहे थे.

मेरे मुँह चोदते समय मेरे मुँह से आवाज आ रही थी ‘पच पच गों गों …’ मेरे मुँह से बहुत सारा पानी बाहर आ रहा था.

अंकल ने और जोर-जोर से मेरा मुँह चोदने लगे और कुछ मिनट बाद मेरे मुँह में उन्होंने अपना रस डाल दिया.

मैं पहली बार लंड रस का स्वाद ले रही थी … रस खारा था.
मैंने वह पूरा रस पी लिया.

फिर अंकल ने मुझे किस किया और सीमा के बाजू में जाकर सो गए.

मेरी तो आंखों से नींद उड़ गई थी.

दस मिनट के बाद मम्मी पानी भरकर आ गईं और मेरे बाजू में आकर सो गईं.

सुबह 5:30 बजे मम्मी फिर से उठ गईं और मुझे व सीमा को भी उठाने लगीं.
पर मैंने कहा- मम्मी, मैं बाद में उठूंगी.

आगे पहली बार मेरी चूत किसने चोदी, वो सेक्स कहानी लिखूंगी.

आपको ये Xxx चुदाई की गरम कहानी कैसी लगी, आप मुझको मेल करें.
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