Xxx Hijab Sex Kahani – बुर्के वाली लड़की कॉलेज में चुद गयी


Xxx हिजाब सेक्स कहानी में पर्दानशीं लड़की अपने कॉलेज ने अपने दोस्त से चुद गयी. यह उसके कॉलेज का पहला साल था और उसकी पहली चुदाई थी. मजा लीजिये पढ़ कर!

यह कहानी सुनें.


मेरा नाम शनाया है। मैं दिखने में बिल्कुल भोजपुरी ऐक्टर्स काजल राघवानी जैसी हूं। मेरा फिगर भी 34-26-36 है।

अब तो आप लोग समझ ही गए होंगे कि जो भी मुझे देखता होगा, उसके मन में मुझे एक बार चोदने का ख्याल जरूर आता होगा।

यह Xxx हिजाब सेक्स कहानी उस समय की है जब मेरा एडमिशन कॉलेज में हुआ था।
तब तक मैं किसी से चूदी नहीं थी। मैं अभी अभी जवान हुई थी।

मोहल्ले के सारे लड़कों की नजर मुझ पर रहती थी।
यहां तक कि मेरे घर में मेरे दोनों भाईयों और मेरे अब्बा की भी नजर मुझ पर ही रहती थी।
बस आप लोग इतना समझ लो कि हर कोई मुझे चोदना चाहता था।

मैं बहुत ही शर्मीली लड़की थी इसलिए मैं किसी भी मर्द के तरफ नजर उठा कर भी नहीं देखती थी, और ना ही मेरे मन में सेक्स का ख्याल आता था।

जब मेरा कॉलेज में एडमिशन हुआ तो कुछ ही महीनों में मेरी दोस्ती एक लड़के से हो गई जिसका नाम आकाश चौहान था।
वह दिखने में काफी हैंडसम और ताकतवर था।

लेकिन हम दोनों के बीच प्यार जैसी कोई बात नहीं थी, हम लोग बस एक अच्छे दोस्त थे।
कभी कभी आकाश मेरे साथ फलर्ट करता था जो मुझे बहुत अच्छा लगता था।
और मैं भी उसके साथ फलर्ट कर लेती थी।

एक दिन मेरे कॉलेज में फेयरवेल फंक्शन था।
मैं उस दिन जींस और टॉप पहनी हुई थी और ऊपर से हिजाब बुर्का रोज की तरह।

फंक्शन स्टार्ट हो गया था और मुझे अपना हिजाब बुर्का निकालना था तो मैं अकेली सेकेंड फ्लोर पर चली गई।

सभी लोग नीचे ग्राउंड में थे।

मैं बिंदास होकर वॉशरूम के पास पहुंची.
वहाँ आकाश पहले से ही खड़ा होकर सिगरेट पी रहा था।

मैं आकाश को देखकर मुस्कुराती हुई बोली- अच्छा हुआ कि तुम यहीं हो। मैं अंदर जाकर अपने कपड़े चेंज करके आती हूं। तब तक तुम बाहर देखते रहना कि कोई अंदर आ जाए।
इतना कह कर मैं वॉशरूम के अंदर जाने लगी।

अचानक आकाश धीरे से बोला- मैं भी अंदर चलूं क्या?
मैं उसकी बात का ज्यादा सिरियस न लेते हुए पीछे मुड़ कर बोली- अच्छा जी! इतनी हिम्मत है?
फिर मैं वॉशरूम में घुस कर दरवाजा बंद करने लगी, वह मेरी तरफ बड़े गौर से देख रहा था।

अचानक से पता नहीं मेरे मन में क्या सूझा कि मैं थोड़ा सा दरवाजा खोल कर उससे मुस्कुराती हुई बोली- इतना ही दम था क्या?
और मैं दरवाजा बंद करने लगी।

मेरी बात सुन कर उसने झट से सिगरेट नीचे फेंकी और दौड़ते हुए मेरे पास आया और दरवाजा खोलने की कोशिश करने लगा।
मैं हंसती हुई दरवाजा बंद करने लगी।
उस वक्त मैं पूरे मस्ती की मूड में थी इसलिए यह सब करने में मुझे बहुत मजा आ रहा था।

वह काफी ताकतवर था इसलिए उसके एक दो धक्के में दरवाजा खुल गया।
दरवाजा खुलते ही उसने मुझे पकड़ कर दरवाजे से टिका दिया और मेरा दोनों हाथ पकड़ कर दरवाजे के ऊपर सटा दिया।

मेरी धड़कनें तेज हो गई थी और सांसें फूलने लगी थी।

मैं उससे खुद को छुड़ाती हुई बोली- अब बहुत हुआ मजाक, प्लीज़ छोड़ दो।
उसने मुझे और अच्छे से जकड़ते हुए बोला- पहले एक किस दो, तब जाकर छोड़ूंगा।

उसकी बात सुन कर मैं थोड़ी गुस्सा होते हुए बोली- पागल हो गए हो क्या?
आकाश ने पूरे रोमेंटिक आवाज में बोला- हां, जब से तुम को देखा है, तब से मैं पागल हो गया हूं। हर वक्त मेरे मन में तुम्हें किस करने का ख्याल आता है। इसी वजह से मेरा पढ़ाई में भी मन नहीं लगता है।

उसकी बात सुन कर मैं थोड़ी देर चुप रही और उससे खुद को छुड़ाने लगी।
वह बार बार मुझसे किस करने की रिक्वेस्ट कर रहा था।

उसकी जिद के आगे मैं हार गई, मैंने सोचा कि सिर्फ एक चुम्मा ही तो मांग रहा है ना!
मैं उससे बोली- ठीक है!

वह मेरी तरफ ललचाई हुई नजरों से देख रहा था।
मैंने अपना हुजाब एक तरफ किया और अपनी आंखें बंद करते हुए झट से उसकी होंठों पर एक छोटी सी चुम्मी दे दी।

वह मेरी तरफ आश्चर्य भरी नजर से देखते हुए बोला- यह क्या था? मैं कोई बच्चा हूं क्या? मुझे फ्रेंच किस चाहिए वह भी दस मिनट तक!
मैंने फिल्मों में कई बार फ्रेंच किस देखी थी लेकिन कभी किसी के साथ किया नहीं था।
इसलिए मैं उसकी बात मान गई, उससे बोली- ठीक है … लेकिन सिर्फ दो मिनट तक।

मेरी बात सुन कर वह कुछ सोचते हुए बोला- ना तुम्हारा न हमारा! कम से कम पांच मिनट तक।
मैंने भी बिना कुछ सोचे हाँ में सर हिला दिया और उसकी तरफ देखने लगी।

वह मेरी तरह बढ़ा और मेरे लबों पर अपने लब रखते हुए किस करने लगा और मैं उसका साथ देने लगी।

पहली बार किस करके मुझे बहुत मजा आ रहा था, मैं उसके होंठों को अच्छे से चूस रही थी।

हम दोनों एक दूसरे के होंठों की बहुत तेजी से चूस रहे थे।
किस करने की आवाज पूच पूरे वॉशरूम में गूंज रही थी।

वह किस करते करते मुझसे चिपक गया।
उसका लंड बिल्कुल खड़ा हो गया था।

पहली बार किसी का लन्ड मेरी बुर्के के ऊपर से मेरी चूत को छू रहा था।
उसके लन्ड का मेरी चूत पर स्पर्श मुझे कामुक कर रहा था।
मैं चाह कर भी उसे खुद से अलग नहीं कर पा रही थी।

करीब पांच मिनट बाद आकाश ने मेरा हाथ छोड़ते हुए अपने होंठ मेरे होंठों से हटाये।
अब मैं आजाद थी लेकिन अभी भी मैं उसे किस करना चाहती थी।

मैं बिना कुछ सोचे आकाश को झट से अपनी तरफ खींच कर उसके गर्दन को पकड़ कर उसे किस करने लगी।
हम दोनों एक दूसरे को फिर पांच से सात मिनट तक चूसा।

वह अब भी मुझे कस के पकड़े हुए था।
उसके लन्ड की छुअन से मेरी चूत बिल्कुल गीली हो चुकी थी।

मैं खुद को कंट्रोल करते हुए उसके कान में धीरे से बोली- अब तुम्हारा मन भर गया न, प्लीज अब तो मुझे छोड़ दो।
वह मेरा हाथ पकड़ते हुए अपने लन्ड के ऊपर रख दिया और बोला- इसका क्या?

आकाश का लण्ड गधे के लण्ड की तरह लम्बा ओर मोटा था।

उसका लंड हाथ में पकड़ कर मैं उसकी तरफ शरमाती हुई देख रही थी।
आकाश ने मुझे पूछा- शनाया क्या हुआ?
मैंने कहा- आकाश, तुम्हारा यह बहुत बड़ा है यार!

लन्ड चूसने की बात कई बार मैं अपनी सहेलियों से सुनी थी।
मैं अभी एक बार लन्ड देखना चाहती थी।

आकाश ने मेरा सर पकड़ कर घुटनों के बल बिठा दिया और अपने लन्ड पर मेरा हाथ रखते हुए बोला- इसे बाहर निकालो!
मैं बिना कुछ बोले आकाश का लन्ड उसके जींस से बाहर निकाला।

आकाश का लन्ड बाहर निकलते ही सांप की तरह फन फैलाए हुए खड़ा हो गया।
उसका लन्ड काफी लम्बा दिख रहा था, बिल्कुल चिकना।
उसे देख कर मेरी आंखें फटी की फटी रह गई।

आकाश अपना लन्ड मेरे होटों पर रगड़ते हुए बोला- जान अब इसे मत तड़पाओ, प्लीज अपने मुंह में लेकर आइसक्रीम की तरफ चूसो.
पहले तो मैं उसका लंड चूसने से मना करने लगी- छी: आकाश … मुझे ये सब गन्दा लगता है।

उसने मुझे समझाया और बोला- प्लीज, एक बार तुम इसे मुंह में लेकर देखो. अगर अच्छा नहीं लगेगा तो निकाल देना।
मेरे पास और कोई ऑप्शन नहीं था इसलिए मैंने उसका अपने लंड हाथ में लिया और शरमाते हुए सुपारे पर हल्का सा चुम्मा किया।

उसने झट से मेरे बालों को पीछे से जोर से खींचा तो मेरी मुँह से आआह्ह की आवाज आई और मुँह खुल गया।
उसी पल उसने फटाक से अपना कड़क लंड मेरे मुँह में घुसेड़ दिया।

मेरी सांसें रुक गई और मैं गों गों की आवाज करती रही.
लेकिन एक मिनट के बाद मैं मज़े से लंड चूसने लगी।

वह पूरे जोश में मेरे मुंह की चूत समझ कर गपागप चोदे जा रहा था।

करीब पांच मिनट तक मेरा मुंह चोदने के बाद उसने अपना लन्ड मेरे मुंह से निकलते हुए मुझे खड़ा किया और मेरे होंठों को किस्स करते हुए बड़ी बेरहमी से मेरी चूचियों को दबाने लगा।

थोड़ी देर बाद वह नीचे बैठ गया और मेरे बुर्के को ऊपर करते हुए मेरी जींस की खोल कर उसको उतारने की कोशिश करने लगा।

मैंने अपनी जींस निकालने में उसकी मदद की.
उसने घुटनों तक मेरी जींस को उतार दिया.

जल्दी से उसने मेरी चड्डी में अपनी उंगलियां फंसा दीं और चड्डी नीचे की ओर खींच दी.

उसके सामने मेरी एकदम क्लीन छोटी झांटों वाली चिकनी चूत चिपचिप कर रही थी.

देर ना करते हुए उसने अपने होंठों को मेरी चूत पर रख दिया.
मैं जोर से आहें भरने लगी और उसके सर को अपनी बुर पर दबाने लगी.
वह बड़ी बेरहमी से मेरी चूत चाटने लगा।

मैं मदहोश हो गई थी; मैं सिसकारियाँ ले रही थी- ऊऊऊ ऊह … आआआ आआह आअ अअअ मह औऔ औऔउ उउउउ उमम्म, आआ आआ!
करीब दस मिनट तक उसने मेरी बुर को चाटा.
मैं मस्त हो गई थी.

थोड़ी देर चूत चुसाई के बाद उसने मुझसे कहा- चल अब तेरी चूत का उदघाटन करता हूँ.

मेरी चूत में भी चुदाई के लिए खुजली मचने लगी।

मैं उसका मोटा लंबा लन्ड पकड़कर अपनी चूत की दरार के बीच रगड़ते हुए बोली- यहां नहीं, क्लास रूम में चलते है, वहा अच्छे से मेरी चूत का उद्घाटन करना।
वह मान गया और एक हाथ से मेरी चूचियां को पकड़ कर और दूसरे हाथ से मेरे चूतड़ों के दरारों को दबाते हुए मुझे क्लास रूम में ले गया।

क्लास रूम के पहुंच कर हम दोनों एक दूसरे पर टूट पड़े।
कुछ ही देर में उसने मेरे जींस को निकाल कर अलग कर दिया।
मैं सिर्फ बुरके और हिजाब में उसके सामने खड़ी थी।

उसने मुझे बेंच पर लिटाया और मेरे बुर्के को मेरी चूत तक ऊपर कर दिया।

उसके बाद उसने अपना जींस भी घुटनों के नीचे तक सरकाया और मेरे ऊपर लेट कर मेरी चूत में अपने लन्ड को सेट करने लगा।

मैं डरती हुई बोली- जरा प्यार से चोदना आकाश, मैं पहली बार लंड ले रही हूँ और वो भी इतना मोटा!
उसने अपने लंड को मेरी चूत के दरारों में हिलाते हुए बताया- शनाया, तू चिंता मत कर … मैं तुझे बड़े प्यार से चोदूंगा.

मैंने अपनी टांगों को चौड़ा किया और अपनी चूत के दाने पर लंड को रगड़ना शुरू कर दिया.
थोड़ी ही देर में मैं गर्मा गई और चुदासी आवाज में बोली- अब अन्दर डाल दो आकाश प्लीज … सताओ मत!

मैंने अपने हाथ से चूत के छेद पर उसका सुपारा सैट करके हल्का सा अपने तरह खींचा।
मुझे भी चुदाई का मजा लेने की बहुत जल्दी थी.

उसका लंड मेरी चूत को चीरता हुआ अन्दर जाने लगा और मैं ‘ऊई ईईई ऊईई ई आहह हह’ करके चिल्लाने लगी.
मेरी जान निकल रही थी. मैं दर्द से छटपटा रही थी.
दर्द की वजह से मैं खड़ी नहीं रह पाई तो आकाश ने मेरी चूत से लंड निकाले बिना ही मुझे फिर बेंच पर लिटा दिया.

एक बार फिर उसने जोर से धक्का लगाया और पूरा लंड अंदर चला गया.
मेरी चीख निकली- ऊईई ईईई ईईई ऊईई ईईई … मर गई … बचाओ बचाओ!

मैं चिल्लाती रही थी लेकिन आकाश के कानों पर मेरी आवाज़ नहीं जा रही थी और वह मुझे एक बाजारू औरत समझकर चोद रहा था।
ऐसा लग रहा था जैसे वह आज मेरी चूत फाड़कर ही दम लेगा।

उसने मेरी चूचियां को तेज़ तेज़ दबाना शुरू कर दिया और उसके हर झटके से मेरी जान निकल रही थी।
मैं ‘ऊई ऊइई ऊईई ईई आहह हहह आह हहह … छोड़ो मुझे छोड़ो …’ चिल्लाती रही लेकिन वो मुझे पागलों की तरह चोदता रहा।

थोड़ी देर बाद आकाश ने अपने लौड़े को निकाल लिया, मेरी जान में जान आई.

उसने मुझे अपनी गोद में उठाया और लंड पर बैठा दिया.
उसका लंड जैसे ही चूत में घुसा, मैं ऊईई ईई ईईई सीईई ईई करके चिल्ला उठी.

उसने क़मर पकड़कर बिठा दिया और लंड अंदर चला गया।

वह नीचे से झटके लगाने लगा, मेरी चूचियां उसके हाथ में थी जिन्हें वो बेरहमी से जोर से दबा रहा था।

धीरे धीरे मुझे भी मजा आने लगा और मैं भी उसके लन्ड पर उछल उछल कर गांड पटकने लगी.

अब दोनों तरफ से बराबर धक्के लगने शुरु हो गए और थप थप थप की आवाज रूम में भरने लगी।
आकाश के लंड ने मेरी हालत बिगाड़ दी।

अब हम दोनों एक-दूसरे को चोद रहे थे, कभी लंड तो कभी चूत!

एकदम से आकाश ने अपने धक्कों की रफ़्तार बढ़ा दी और मैं ऐसे उछलने लगी जैसे फुटबॉल!

अब मेरी चूत का दर्द कम हो गया था और अब मुझे आकाश के मोटे लंड का स्वाद आने लगा था।

आकाश ने मुझे उठा लिया और खड़ी कर दिया. उसने मेरी एक टांग उठा दी और चूत में लन्ड घुसा कर गपागप गपागप चोदने लगा.

अब मैं आहहह आहहह करके उसके लन्ड का मज़ा ले रही थी।
आज पहली बार मेरी चुदाई हो रही थी।
Xxx हिजाब सेक्स करके मुझे मजा आ रहा था.

आकाश के फौलादी लंड ने आज मेरी चूत का भरता बना दिया था।

मैं सिसकार रही थी- आअह उम्म् आह्ह आह हाय आह्ह.

आज मैं Xxx हिजाब सेक्स का आनन्द लेकर उस का साथ दे रही थी.
मैं बोल रही थी- ओह जोर से चोद … हांह ऐसे ही … ऊउह आह ओह … ओअह … आहऊ!

आकाश बोल रहा था- हाँ ले … और ले … तेरी बुर की प्यास बुझा ले!
मैं भी जोर जोर से बोल रही थी- चोद … मुझे जोर से चोद … मेरी चूत फाड़ डाल … घुसा दे अन्दर तक … ओह्ह आऊऊ … ओहह ईआ ओ … मुझे चोद!

तभी मेरा बदन अकड़ने सा लगा.
मैं झड़ गयी थी.

आकाश का लंड चूत के पानी से और तेज़ तेज़ अंदर तक जाने लगा।
उसका लंड अब तक पूरा टाइट था।
वो ऐसे चोद रहा था जैसे कोई कुत्ता कुतिया चोद रहा हो।
आकाश मुझे एक रण्डी की तरह चोद रहा था, उसे मेरी चीख और दर्द की बिल्कुल परवाह नहीं थी।

आकाश का लंड तो झड़ने का नाम नहीं ले रहा था।
अब मेरी हिम्मत खत्म हो गई थी और मैं निढाल सी हो गई थी.
मेरी चूत में जलन होने लगी थी, अब मैं चुदाई की हालत में नहीं थी, मैंने उसका लंड चूत में से निकाल दिया.

लेकिन अभी भी आकाश लन्ड खड़ा था।
वह बार बार मुझे पकड़ कर मेरी चूत में अपना लन्ड रगड़ रहा था।

मैंने उसे बहुत समझाया तो उसने मुठ मार कर अपना पानी निकाल दिया.

दोस्तो, कैसी लगी मेरी Xxx हिजाब सेक्स कहानी?
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