Xxx Master Sex Kahani – स्कूल टीचर को चूत देकर खुश किया


Xxx मास्टर सेक्स कहानी में मुझे मेरे भाई के स्कूल टीचर ने मुझे चोदा. बल्कि मैं खुद ही अनी चूत उसे देने उसके घर गयी थी ताकि वो मेरे भाई की शिकायत ना करे.

साथियो, मैं आपकी चुलबुली सी पूनम पांडेय एक बार फिर से अपनी चुदाई कहानी लेकर हाजिर हूँ.
कहानी के पिछले भाग
पापा के दोस्त ने मेरी गांड मार ली
में अब तक आपने पढ़ा था कि मेरे पापा के ख़ास दोस्त राजेश अंकल ने किचन में ही मेरी गांड में लंड पेल दिया था और भकाभक पेलने लगे थे.

अब आगे Xxx मास्टर सेक्स कहानी:

अब तक मैं भी अपनी उखड़ती सांसों में डूब गई थी और कामुक आवाज़ों के साथ कराहने लगी.

‘उफ़्फ़ अंकल … प्लीज ऐसा मत करो आह प्लीज यस्स … अन्दर तक करो अंकल बड़ा मजा आ रहा है.’
मैं भी गांड हिलाते हुए चुदवाने लगी.

कुछ ही देर में एक राउंड हो गया.
मेरी गांड मारने के बाद अंकल मुझे बाहर वाले हॉल में ले आए और मेरी टॉवल खोल कर मुझे पूरा ऊपर से नीचे तक चूमने लगे.

पहले तो उन्होंने मेरे होंठों को चूसा, जिसमें मैंने भी उनका बराबरी से साथ दिया.

उसके बाद वो मेरी चूचियों को पीते, मसलते हुए मेरी चूत चाट कर मुझे दुबारा से गर्म करने लगे.
कुछ देर बाद उन्होंने मुझे सोफे पर बिठा दिया और खुद ज़मीन पर घुटने के बल बैठ गए.

फिर पोजीशन बना कर मेरी चूत में अपना लंड डाल कर मेरी चूत मारने लगे.

अब मैं भी अपनी कामुक सिसकियों के साथ पूरे जोश में थी.
पूरे कमरे में बस सेक्स ही सेक्स गूंज रहा था.

काफी देर मेरी चूत चोदने के बाद अंकल ने मुझसे सोफे से उठाया और खुद उस पर बैठ गए.

अब मैं घुटनों पर बैठ गई और अपने पापा के दोस्त राजेश अंकल का 7 इंच का लौड़ा अपने मुँह में लेकर चूस रही थी.
बीच बीच में मैंने उनकी दोनों गोलियों को भी मुँह में भर कर चूसा.

करीब दस मिनट की चुसाई के बाद अंकल ने मेरे बालों को पकड़ कर अपना पूरा लंड में मेरे मुँह में गले तक घुसा दिया और एकदम तेज़ तेज़ मेरे मुँह में लंड ठूंसने लगे.
दो मिनट बाद जब वो झड़े, तो उनका सारा माल मेरे हलक के पार चला गया था.

मेरे साथ संभोग के बाद अंकल ने मुझसे अपनी चाय गर्म करवाई.
चुदाई के बाद अभी हम दोनों नंगे ही थे.

राजेश अंकल ने मुझे अपनी गोद में बिठा रखा था और अब वो मेरी चूचियां दबाते हुए चाय पीते और फिर मेरे होंठों को चूसते.

अंकल बोले- आज तो तेरी चुदाई में मज़ा ही आ गया.
मैंने मुस्कुरा दिया.

उन्होंने मुझसे पूछा- मेरी बहू को अपने ससुर का लंड कैसा लगा?
मैंने भी मुस्कुराते हुए कहा- बहुत अच्छा ससुर जी.

इसके बाद वो बोले- जल्दी ही मेरे बेटे का जन्म दिन है, उसमें तुमको आना है. उस दिन दोनों बाप बेटा मिल कर अपनी बहू को चोदेंगे.
इस पर मैंने पूछा- उसके सामने आप भी?

तो वो बोले- हां बेटा अब क्या करूं … तुम्हारी आंटी अब नहीं देती हैं और ना ही उनमें वो मज़ा है. मेरा बेटा भी जवान हो गया है, तो एक बार वो अपनी गर्लफ्रेंड को घर लेकर आया था और चोद रहा था. उसको मैंने देख लिया था. उस दिन उस लड़की को नंगी देख कर मेरा भी मन मचल गया, तो उसको हम दोनों ने मिल कर चोदा था. तब से हम दोनों बाप बेटे चुदाई का काम साथ मिल कर ही करते हैं.

ये सुनकर मैं भी राज़ी हो गयी थी कि एक साथ बाप बेटे का लंड लेकर भी देख लूंगी.

अंकल मुझे किस करके चले गए और मैंने अगले लंड के बारे सोचना शुरू कर दिया.

दोपहर में मैंने अपने भाई के सर को फ़ोन किया और उनसे उनके घर पर मिलने के लिए शाम का समय ले लिया.

मैंने सर से मिलने के लिए एक सेक्सी सा शॉर्ट्स और एक हाफ स्लीव्स की शर्ट पहन ली.
ये ड्रेस बिल्कुल फिटिंग की थी.

मैं बिना ब्रा के थी तब भी मेरे चूचे बाहर निकलने को बेताब दिख रहे थे.
शर्ट के ऊपर से मैंने एक फॉर्मल जैकेट डाल ली और आईने में अपना सेक्सी रूप देख कर मस्त हो गई.

फिर मैं लाल लिपस्टिक और रंडी जैसा मादक रूप बना कर शाम को मैं अपने घर से करीब 6 बजे निकली और उस टीचर के घर पहुंच गई.

उस टीचर के घर के बाहर पहुंचते ही मैंने अपनी जैकेट को सामने से खोल लिया और शर्ट के ऊपर के दो बटन खोल लिए.

शर्ट काफी खुल गई थी जिससे मेरे काफी गहरी क्लीवेज साफ़ दिख रही थी और ब्रा न पहने होने की वजह से मेरे निप्पल्स एकदम खड़े और साफ दिख रहे थे.

अब मैंने डोर बेल बजाई.

कुछ पल के बाद एक 40 साल के आस पास का नाटे कद का भरे बदन का आदमी बाहर आया.

मुझे देखते ही मानो उसकी राल टपक गयी और वो एकदम से कुछ सेकेंड के लिए सन्न रह गया.

मैंने उसका ध्यान हटाते हुए उसको अपना परिचय दिया कि मैं पूनम पांडेय हूँ और मेरा भाई आपका स्टूडेंट है. मैंने अपने भाई का भी नाम बताया.

वो मुझे पहचान गया और अब उसने मुझे अन्दर बुलाया.
उसके आगे वाले कमरे में सामने ही बीच में एक तख्त बिछा था. उसके बगल में एक स्टूल रखा था.

मैं जाकर सामने वाले स्टूल पर बैठ गई.
वो टीचर भी दरवाजे बंद करके आया और मेरे बगल में तख्त पर बैठ गया.

उसने अपना परिचय देते हुए मुझसे पूछा- मेरा नाम श्याम यादव है और आप?
मैंने फिर से एक बार अपना नाम पूनम पांडेय बताते हुए उसकी ओर हाथ मिलाने को बढ़ाया.

उसने लपक कर मेरा हाथ पकड़ा और बड़े जोर से मुझसे हाथ मिलाया.

मैंने बिना किसी भूमिका के सीधे उससे अपने भाई के लिए बोला.
तो वो उसकी बात पर बोला- देखो पूनम, उसने आज गोला मारा है और अगर उसको बाहर कुछ हो जाता तो कौन जिम्मेदार होता. उसने पहली बार गोला मारा है और अगर आज मैंने उसको छोड़ दिया तो कल फिर वो मारेगा, इसलिए उसके पेरेंट्स को मालूम चलना ज़रूरी है.

मैंने उसकी बात काटते हुए कहा- मैं उसकी सगी बहन हूँ.
वो बोला- जी हां, मतलब तुम जानो कि अपना भाई घर से बाहर क्या कर रहा है. इसी लिए मैंने मिलने को बोला था. क्योंकि पेरेंट्स बच्चों को पढ़ने भर भेज देते हैं बाकी घर पर उसकी हरकतों पर ध्यान नहीं देते हैं. फिर जब बच्चा बिगड़ जाता है, तो बोलते हैं कि स्कूल वालों की गलती है.

मैंने उससे बोला- जी सर, बात आपकी बिल्कुल सही है. मेरे पापा मम्मी, दोनों काम पर रहते हैं, इसी लिए ध्यान नहीं दे पाते हैं. इसी वजह से मैं आज आपसे मिलने आयी हूँ. आप प्लीज़ मुझे अपना नंबर दे दो, जिससे कोई बात होगी, तो आप मुझे बता देना या मैं आपसे पूछ लूंगी.

उसने बड़ी खुशी खुशी मुझे नंबर दे दिया और मुझसे मेरा नम्बर मांगा तो मैंने भी उसको मैसेज कर दिया.

इसके बाद वो मेरे लिए पानी लेने अन्दर चला गया.

वो मेरे लिए पानी और बिस्कुट लेकर बाहर आया तो मैंने उससे बात करते हुए इस तरह से पानी पिया कि सारा पानी अपनी चूचियों पर गिरा लिया.

पानी गिरा कर मैं फौरन से खड़ी हुई और अपनी जैकेट निकाल दी.
शर्ट भीग जाने की वजह से मेरे पूरे दूध साफ साफ शर्ट से दिख रहे थे.

टीचर मेरे मम्मों को देखते हुए बोला- अरे ये शर्ट तो पूरी भीग गई. तुम इसको निकाल दो, मैं प्रेस करके सुखा देता हूं.

मैंने भी उसके सामने अपनी शर्ट के सारे बटन खोल दिए और अपनी शर्ट जैसे ही खोली, मेरे बड़े और गीले दूध छलक कर बाहर आ गए.

मेरे नंगे दूध देख कर श्याम की आंखें बड़ी हो गईं और पैंट में उसका लौड़ा फूल कर एकदम टाइट हो गया.

मैं उसके पास मटकती हुई गई और कहा- सर क्या देख रहे हो … क्या आपने पहले कभी नहीं देखे?
श्याम बोला- देखे तो बहुतों के हैं, लेकिन इतना गजब का माल पहली बार देख रहा हूँ.

मैं खिलखिला दी और उसके थोड़ा और पास आ गई.
मैंने कहा- मेरे मम्मे कितना गजब माल हैं, जरा बताना तो?

इस पर वो बोला- अगर ये मुझे मिल जाएं तो बस …
इतना बोल कर वो शांत हो गया.

मैं एकदम से उसके सीने से चिपक गयी और बोली- रुक क्यों गए श्याम … अगर मेरी जैसी माल तुम्हें मिल जाए तो क्या करोगे?
वो बोला- इनके पूरे रस को चूस लूंगा.

मैंने कहा- तुमको रोका किसने है श्याम?
मेरा इतना बोलना था कि उस मास्टर श्याम ने मेरी दोनों चूचियां अपने दोनों हाथों में ले लीं और ज़ोर ज़ोर से मसलने लगा.

मैं भी कामुक सिसकारियां भरने लगी. कुछ देर के बाद उसने मेरे दोनों चूचों को बारी बारी से अपने मुँह में लेकर खूब चूसा.
फिर मुझे उसी तख्ते पर लिटा कर मेरी शॉर्ट्स भी निकाल दी.

वो मेरी सफाचट फूली हुई मस्त रसीली चूत देखते हुए बोला- आह इतनी मस्त चूत … जैसे मक्खन की टिकिया हो.
उसने एक पल की भी देर नहीं की. झट से मेरी चूत में अपना मुँह घुसेड़ कर चूत चाटने लगा.

मैंने भी अपनी टांगें फैला दीं और गांड उठाकर उस मास्टर से अपनी चूत चुसाई का मजा लेने लगी.

कुछ देर के बाद मैं खड़ी हुई और उसके पैंट की चैन खोल कर उसका लंड बाहर निकाल लिया.
उस Xxx मास्टर का 6 इंच का लंड एकदम काला और काफी मोटा था.

मैंने लंड मुँह में भर लिया और चूसने लगी.
उसने आंह आह करते हुए सीत्कार भरी और खुद ही अपने सारे कपड़े निकालने लगा.

फिर मास्टर ने मुझे उसी तख्त पर सीधा लिटाया और मेरे ऊपर चढ़ गया.

मैंने भी चूत खोल दी.

मास्टर ने मेरी चूत में लंड सैट किया और एक तगड़े झटके में मेरी बुर में लौड़ा पेल दिया.
मेरी मीठी आह निकल गई.

वो अपनी पूरी रफ्तार के साथ झटके पर झटके मारने लगा और मैं भी सिसकारियां भरती हुई चुदाई की आवाजों में चार चांद लगाने लगी थी.

कुछ देर इसी पोजीशन में मेरी चूत चोदने के बाद उसने मुझे घोड़ी बना दिया.
फिर पीछे से लंड पेल कर मेरी चूत का भोसड़ा बनाने लगा.

कुछ देर मेरी चूत मारने के बाद उसके लंड की लार मेरी गांड पर टपक गई.
उसने मेरी चूत से लंड निकाला और सटाक से मेरी गांड में लंड ठूंस दिया.

मेरी आंह निकल गई और मुझे हल्का दर्द होने लगा.

उसमें घोड़े जैसी ताकत थी. मुझे बजाते हुए उसे बहुत देर हो चुकी थी.

मुझे अपने भाई के सर से चुदवाते हुए मजा आ रहा था.
चुदाई के बाद वो मेरी छाती पर चढ़ गया और मेरी दोनों चूचियों के बीच अपना लंड पेलने लगा.

कुछ देर बाद उसने अपना सारा माल मेरी दोनों चूचियों पर झाड़ दिया और बाजू में गिर कर लम्बी लम्बी सांसें लेने लगा.

एक मिनट बाद मैं उठी और खुद को साफ करने लगी.
अब तक मेरी शर्ट भी सूख गई थी.

मास्टर मुझसे बोला- आती रहना … बड़ी मस्त माल हो.
मैंने हामी भर दी और अपने कपड़े पहनने के बाद मास्टर की चुम्मी लेकर वहां से घर चली आयी.

उसी शाम को मेरे पास फ़ोन आया, जहां से मैंने अपना 12 वीं का प्राइवेट फॉर्म डाला था.
तो उन्होंने बोला- आप कल आकर अपना एग्जामिनेशन फॉर्म भर दो वरना आप एग्जाम में नहीं बैठ सकेंगी.

मैंने ये बात पापा को बताई तो वो बोले- हां ठीक है न, तुम कल चली जाना.
मैं अपने कमरे में आ गयी और सो गई.

अगले दिन जब मैं सुबह उठी तो एकदम तेज़ बारिश हो रही थी.
मैं नीचे गयी तो भाई मेरा आज घर ही पर था और मम्मी भी बारिश की वजह से घर में ही थीं.
वो दोनों स्कूल नहीं गए थे, सिर्फ पापा गए थे.

मेरा भाई टीवी देख रहा था, जिसमें खबर आ रही थी कि अगले 3 दिन मूसलाधार बारिश होगी.
तभी मम्मी आ गईं और बोलीं- जल्दी से नहा लो और नाश्ता कर लो, तुमको अपना एग्जामिनेशन फॉर्म भरने भी तो जाना है.

इस पर मैं बोली- मम्मी इतनी बारिश में मैं कैसे जा पाऊंगी?
मम्मी बोलीं- तो सर से फ़ोन करके पूछ लो कि अगर आज ज़रूरी न हो, तो एक दो दिन बाद चली जाना.

मैंने पहले तो नाश्ता किया, उसके बाद मैं अपने कमरे में गयी और बाहर का मौसम देखने लगी.
आज सुबह से ही अंधेरा था और बड़ी ज़ोरदार बारिश में एकदम गजब का मौसम हो रहा था.

ठंडी हवा मेरे बदन में एक सिहरन ही मचाने लगी और मेरा हाथ मेरे मम्मों पर चला गया.
मेरी चूत में भी खुजली होने लगी.

मेरे मन में आया कि अगर इसी तेज़ बारिश में मेरी ज़ोरदार चुदाई हो जाए तो मज़ा ही आ जाए.

तभी मुझे याद आया कि आज तो मुझे बड़ा अच्छा मौका भी मिला है फॉर्म भरने जाने का … और जिधर मुझे जाना था वो जगह काफी दूर थी. उधर से वापस आते आते मुझे शाम पक्का हो जानी थी.
फिर मौसम की खराबी के चलते रात भी हो जाए तो आज कोई दिक्कत नहीं है.

तो फ्रेंड्स, मैं आपको अपनी इस Xxx मास्टर सेक्स कहानी के अगले भाग में लिखूँगी कि उस दिन मेरे साथ क्या क्या हुआ.
आप अपने मेल जरूर भेजें.
[email protected]

Xxx मास्टर सेक्स कहानी का अगला भाग: चढ़ती जवानी में सेक्स की चाह- 8

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