Xxx Sex In Bus Kahani – दारू पीने के बाद मेरी चूत में लगी खुजली


Xxx सेक्स इन बस कहानी में पढ़ें कि मैं ऑफिशियल टूर पर अपनी टीम के साथ बस में थी. रात में मेरा मन दारू पीने का था. एक लड़के के पास दारु थी.

फ्रेंड्स, मेरा नाम आयुषी है.
सेक्स कहानी के पिछले भाग
भाई के दोस्तों से चुद गयी मैं
में आपने अब तक पढ़ा था कि मेरे भाई के दो दोस्तों ने मेरे भाई के साथ मिलकर मेरे तीनों छेदों को चोद चोद कर गड्डा बना दिया था.
सारी रात चुदने के बाद मैं दस बजे सुबह सो पाई थी.

अब आगे Xxx सेक्स इन बस कहानी:

सुबह 10 बजे सोने के बाद मेरी आंखें 2 बजे खुलीं.
मेरा उठने का बिल्कुल मन नहीं था क्योंकि रात भर इतनी चुदाई हुई थी कि मेरी सारी एनर्जी चूत और गांड के रास्ते बह गई थी.

मेरा भाई मेरे साथ ही रजाई में था.
वो टीवी देख रहा था.

मैं उसकी तरफ घूमी और उससे बोली- ये तुम अपनी बहन के साथ कैसे करवा सकते हो?

वो बहुत अफसोस में दिख रहा था.
फिर वो बोला- यार, मैं तो उन्हें मना करने ही वाला था, पर एक तो वो लोग बिल्कुल माने ही नहीं और दूसरे तुमने भी मुझे हाथ दबा कर इशारा दे दिया था, जिससे मैं समझा था कि तुमको एक साथ तीन लंड से चुदने का मूड है.

मैंने कहा- हां, मेरा ऐसा मूड तो था मगर तुम मुझे उठा का बता देते न! तो मैं अपने आपको कुछ रेडी कर लेती. मगर मादरचोदों ने बहुत ज्यादा चोद दिया. इतने की उम्मीद नहीं थी मुझे!
मेरा भाई मुँह लटका कर बोला- मुझे खुद कुछ समझ में नहीं आया कि मैं क्या करूं.

मुझसे उसका इतना बुरा मुँह देखा नहीं जा रहा था.
मैंने हंस कर कहा- अच्छा यहां आओ मेरे पास!

मैंने उसे नीचे झुककर गले से लगा लिया.
फिर मैंने उससे कहा- भाई एक पैग बना दे, हैंगओवर की वजह से सिर दर्द हो रहा है.

वो उठा और मेरे लिए एक पैग बना कर ले आया.
फिर हम दोनों टीवी देखने लगे.

मैंने मूवी देखते देखते एक घंटे में फिर से कब 3 पैग मार लिए, कुछ पता ही नहीं चला.

जैसा कि आपको पता ही है मुझे पीने के बाद चुदने में बहुत मजा आता है.
रात भर इतनी चुदने के बाद भी मेरी गांड और चूत में खुजली शुरू हो गई थी.

हम दोनों रजाई में बैठे थे और पैरों के कमर तक रजाई डाल रखी थी.
मैंने भाई की गोद में सर रख लिया.

मुझे पता था कि अभी उसका लंड मेरा मुँह पास में पाकर खड़ा हो जाएगा.

दो मिनट बाद ही उसका लंड लोअर के अन्दर सलामी देने लगा.
मैंने ऊपर मुड़ कर भाई की ओर देखा और मुस्कुराकर पूछा- अब इसको क्या चाहिए … जो इतना बेताब हो रहा है?

उसने झट से अपना लोअर नीचे करके अपना लंड मेरे मुँह में घुसा दिया.
वो बोला- इस भैन के लंड को अपनी भैन चोदने का मन हो रहा है.

मैंने भाई का लंड पकड़ कर कहा- तो इसमें इतना कड़क होने की क्या जरूरत है. सीधा घुस जाता अपनी बहन की चूत में.
वो मेरे दूध दबाता हुआ बोला- अरे यार दीदी, तुम सारी रात चुदी थी न … इसलिए मैं जरा झिझक रहा था कि पता नहीं तुम्हारी चूत लंड लेगी भी नहीं!

मैंने कहा- अरे यार, तुझे तो मालूम ही है कि मैं भले ही बाहर के कितने भी लंड ले लूँ, मगर अपने भाई का लंड लेने में मुझे जरा सी दिक्कत नहीं होती है.

मैं अब उसका लंड पूरे मजे से चूसने लगी और वो भी मेरे सर को अपने लंड पर दबाते हुए मेरे मुँह की चुदाई करता रहा.

फिर वो झड़ गया तो मैं उसका सारा लंड रस पी गई.
उसका लंड रस मुझे बहुत पसंद है. जब वो झड़ता है तो पागलों की तरह मेरा मुँह चोदने लगता है.

मुझे उसके साथ ओरल सेक्स में बहुत मजा आता है.
फिर मैंने उसे रजाई में कर दिया और खुद टांगें फैलाकर कर चूत की गुफा खोल कर बैठ गई.

वो मेरी चूत चाटने लगा.
दस मिनट तक उसने मुझे पिया और फिर मुझे अपनी बगल में लिटा कर मेरी चूत में अपनी उंगलियां डाल दीं.
वो उंगलियों से मुझे जोर जोर से चोदने लगा.

मेरी चूत पिछले 24 घंटे में इतनी चुद चुकी थी कि एकदम गुफा की तरह खुल रही थी.

यही मेरी गांड का हाल था.

मेरे भाई का अंगूठा छोड़ कर पूरा हाथ मेरी चूत में घपाघप घुस रहा था.
मुझे बहुत मजा आ रहा था.

मेरे मुँह से कामुक सिसकारियां निकल रही थीं- आह आहह और जोर से … और जोर से!
वो पूरी तेज़ी से अपने हाथ से मेरी चूत चोद रहा था.

फिर उसने मेरी गांड में उंगलियां करना शुरू कर दिया.
उसने अपने पूरे हाथ पर बहुत सारी वैसलीन लगाई और ढेर सारी वैसलीन मेरी गांड के छेद में भर दी.

उसने पहले 2 उंगली करनी शुरू की फिर तीन पेल दीं, फिर कुछ देर बाद 4 उंगलियों से करने लगा.

मुझे मजा आ रहा था, मैं कुतिया बन कर अपनी गांड में हाथ का मजा ले रही थी.
कुछ देर बाद उसने अपना अंगूठा फिर अन्दर ले जाने की कोशिश की.

अब मेरी गांड में थोड़ा दर्द हो रहा था, पर मजा भी आ रहा था.
मैंने अपनी गांड और ढीली करने की कोशिश की और उसने अपना अंगूठा भी मेरी गांड में घुसा दिया.

उसकी पूरी हथेली मेरी गांड में थी और वो अन्दर अपनी उंगलियों से मेरी गांड के अन्दर की दीवारों को रगड़ रहा था.
मुझे ऐसा मजा अपनी गांड चुदवाने में कभी नहीं आया था.

बीस मिनट तक ऐसे ही चुदने के बाद उसने अपना लंड मेरी चूत में डाला और काफी देर तक मुझे चोदा.
पूरा कमरा बस फच फच की आवाजों से गूंज रहा था.

चुदाई के बाद भाई बाहर सब्जी लेने चला गया.

शाम को हम दोनों ने रम के चार चार पैग लगाए और एक मस्त सी ब्लूफिल्म देख कर मस्त चुदाई की और अपने भाई के साथ नंगी ही चिपक कर सो गई.

अगले दिन मैं ऑफिस गई तो पता चला कि एक टीम को 2 दिन बाद बैंगलोर जाना है जिसमें मैं भी हूं.
मेरी टीम में 3 लड़कियां और दो लड़के थे.

मैंने भाई को सब समझा दिया और अच्छे से रहने के लिए बोल कर बैंगलोर के लिए निकलने लगी.

मेरी टीम ट्रेन में सीट उपलब्ध न होने की वजह से बस से जा रही थी.
साला हरामी बॉस प्लेन टिकट के तो पैसे देने वाला नहीं था.

रास्ता बहुत लंबा होने की वजह से हमने वाल्वो में स्लीपिंग सीट्स बुक की थीं.
मेरे साथ आई दोनों लड़कियां एक साथ बैठ गईं और दोनों में से एक लड़का मेरे पास.

शाम की बस होने की वजह से सब आराम करने लगे.
एक घंटे का रास्ता कटने के बाद ही अंधेरा हो गया.

हम दोनों, मैं और मेरा साथ काम करने वाला लड़का पंकज बातें कर रहे थे क्योंकि नींद न आने तक टाइम पास करने को कुछ तो चाहिए था.

करीब 9 बजे आस-पास हम दोनों ने खाना खाने का सोचा मेरा मूड रम पीने का था मगर उसके साथ मैं इतनी जल्दी खुलना नहीं चाह रही थी.

मैंने उससे कहा- आगे किसी ढाबे पर खाना खा लेंगे, इतनी जल्दी क्या है.
वो बोला- ओके, मैं पूछता हूँ कि बस कितनी देर में किसी ढाबे पर रुकेगी.

उसके पास बस के कंडक्टर का फोन नम्बर था. उसने फोन से जानकारी करके मुझे बताया कि एक घंटा बाद ढाबे पर बस रुकेगी.
मैंने कहा- ओके तब तक यदि तुमको कुछ भूख लगी हो तो कुछ स्नेक्स खा लो.

वो हंस कर बोला- स्नेक्स तो किसी चीज के साथ खाए जाते हैं. ऐसे अकेले स्नेक्स खाने का क्या मजा?
मैंने कहा- हां तो किसी के साथ ले लो. मुझे कोई प्रोब्लम नहीं है.

वो बोला- तो तुम भी साथ दोगी न?
मैंने हंस कर हामी भर दी.

उसने पूछा- रम या व्हिस्की?
मैंने कहा- रम.

उसने रम की बोतल निकाली और दो पैग बना कर एक मुझे पकड़ा दिया.
हम दोनों रम का मजा लेने लगे.

अब आपको तो मालूम ही है कि मुझे रम के बाद लंड की जरूरत होती है.
लंड बाजू में था भी, मगर तब भी मैंने कुछ इन्तजार करने का सोचा.

कुछ देर बाद तीन तीन पैग बॉडी में मस्ती देने लगे थे.
तभी बस रुक गई और हम दोनों ने ढाबे पर उतर कर खाना खा लिया.

हम दोनों बस में आ गए.

मैं अपनी बर्थ पर बैठ कर पानी पीने लगी थी, पंकज भी पी पानी रहा था, तभी बस में अचानक से एक धक्का लगा और पानी मेरे कुर्ते पर गिर गया.
वो सॉरी सॉरी बोलने लगा.

मैंने कहा- कोई बात नहीं.
उसने कहा- ठंड है, इसे चेंज कर लो वर्ना सर्दी लग जाएगी.

मैंने कहा- अरे कुछ नहीं, थोड़ा सा ही गीला हुआ है.
थोड़ी देर तक ऐसे ही हम दोनों बातें करते रहे.

अब वो मुझे थोड़ा अपनी ओर ज्यादा अट्रैक्टेड होता दिख रहा था.
वो यहां वहां की रोमांटिक जगहों और लोगों की बातें करने में लगा था.

मुझे समझ आ रहा था कि वो क्या करने की कोशिश कर रहा है.
ऐसे ही बातें करते करते मैं भी उससे थोड़ा फ्रैंक होने लगी.

लगभग 12 बजे होंगे और फाइनली रोमांटिक बातों में बहकर वो बेचारा अपने जज्बात काबू में नहीं रख पाया, उसने मुझे किस कर लिया.

फिर वो एक सेकंड पीछे हटा और मेरी आंखों में देखने लगा.

मैंने नॉर्मल रिएक्शन दिया क्योंकि मेरा बहुत टाइम से कोई ब्वॉयफ्रेंड नहीं था.
ये देखते ही उसने मेरे होंठ अपने होंठों में भर लिए और कसके चूसने लगा.

वो पागलों की तरह मेरे होंठ चूस रहा था जैसे किसी को पहली बार किस किया हो.
अब उसकी हिम्मत बढ़ रही थी.

उसका हाथ मेरी चूचियों पर आ गया और वो मेरी चूचियां मसलने लगा.
वो मेरे होंठों का रस पीते पीते मेरे मम्मे जोर जोर से मसल रहा था.

कुछ देर बाद उसने अपना हाथ मेरी सलवार में डाल दिया. मेरी चूत एकदम गीली थी.
वो मेरे चूत के दाने को रगड़ने लगा और धीरे धीरे मेरी चूत में उंगली करने लगा.

फिर वो कुछ देर बार उठकर नीचे गया और मेरी सलवार उतार दी और अपनी जीभ से मेरी सारी चूत चाट कर साफ कर दी.
इतना मजा मिलने के बाद मुझे अब लंड चाहिए था.

मैंने उसे खींच कर ऊपर बुलाया और झट से उसकी पैंट की जिप खोलकर उसके लंड को आजाद कर दिया.
वो कुछ समझ पाता कि बिना किसी देरी के मैंने पूरा लंड एक साथ अपने मुँह में भर लिया.

वो इतना उत्तेजित हो गया था कि उसने तुरंत ही अपना लंड रस मेरे मुँह में छोड़ दिया.
मैंने सारा रस पी लिया और 15 मिनट तक उसके लंड को वैसे ही चूसती रही.

उसका लंड फिर से एकदम कड़क हो गया था.
मैंने उसका लंड पकड़ा और अपनी गांड के छेद पर ढेर सारा थूक लगाकर उसे अपने अन्दर पहुंचा दिया.

एक घंटे में दो बार Xxx सेक्स इन बस में करके, आगे पीछे से चुदने के बाद मैं सो गई.
बैंगलोर पहुंच कर हमने मीटिंग अटेंड की और फिर ओयो में जाकर खूब चुदाई का मजा किया.

चार दिन बाद मैं वापस आई तो पता चला कि भाई मेरा दो दिन से बस टीवी ही देखे जा रहा है.

मैं आपको अपनी चूत की पहली बार हुई चुदाई की कहानी भी लिखूँगी, आपको बहुत मजा आएगा.

मुझे मेल जरूर करें कि यह Xxx सेक्स इन बस कहानी कैसी लगी?
[email protected]

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *