पति का छोटा लंड के चलते ही मैंने ये कदम उठाया पति के सहयोग से

पति का छोटा लंड के चलते ही मैंने ये कदम उठाया पति के सहयोग से

मेरे प्यारे दोस्तों मेरा नाम कोमल है, मैं अठाइस साल की हु, मैं काफी मॉडर्न हु, और अपने अपार्टमेंट में आमने सामने काफी मशहूर हु, क्यों की मुझे दोस्ती करना बहुत अच्छा लगता है यहाँ आप गलत मत समझना, दोस्ती मेरी औरतो से ही है, सब लोग मुझे जानते है. और मेरी पर्सनालिटी भी बहुत ही लाजबाब है. इस वजह से अपार्टमेंट के मर्द को ये पता है की मैं कहा रहती हु, क्यों की मैं शाम को स्पोर्ट सूट पहनकर राउंड लगाती हु, तो पीछे से मेरे चूतड़ को हिलते देखना सब को बहुत ही अच्छा लगता है. और आगे से मेरी चुकी जो की टाइट और तनी होती है किसी का भी दिमाग ख़राब कर देता है.

मैंने कहानी पे आती हु, पहले तो मैं आपको ये बता दू की मैं नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम की बहुत बड़ी फैन हु, मैं अपने किटी पार्टी में पिछले ही शुक्रवार को अपने कई सहेलियों को इस वेबसाइट के बारे में बताया, उसमे से तो कई को पहले से ही पता था, अब तो मैं कोई भी स्टोरी मिस नहीं करती हु, रोज रोज नै नै कहानी पढ़ती हु. मेरी शादी को हुए दो साल ही हुए है, अभी कोई बच्चा नहीं है, खूब लाइफ का एन्जॉय कर रही हु, मेरी शादी अरेंज हुई है, मेरे माता पिता ही मेरे लिए लड़का ढूंढे और मेरी शादी हो गई. पर सब कुछ ठीक नहीं रहा, शादी के पहले रात को ही प्यासी की प्यासी रह गई.

क्यों की पति का लंड बहुत ही छोटा था, करीब २ इंच का, अब आप ही बताईये मैं ठहरी मदमस्त लड़की, भरा पूरा शारीर मुझे तो करीब ८ इंच का लंड चाहिए दो इंच का लंड तो मेरे झांट में ही फंस कर रह जाता है. अंदर जाने की तो बात बहुत दूर है. पर करूँ भी तो क्या पति जब मेरे ऊपर चढ़ता और मैं अपनी दोनों टाँगे फैलाती तो बिच में एक छोटा सा उबक डूबक हो रहा होता मुझे तो लंड कहने में भी शर्म आती, मैं गुस्से से पति को धक्का दे देती और फिर दोनों में लड़ाई हो जाता और दोनों एक दूसरे के तरफ पीठ कर कर सो जाते.

पर आप ही बताइए क्यों कैसे बिना सेक्स के रह सकता है, जिससे मुझे चुदवाने का लाइसेंस मिला है वो मुझे चोद ही नहीं पाता है तो मैं कुछ दिन तक खुद ही अपने बूर में ऊँगली डाल कर काम चला लेती पर मैं प्यासी की प्यासी रह जाती, और भी ज्यादा काम खराब हो जाता था, मुझे चुदने का मन करने लगता था पर कोई चारा नहीं था, अब मैं जब भी किसी हठे कठे मर्द को देखती तो मन में ये ख्याल आता की इसका लंड कितना बड़ा होगा, और कैसा होगा, पर लाचार थी कुछ कर नहीं सकती, पर एक दिन पति से बोली जी, आप तो हस्तमैथुन कर लेते हु और अपना वीर्य निकाल देते हो और आराम से सो जाते हो. जब आप का लंड इतना छोटा था तो आपने शादी क्यों की. जब आप एक औरत को चोद नहीं सकते तो आपको शादी करने का अधिकार किसने दिया, अब मैं क्या करूँ,

मैं मानती हु की आप अरबपति है किसी चीज की कमी नहीं है घर में कार बांग्ला नौकर चाकर अपना फैक्ट्री पर आप मेरे जगह पर रह कर देखो, मैं बिना सेक्स के और बिना बच्चे के अपनी ज़िंदगी कैसे काटूँगी ऊपर से रोज रोज आपके माता पिता कहते है की मैं दादा और दादी कब बन रही हु, क्या मैं सच सच बता दू की आज तक मेरी बूर में एक बून्द भी आपके बेटे का वीर्य नहीं गया है तो मैं कहा से माँ बनूँगी, सच पूछो दोस्तों जब इंसान की हालात ख़राब हो जाये तो उसका बात चित का लहजा और वर्ड भी चेंज हो जाता है, मैं इतनी भी रंडी नहीं थी की मेरे मुंह से ऐसी बात निकले पर करती भी क्या, मुझे फ़्रस्ट्रेशन होने लगा था इस वजह से मैं अनाप सनाप बोलने लगी.

करीब ये सब बात होने के १० दिन तक हम दोनों में कोई बात नहीं हुई, हम दोनों अकेले अकेले सोने लगे, एक दिन की बात है, मेरे पति मेरे पास आये और बोले की कोमल आज मुझे तुमसे एक बात करना है. तुम्हे पता है तुम्हे किसी चीज की कमी नहीं है ना तो कभी होने दूंगा तुम जैसा चाहो अपनी ज़िंदगी जिओ, पर हां मुझे पता है की मैं सेक्स से तुम्हे संतुष्ट नहीं कर सकता, क्यों ना तुम किसी और से सेक्स सम्बन्ध बना लो, मुझे बुरा नहीं लगेगा, और मैं इसका इंतज़ाम करूँगा, माँ पापा का भी मनोकामना दादा दादी बन्ने का पूरा हो जायेगा और हम दोनों की ज़िंदगी भी अच्छी तरह से हो जाएगी. पहले तो सच बताऊँ शॉक लगा, की कोई पति ऐसा कैसे कह सकता है, मैंने कहा भी ये आप क्या कह रहे है. आखिर मैं…. तो वो कहने लगे. मैं समझता हु कोमल तुम ना मत करो प्लीज. मैंने कहा ठीक है मुझे थोड़ा टाइम दो.

करीब १० दिन हो गए थे, ये सब बात चित हुए, अब मैं अपने घर में ही नजर दौड़ाने लगी, कभी नौकर पर कभी ड्राइवर पर, नौकर मेरा नेपाली था वो छोटा कद का तो मुझे डर हो गया की कही उसका भी लंड छोटा होगा तो, और ड्राइवर का ऐज ज्यादा था, और मैं मदमस्त थी, तो डर था कही वो मुझे संतुष्ट नहीं कर पाया तो. इस तरह से २ ड्राइवर और दो नौकर को मैंने मन ही मन में रिजेक्ट कर दी. ये सब सोचते हुए पूरा रात बीत गया, सुबह वेल बजी नींद खुली तो दूधबाला दरवाजे पर था. वो हरियाणा से आता था. बड़ा हठा कठा लंबा चौड़ा था, मूंछे एक दम मर्द था. सच पूछो तो वो बी मेरे चूचियों को निहार रहा था क्यों की मैं निचे ब्रा नहीं पहनी थी. इस वजह से मेरी चूचियाँ साफ़ साफ़ नाइटी में दिख रही थी.

मुझे लगा की यही परफेक्ट है. मुझे चोदने के लिए, शाम को मैंने पति के लिए चाय बनाई और दोनों मिलकर चाय पिने लगे और फिर मैंने बात छेड़ दी. की देखो जी मुझे लगता है की क्यों ना दूधबाले को ही पटाया जाये, मुझे लगता है की आपके पापा मम्मी जल्दी ही दादा दादी बन जायेंगे और आप पापा. फिर कुछ दिन बाद ये रिश्ता उससे तोड़ देंगे. और फिर हम सब फैमिली आराम से अपनी ज़िंदगी जियेंगे, मेरे पति को मेरी बात समझ आ गई. उन्होंने एक प्लान बनाया और अपने पापा मम्मी को कहा चलो आप दोनों को हरिद्वार ले चलते है आपलोग गंगा में डुबकी लगा लो मुझे भी काफी दिन से जाने का मन कर रहा है. तो वो दोनों पूछे की कोमल तो मैंने कह दिया नहीं मैं नहीं जा पाऊँगी, आप लोग इस बार जाओ मैं दूसरे बार जाउंगी.

दूसरे दिन सुबह वो लोग हरिद्वार चले गए, सुबह के करीब ६ बजे, और फिर वो दूधबाला करीब ८ बजे दूध देने आया, मैं जान बुझ कर दरवाजा खुल ही छोड दी थी और बाथरूम में नहाने लगी, वो आया बेल्ल बजाया और मैंने कहा दूध किचन में रख दो. और वो दूध किचन में रख दिया. मैंने बाथरूम का दरवाजा थोड़ा खुल ही छोड़ दी थी ताकि बाहर से मैं दिख सकूँ. वो दूधवाला बाथरूम के तरफ देखा और देखता ही रह गया, मैं शावर ले रही थी. मैं पूरी नंगी थी. मैं उसको देख ली की वो मुझे देख रहा है. पर मैं अंजान थी. और बोली की भैया जाते जाते दरवाजा सटा देना और वो बोला ठीक है भाभी जी और वो वही खड़ा रहा. मैं सब समझ रही थी की वो अपनी आँख सेंक रहा था गोर गोर बदन और टाइट चूचियों से.

तभी मैं बाथरूम से निकल पड़ी वो जैसे बाहर आई वो सकपका गया और डर गया, मैंने कहा अभी तक तुम यही हो और मैंने झूठ मूठ का तौलिया ढूंढने लगी. वो मुझे बहसी निगाहों से निहारने लगा, मुझे उसका निहारना अच्छा लगा. मैंने कहा किसी को बताओगे तो नहीं तो वो बोल नहीं भाभी जी. मैंने कहा ठीक है बैडरूम में आओ, वो तुरंत बैडरूम में आ गया और मैंने उसके करीब पहुंची की वो मेरे होठ को चूमने लगा और मेरी बूब्स को दबाने लगा. पहली बार किसी मर्द का हाथ मेरे जिस्म को छुआ था, मैंने देखा उसका लंड खड़ा हो गया, मैंने उसका पजामा उतार दी और फिर अंडर वियर, गजब का मोटा लंड, तन कर खड़ा था मैंने तुरंत मुझ में लेके चूसने लगी और वो आह आह करने लगा, उसके बाद उसने कहा भाभी जी देर मत करो कोई आ जायेगा, और वो मुझे बेड पे पटक दिया . और अपना मोटा लंड मेरे बूर में डाल दिया, मैं दर्द से कराह उठी, क्यों की आज पहली बार अंदर तक कोई लंड गया था.

पर वो दर्द मुस्किल से पांच मिनट ही रहा था फिर तो मैंने उसके गठीले बदन को सहलाने लगी और वो मुझे धक्के पे धक्के दे रहा था, वो जोर जोर से लंड घुस रहा था वो जब धक्के लगता मेरी चूचियाँ उछल जाती, वो मेरे होठ को चूस रहा था, मेरे गांड में ऊँगली दे रहा था और गाली दे दे के चोद रहा था. सच पूछो दोस्तों पहली बार मुझे लगा की चुदाई क्या होती है. मेरा रोम रोम संतुष्ट हो गया था दुधबाले की चुदाई से. और फिर मैं तो दो तिन बार झड़ गई. और वो एक लम्बी सी आह लिया और अपना लंड मेरे बूर से निकाल कर अपना वीर्य मेरे बूब्स पे डाल दिया. मैंने कहा ये क्या किया तूने, तुझे अपना वीर्य मेरे बूर में ही डालना चाहिए. उसने बोला ठीक है भाभी जी कल जरूर मैं आपने बूर में ही डालूंगा.

फिर क्या था दोस्तों मैंने उससे रोज रोज चुदने लगी. अब मैं अपने पति को भी प्यार कर पा रही थी. बस एक लंड की कमी थी वो मुझे दूध बाला पूरा कर दिया था अब मैं ६ महीने की गर्भवती हु. मैं माँ बन्ने बाली हु, घर बाले और मेरे पति बहुत खुश है. पर मैंने दूध बाले को ये एहसास नहीं होने दी की वो बच्चा उसका है.

Categories Antarvasna, Relationship, अंजान की चुदाई, देसी सेक्स कहानी

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