ट्रेन में मिले अफ्रीकन जोड़े के साथ ग्रुप सेक्स – 1

दोस्तों मै बनारस का रहने वाला हूँ  मेरा नाम सुशील द्विवेदी है पिछले साल मुंबई में मेरे कॉलेज का एक सेमिनार मुंबई में आयोजित किया गया था मैंने सेमिनार ख़त्म कर उसी दिन ट्रेन पकड़ लिया बनारस के लिए दर असल मैं जब ट्रेन पर चढा तो अकेला था अपना सामान आदि लगा कर मैं इत्मिनान से बैठा था इतने में एक खूब मुंबई औरत आकर बैठ गयी उसने भी अपना सामान बर्थ के नीचे रखा और पानी की बोतल निकाल कर पानी पिया फिर उसने एक तकिया लगाया और आराम से बैठ गयी थोडी देर में टी टी आया तो मुझे मालूम हुआ की उसका नाम नैना है मैंने लिस्ट में जाकर देखा की वह ३२ साल की महिला है और वापस आकर मजे से बैठ गया फिर चायवाला आया तो मैंने चाय ऑफर की उन्होंने मुस्कराकर स्वीकार कर लिया मेरी उमर उस समय ३० साल के लगभग थी मैं भी स्मार्ट बन्दा था फिर मैंने धीरे से उन्हें चिप्स वगैरह भी खिलाया

मैंने पूंछा :– आप कहाँ तक जा रही है

उसने जबाब दिया :- मैं बनारस जा रही हूँ

मैं पूंछा :– क्या आप वहीँ की रहने वाली है

उसने कहा :-नही मैं मुंबई की रहने वाली नही हूँ मैं बनारस की हूँ

मैंने कहा :- तो आपको हिन्दी नही आती होगी

नैना :- हिन्दी खूब आती है मैं तो बनारस की ही पढ़ी लिखी हूँ मेरे पापा यहीं पर सर्विस करते है और मैं भी जॉब करती हूँ आप अपने बारे में कुछ बताएं

मैंने कहा:- मैं बनारस के एक कालेज में प्रोफ़ेसर हूँ मुंबई में एक सेमीनार में गया था अब वापस जा रहा हूँ यह एक लंबा सफर है आपका साथ है तो सफर अच्छा कट जाएगा

नैना :- बिल्कुल मैं भी यही सोच रही हूँ थोडी देर में मैंने एक व्हिस्की की बोतल निकाली और दो गिलास साफ कर के रखा मैंने डरते डरते पूंछा :- मैडम क्या आप मेरा साथ देंगी उसने बोतल की तरफ़ देखा और मुस्कराकर बोली:- वैसे तो मैं पीती नही हूँ लेकिन इस समय आप का साथ दे सकती हूँ मैंने कहा :- शुक्रिया जनाब अब हम दोनों शराब का मज़ा लेने लगे खूब इधर उधर की बातें की और फिर मैं अपने बैग से किताबे निकाल कर टेबल पर रख दी बैग से एक ढीली ढीली नेकर निकाल कर रख लिया मैंने कहा में मैं कपड़े बदल कर आता हूँ मैं बाथरूम गया और वापस आते समय थोड़ा झांक कर देखा तो पाया की नैना सेक्स की कहानिया पड़ रही थी वास्तव में मैंने सुपर हॉट चुदाई की कहानी की किताब सबसे ऊपर ही रख दिया था यह देखकर मेरा लंड नेकर के अन्दर ही खड़ा हो गया जैसे ही मैं वापस आया नैना ने पूंछा की यह किताब तुम्हारी है मैंने कहा हां हमारी है तो उसने जबाब दिया इसमे तो बड़ी गन्दी गन्दी सेक्स की कहानियाँ है मैंने कहा की लंबे सफर में वह कहानियाँ बड़ा साथ देती है नैना बोली ये कहानियाँ मुझे बहुत अच्छी लग रही है मैं सारी कहानियाँ पढ़ना चाहती हूँ इसलिए मैं इसे अपने पास रख लेती हूँ मुझे मालूम हो गया है की इन कहानियों को अकेले में नंगे होकर पढने में ज्यादा मज़ा आएगा मैंने कहा की इन कहानियों को आप उसके साथ भी पढ़ सकती है |

 जिनसे आप के सेक्स सम्बन्ध हो वह बोली इन कहानियों के जरिये भी सेक्स सम्बन्ध बनाये जा सकते है मैं तो सोच रही हूँ की कहानियाँ लिखने वाले का लौडा तो बड़ा जबरदस्त होगा मस्त होगा मुझे मिल जाए तो मैं उसको अपना सब कुछ दे दूँ और लिपट कर प्यार करूँ उसके मुह से लौडा शब्द सुनकर मैं बहुत खुश हुआ मेरा लंड एकदम से सनसना गया वह बोली अच्छा अब मैं कपड़े बदल लेती हूँ तो मैंने कहा कि मैं बाहर चला जाता हूँ उसने कहा बाहर जाने की क्या जरूरत है वहीँ बैठे रहो मुझे कोई शर्म नही है मैं कोई गाँव की लड़की नही हूँ मैं वह सुनकर बड़ा खुश हुआ मैंने देखा की उसने एक ढीला ढीला गौन पहन लिया उसके नीचे कुछ भी नही था क्यंकि मैंने उसे ब्रा उतारते हुए देखा था इसका मतलब अब उसकी चूंचियां एकदम आजाद थी हम दोनों फिर गिलास लेकर शराब पीने लगे एक पैग पूरा हुआ तो दूसरा शुरू हो गया मैं दंग रह गया जब उसने सिगरत मेरी तरफ़ बढाया हम दोनों सिगरत पीने लगे जैसे ही दूसरा पैग ख़तम हुआ उसने अपने गौण कि दोनों बटन खोल दी उसकी चूंची साफ दिखने लगी इधर मेरा लंड भी उछाल मारने लगा नैना कि निगाह मेरे लंड पर टिक गयी थी |

मैंने कहा:- नैना तुम बड़ी सुंदर हो उसने कहा:- और मेरी ये ? उसने अपनी चुन्चियों कि तरफ़ इशारा करते हुए कहा मैंने कहा :- ये तो इतनी अच्छी है कि मन करता है कि चबा जाऊँ नैना :- तो चबा लो न यह कह कर उसने मेरा हाथ पकड़ा और अपनी चूंचियों पर रख दिया बस फिर क्या था मैं उस पर चढ़ बैठा दोनों हाथों से चूंचियां मसलने लगा चूंची बड़ी बड़ी मजे दार थी मैंने मुह लगाकर दोनों चूंचियों को खूब चूसा फिर मैंने दोनों हाथों से उठा कर चिपटा लिया खूब चूमा उसे वह धीरे धीरे नीचे खसकी और मेरी नेकर नीचे घसीट दी इसके बाद आप ऊपर थोड़ा पढ़ चुके है वह एक हाथ से मेरा लंड सहला रही थी दूसरे हाथ से मेरी गांड मेरे चूतडों पर उसका हाथ फेरना मुझे बड़ा अच्छा लग रहा था सहसा उसके मुह से निकला यार सुशील मेरे दूसरे हाथ में एक काला लौडा होता तो कितना अच्छा होता मैं काले लंड की तलास में बहुत दिनों से घूम रही हूँ हां यार मैं जानता हूँ की गोरी चूत वालियां सब काले लंड की तलास में रहती है तुमको कैसे मालूम उसने कहा मैंने जबाब दिया ठीक वैसे ही जैसे काली लड़कियां गोरे लंड की तलास में रहती है नैना बोली तो मेरे लिए काला लंड ढूंढ़ कर लाओ न मेरी चूत काले लंड के लिए तरस रही है मैंने कहा यार मेरे कई दोस्त काले है तुम चिंता मत करो एक क्या मैं तुमको ३/४ काले लंड एक साथ दूंगा यह सुनकर उसने मेरा लौडा बड़ी जोर से चूसा मुझे भी ताव आया मैंने लंड उसकी चूत में पेल दिया और चोदने लगा चुदवाते हुए बोली माँ के लौडे तू चोदने में एक दम हरामी है बहन चोद लगता है कई बुर चोद चुके हो मैंने कहा तू भी तो भोसड़ी वाली कई लंड से चुदवा चुकी है अब उसने मेरा लंड पकड़ कर जल्दी जल्दी मुठियाने लगी लंड झड़ने की कगार पर आ गया वह बोली अबे मादर चोद मेरे मुह में झड़ जा मुझे बड़ा अच्छा लगता है वैसे भी तेरा लंड मुझे बहुत पसंद है मैं वास्तव में झड़ गया झड़ते हुए लंड को वह रंडी की तरह चाटने लगीउसके बाद हम लोग खाना खा कर सो गए सवेरे करीब ५ बजे मैंने देखा की नैना बिल्कुल नंगी लेटी है तो मेरा लौडा खड़ा हो गया मैं लौडा उसकी चूंचियों पर फिरने लगा सहसा वह जग गई और उसने मेरा लौडा पकड़ लिया बस फिर क्या था एक और बड़ी मजेदार चुदाई हो गयी सुबह के १०.०० बजे के लगभग मेरे डिब्बे में में एक काला आदमी घुसा उसके पीछे एक काली औरत भी आ गई उसने मुझसे बर्थ नंबर पूंछा मैंने बताया की वह सही जगह आया है उसकी दोनों ऊपर की बर्थ है उसने कहा क्या हम लोग नीचे बैठ सकते है मैंने कहा हां आपका हक है आप शौक से बैठिये वे दोनों खुश हो गए फिर धीरे धीरे हमलोग इधर उधर की बातें करते रहे होते करते शाम हो गई करीब ७.३० का समय था वे दोनों बरमूडा और एक टी शर्ट में थे मैंने भांप लिया की औरत कोई ब्रा नही पहने है बात चीत में मालूम हुआ की वे दोनों जेम्स और लिकिया पति पत्नी थे |

कहानी जारी है …..  आगे की कहानी पढने के लिए part -2 pade…..

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