प्रियंका थोड़ा सा पीछे को हुई और अनिश के लंड को अपने मुँह से बाहर निकाल कर बोली, “ऊहह अनिश कितना अच्छा लगा रहा है जब तुम मेरे मुँह की चुदाई करते हो, और वीरेंदर के लंड ने तो मेरी चूत मे आग लगा दी है, हाां जे चोदो और ज़ोर से चोदो मुझे, घुसा दो आआअपँ लंड मेरी चूओत मे फ़ाआद दो इसस्स्ससे हाां और अंदर तक ज़ोर से और ज़ोर से.”प्रियंका ने अपनी एक भारी चुचि अपनी मुट्ठी ली और उसके निपल को इस तरह से करके अनिश के लंड के छेद पर घिसने लगी. उसके निपल के लंड पर रगड़ने से अनिश के शरीर मे सिरहन सी दौड़ गयी, “ऑश राआधा कितना अच्छा लग रहा है जब तुम ऐसे करती हूऊओ.”
“तुमने सही कहा था अनिश ये एक छिनाल कुतिया है, देखो किस तरह दो लंड से मज़ा ले रही है.” वीरेंदर ज़ोर के धक्के मारते हुए बोला. प्रियंका और ज़ोर से अनिश के लंड को चूस रही थी, जब वो अपनी ज़ुबान उसकी लंड के छेद पर फिराती तो अनिश अपने लंड को और अंदर तक पेल देता. तीनो अपनी उत्तेजना की चरम सीमा पर पहुँच चुके थे. रुकना तीनो को मुश्किल लग रहा था. बेसमेंट मे सिर्फ़ चुदाई की आवाज़ आ रही थी. “ओह चूऊऊओदो मुझे ओह मेरााआअ चूऊऊथा.” कहकर प्रियंका ने अपने कूल्हे पीछे किए और उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया.
थोड़ी ही देर मे अनिश और वीरेंदर के लंड ने भी पानी छोड़ दिया. प्रियंका का मुँह अनिश के वीर्य से भर गया था तो उसकी चूत वीरेंदर के वीर्य से. वीरेंदर का वीर्य उसकी चूत के पानी से मिलता हुआ उसकी जाँघो तक बह के आगया था. तीनो निढाल हो तक कर ज़मीन पर लेटे हुए थे. तेज होती साँसे महॉल मे गूँज रही थी. “माज़ा आ गया ना.” प्रियंका धीरे से फुस्फुसाइ, थक ज़रूर गयी हूँ लेकिन मेरा दिल नही भरा.” वीरेंदर को अपने कानो पर विश्वास नही हो रहा था. उसकी ये साली जो थोड़ी देर मे कई बार झाड़ चुकी थी और अभी भी उसकी चुदाई की इच्छा बाकी है. काश उसकी बीवी नीता भी अपनी बहन की जैसी होती. नीता प्रियंका की जैसी चुदासि नही थी. करीब दस मिनिट सुस्ताने के बाद वीरेंदर ने पूछा, “तुम दोनो के बीच ये कब से चल रहा है?”“कुछ याद नही कितना वक़्त हो गया.” अनिश ने बिना झिझकते हुए कहा.
“में कुछ समझा नही.” “हमने इसका 18 वा जनमदिन इसे नंगा करके मनाया था.” अनिश ने हंसते हुए कहा.थोड़ी देर खामोशी छाई रही, “तुम्हारा मतलब है…में कहना चाहता हू कि क्या तुम….” वीरेंदर अपनी बात पूरी नही कर पाया. “यार मेरी समझ मे नही आ रहा कि तुम कहना क्या चाहते हो?” अनिश उसके चेहरे को देखते हुए बोला. “में ये कहना चाहता हूँ क्या नीता ने भी तुम दोनो का साथ दिया था.?” वीरेंदर ने कहा. इस बार पहले से ज़्यादा देर तक खामोशी छाई रही. प्रियंका की निगाह अपने भाई पर टिकी हुई थी, वो इस प्रश्न से घबडा सी गयी थी और चाहती थी कि इसका जवाब उसका बड़ा भाई दे.
हमेशा की तरह अनिश ने साफ साफ कहा, “इस से कोई फरक पड़ता है वीरेंदर कि नीता ने हमारा साथ दिया था कि नही.”वीरेंदर सोच मे पड़ गया. अनिश और प्रियंका की चुदाई देख कर उसे हर समय यही लगा था कि प्रियंका की जगह उसकी पत्नी नीता अनिश से चुदवा रही है. कितनी समानता थी दोनो बहनो मे. हालाँकि प्रियंका नीता से छोटी थी, पर कितना फरक था दोनो के स्वाभाव मे. प्रियंका जितनी उत्तेजित और चुड़दकड़ थी वही नीता इतनी गरम नही थी. “मुझे लगता है कि इससे कोई फरक नही पड़ेगा अनिश” आख़िर वीरेंदर ने जवाब दिया.
“अच्छा है तुम समझ गये,” अनिश बोला, “वैसे तुम हमारे परिवार के बारे मे जानकार चौंकोगे. वैसे तुम्हारे सवाल का जवाब ये है कि हां हमने साथ साथ कई बार चुदाई की है. पर जबसे उसकी शादी तुम्हारे साथ हुई है हमने उसके साथ कुछ भी नही किया.”वीरेंदर को इसी जवाब का इंतेज़ार था, वो समझ गया था कि नीता उनके साथ चुदाई कर चुकी है. आज प्रियंका को चोदने के बाद वो सोच रहा था कि अब भी नीता इनका साथ क्यों नही देती.“तुम लोगो ने उसे छोड़ क्यों दिया.” पता नही ये सवाल उसके मुँह से कैसे निकल गया. अनिश और प्रियंका ने कोई जवाब नही दिया सिर्फ़ अपने कपड़े पहनते रहे. थोड़ी देर बाद तीनो बेसेमेंट से बाहर आ गये. समाप्त | दोस्तों कहानी कैसी लगी आप लोग जरुर बताईयेगा |