प्रेषक: अनु
मेरा नाम अनु है ये कहानी में आपको सुनाने जा रहा हु शायद आप हैरान हो जायेगे पर ये सच है ये कहानी उस समय की है जब में 12 में पड़ता था मेरे एग्जाम हो गए थे एक दिन मेरे पिता जी के दोस्त आये और पिता जी से कहने लगे की हमारी बस खाली जा रही है’यदि आप लोगो को घूमने चलना हो तो चलो तो पापा ने हम लोगो से पूछा तो हम लोगो ने हा कर दी उसी दिन शाम को जाना था सभी लोग बसस्टेंड पर पहुँच गए !
मै और मेरा छोटा भाई और मेरे माता पिता हम लोग सभी बस में बैठे और बस चल दी बस जब बिठूर पहुची जो कानपुर के पास है वहा हम लोग दिन भर रुके और शाम को बस कानपूर के लिए रवाना हो गई ! वहा पर पहुचते ही बस ओफ़ीस पर रुक गई और सभी के पैसे जो बाकि थे वो जमा हो गए और फिर इतने में एक आदमी जिसकी उम्र 50 साल की थी वो 2 औरतों को लेकर आया एक औरत की उम्र 45 और दूसरी औरत की उम्र 35 थी उस आदमी ने हमारे पिता और माता जी को देखा तो पास आकर बोला चाची जी आप इन लोगो का ख्याल रखना इनको आप के ही साथ भेज रहे है |
माता जी ने कहा ठीक है मै वही पर खड़ा था मैंने उनसे कहा आन्टी तो वो बोली भाभी कहा करो मै चौक गया अब हम लोग कानपुर के जे.के मन्दिर में गए वहा पर भाभी ने हमारी माता जी से कहा की अनु को हमारे साथ रहने दो और उसके साथ जो औरत थी वो बस में जो एक और आदमी था जो बस लेकर आया था वो उसके साथ चली गई अब आप लोग सोच रहे होंगे की चुदाई की कहानी कब आएगी तो अब चलते है चुदाई की और हम वहा से घूम कर आये और रस्ते में उन्होंने मेरा हाथ पकड़ लिया और साथ साथ चलने लगी अब सभी लोग बस में अ गए बस चलने लगी हम पीछे वाली सीट पर लेट गए!
ये हमारी माता जी के साथ बेठ गई पीछे की सीट पर कोई भी नही था अरे में भाभी का नाम बताना भूल गया भाभी का नाम था मंजू ठाकुर भाभी माता जी से बोली आप आराम से बेठ जाओ में पीछे वाली सीट पर बेठ जाती हु वो मेरे पास आकर बेठ गई और मेरा सर अपनी गोदी में रख लिया और वो सर को सहलाने लगी और में सो गया अब वो मेरे होठो को किस करने लगी इतनें में मेरी नीद खुल गई मेरा लण्ड खड़ा हो गया था अब में भी उनको होंटो को किस करने लगा सभी लोग सो गए थे अब वो भी बड़ी जोर से सिसकारिया लेने लगी अब मैंने अपना हाथ लिया और उनके बुबु को दबाने लगा बड़े मस्त बुबु थे मानो एसा लग रहा था की दबाते ही रहे मेरा लन्ड और कड़क हो चूका था!
अब मुझे जोश अ गया मैंने ब्लाउस के अंदर हाथ डालकर जोर जोर से बुबु दबाने लगा अब वो गरम हो चुकी थी सिस्करियस भी भर रही थी लेकिन डर था की कोई जग न जाये अब तो वो मेरे होटो को जोर जोर से चूसने लगी और एक हाथ से मेरा लण्ड पकड़ लिया मेरा लन्ड बड़ा टाइट हो गया था और उन्होंने बड़ी जोड़ से मेरा लण्ड पकड़ा और दबाने लगी अब मुझे रहा नही जा रहा था में उनके बोबो को दबाने लगा और एक बोबो को चूसने लगा अब तो वो भी मस्त हो रही थी!
अब भाभी ने मेरे हाफ कच्छे को नीचे कर दिया और अंडर वियर को भी नीचे कर दिया और जोर से निकल कर मुह में भर लिया ऐसे मानो कोई भूखा मिठाई को देखकर मुह में भर लेता है अब तो घुमा घुमा कर चूसने लगी मुझे बफ मजा अ रहा था अब मैंने भी अपने हाथ से उनकी चूत को सहलाने लगा अब तो क्या था सहलाते सहलाते मैंने ऊगलियो को भाभी की चूत में दी अब तो भाभी मेरे लण्ड को जो जोर से चूसने लगी और उन्होंने चूसने में स्पीड बढाई और मैंने भाभी की चूत में 4 ऊगली डाल दी और जोर से अन्दर बाहर करने लगा!
अब दोनों अपनी चरम सीमा पर थे और मेंने भाभी के बाल पकड़ के सिर् को जोर जोर से आगे पीछे किया और हाथ को चूत में और जोर से घुमाया और हम लोग इतनी मस्ती में अ गए की भाभी ने और हम ने साथ में पानी छोड़ दिया और भाभी मेरे लन्ड का पूरा पानी पि गई और लन्ड पूरा मुह में ले लिया हमदोनो एक दुसरे से लिपट गए और शांत हो गए कुछ समय बाद फिर एक दुसरे को चाटना शुरू हुआ और फिर दोनों लोग गर्म हो गए लेकिन वहा जगह न होने के कारण सही से चोद न सके लेकिन भाभी को मेरा लण्ड अपनी चूत में डलवाना था और मुझे उनकी झांटो वाली चूत को चोदना था इसलिए मैंने उनको उल्टा लिटाया और अपने लण्ड को उनकी चूत पर रखा और एक झटका दिया और लण्ड सीधे चूत के अंदर और फिर भाभी भी हमारा साथ देने लगी और हम भी धीरे धीरे भाभी को चोदने लगे!
जगह ना होने के कारण झटके ज्यादा नही लगे लेकिन धीरे से चोदने का मजा ही कुछ और मिल रहा था चुदाई का 10 मिनिट हो गया और हम दोनों लोग आंनद ले रहे थे इतने में भाभी ने मुझे जोर से जकड लिया और जोड़ से सिशकारी निकलने ही वाली थी की हमने मुह पर हाथ लगाया हमने उनके बोबो को मुह से खूब जकड रहा था और इतने में मैंने भी 4.5 झटके जोड़ के दिए और दोनों लोग फिर से साथ में झड़ गए और भाभी ने मेरा लण्ड जल्दी अपनी चूत से निकाला और लपक के मुह में पूरा लण्ड भर लिया और जो भी मॉल निकला वो सारा मॉल बड़े चाव से चूषने लगी और में भाभी से लिपट गया उन्होंने मुझे सहलाया और अपनी गोदी में लिटा कर माथे का चुम्मन करके किस्सी करती रही में सो गया जब मेरी नीद खुली तो मैंने देखा वो मुझे गोदी में लिटाये सहला रही थी हम लोगो ने बहुत मस्ती की जब हम लोग एक दुसरे से अलग हुए तो गले लगकर खूब रोये हम लोग जुदा हो गए अब हम लोग फ़ोन पर बात करके खूब रोते थे एक उसने माता जी से बात करके कहा की अन्नू को मेरे घर भेज दो बुरा लग रहा है पहले तो माँ ने मना किया फिर वो मान गई और हम उसके घर कानपुर् चले गए जिस दिन हम गए उसी दिन उसके पति कुछ काम से वाहर चले गए उसकी एक 20 शाल की लड़की थी एक लड़का था जो 5 में होस्टल में पड़ता था वो माँ बेटी ही घर में बची रात हुई खाना खाके हम तीनो लोग लेट गए थोड़ी रात हुई लड़की सो गई हम लोग उठे और दूसरे कमरे में चले गए और पूरे नंगे होकर ताबड़तोड़ चुदाई की ये सिलसिला रोज चलता रहा एक दिन गर्मी होने के कारण चुदाई रूम की खिड़की बंद करना भूल गए रात में लड़की सूसू करने उठी और उसने हम लोगो को वहा नही देखा तो वो वाहर आई और उसे कमरे से …
कहानी जारी है ….. आगे की कहानी अगले part 2 में पढ़िए….