प्रेषिका: किरन
गतांक से आगे ………. जब मै घर पहुची, तो मेरे पैर जमीन पर नहीं पड़ रहे थे | मै उसे अपना बॉयफ्रेंड समझने लगी थी और मेरे सारे ग्रुप मे, मेरा बॉयफ्रेंड सबसे अमीर और सुंदर था और उसका लंड भी काफी बड़ा और मोटा था | मेरे ग्रुप मे सिर्फ मेरा ही बॉयफ्रेंड नहीं था और जब वो लोग अपने बॉयफ्रेंड के बारे मे बातें करते है, तो मै अन्दर से जल-भुन जाती थी और वो सब अब बॉयफ्रेंड के लंड के बारे मे मुझे बताते थे, तो मुझे बड़ा अजीब लगता था; क्योकि मैने लंड अपने हाथ मे तो क्या, असली मे देखा तक नहीं था | मै सोच रही थी, कि सब क्या-क्या बोलना है| सब कुछ मस्त था और मैने एक थैंक्स का एसएम्एस उसको भेज दिया और उसने भी एक प्यारा सा एसएम्एस मुझे कर दिया |
२-३ दिन ऐसे ही निकल गये और हम दोनों एसएम्एस-एसएम्एस खेलते रहते थे | एक दिन रविवार था और मेरी और उसकी दोनों की छुट्टी थी और मै अपने कमरे मे अकेले थी और मेरा उससे मिलने का मन कर रहा था | किस्मत उस दिन मेरे साथ थी तभी मेरे माँ-पापा को कहीं बाहर जाना पड़ा और उनको कम से कम ३-४ घंटे लगने वाले थे | मैने उसको एसएम्एस किया, मै घर मे अकेले अपनी चूत तेरे लिए ही खोल कर बैठी हु; हिम्मत है तो आजा | उसका कोई जवाब नहीं आया | २ मिनट, ३ मिनट, ५ मिनट और १० मिनट निकल गये और मैने ३-४ एसएम्एस ठोक डाले; लेकिन, कोई एसएम्एस नहीं आया | अब मुझे गुस्सा आने लगा | तभी छत के दरवाजे पर कुछ ठक-ठक हुई, तो मै ऊपर भागी | देखा, वो साला ऊपर खड़ा है | मैने दरवाजा खोल दिया और झूठ-मुठ की नाराज़ होने लगी | उसने अपनी जेब से एक सोने की चेन निकाली और मेरे गले मे डाल दी और बोला डार्लिंग, तुम्हरे लिए तोफा लाने गया था; इसलिए देर हो गयी |
फिर, मैने उसका हाथ पकड़ा और उसको खीचकर अपने कमरे मे ले आयी | और उसको अपने पलंग पर धक्का दे दिया | फिर, मै कूदकर उसकी छाती पर बैठ गयी और उसके होटो पर अपने होट रख दिए और उसके होटो को पागलो की तरह चूमने लगी | मुझे ऐसा लगा रहा था, कि वो दुनिया का आखरी मर्द है, जिसके पीछे सारी लड़किया पड़ी है | मैने तेजी से उसके कपडे उतारने शुरू कर दिए और उसके शर्ट के सारे बटन तोड़ डाले | उसने मुझे अब धक्का देना शुरू कर दिया और बोला, साली आज तू पागल हो गयी है | मैने कहा, हा, लेकिन आज तुझे नहीं छोडूंगी | फिर मैंने उस को आधा नंगा करके खुद ब्रा-पेंटी मे आ गयी और फिर मैंने अपनी ब्रा भी खोलकर फेक दी | उसके सामने मेरे अधपके हुए चुचे झूल रहे थे; ज्यादा बड़े नहीं थे, लेकिन उनकी लालिमा किसी को भी अपने तरफ खीच सकती थी | फिर उसने मेरे चूचो को अपने हाथ मे ले लिया और उसको दबाना शुरू कर दिया | मै मस्ती मे कामुक आवाज़े निकालने लगी और सी-सी-आ-आह करने लगी | उसका लंड पुरे जोर से खड़ा हो चुका था | फिर उसने नीचे हाथ डालकर अपनी पेंट को उतारा और अपने लंड को खुली हवा मे निकाल लिया | उसका बड़ा लंड देखकर मेरा दम निकलने लगा |
फिर, उसने मेरी पेंटी को फाड़ डाला और मेरी चूत पर अपने लंड को पर रख दिया और लंड को रगड़ने लगा | मेरे शरीर मे मस्ती छाने लगी और मै मस्त आवाजो के साथ-साथ अपने शरीर को हिलाने लगी | उसने अपने लंड को अपने थूक मे पूरा डुबो दिया और मेरी चूत को भी | उसके बाद, उसने मुझे पलग पर लिटाया और फिर, चूत पर अपना लंड लगा दिया और वो मेरे चूचो को हल्का-हल्का दबाता रहा | मैने आँखे बंद कर रखी थी | जब मुझे थोडा सा आराम मिलने लगा | तो उसने एक ही धक्के के साथ अपना पूरा लंड मेरी चूत मे डाल दिया | मै चीख उठी और सारी चादर मेरी चूत के खून मे गीली हो गयी | उसका लंड आधे से ज्यादा मेरी चूत मे था और मै सिसकिया भरकर रो रही थी | उसने मुझे चुप करवाया और धीरे-धीरे अपना लंड मेरी चूत मे हिलाने लगा; इससे मुझे दर्द कम होने लगा और उसने फिर धीरे से धक्के लगाने शुरू किये |
अब मुझे भी मज़ा आने लगा था और उसका लंड मुझे कहीं अन्दर लगने लगा था | तो मैने भी अपनी गांड को मस्ती मे हिलाना शुरू कर दिया | मै झड चुकी थी और मेरा शरीर गिरने लगा था | उसने अपना लंड निकाल लिया और मुझे ऐसे ही पड़ा रहने दिया | कुछ देर हस्त्मथुन के बाद उसने अपना सारा वीर्य मेरी फटीहुई चूत पर डाल दिया | गरम-गर्म वीर्य ने मेरी चूत के फटे हुए दरवाजे को कुछ आराम दिया और फिर वो कपडे पहनकर वहा से निकल गया | मै अभी भी ऐसे ही लेटी थी | मेरे अन्दर खड़े होने की हिम्मत ही नहीं थी | लेकिन, कुछ देर बाद मुझे आराम मिला और मैने अपने कमरे को ठीक किया और सो गयी | जब माँ-पापा आये तो मैने उठकर दरवाजा खोला और चाय बनाई | तब तक मै बिलकुल ठीक थी, लेकिन रात को सोते टाइम मेरी वाट लग गयी दर्द के कारण | उस दिन के बाद तो मुझे चुदाई मे मज़ा आने लगा और अब मै एक नंबर की चुदक्कड बन गयी हु |