भतीजी की गीली चूत

हेल्लो दोस्तो मै संदीप आपको अपनी निजी ज़िन्दगी की कुछ झलक दिखाना चाहता हू. मै उन दिनो हाइस्कूल मे पढ़ रहा था. हम एक जोइन्ट फ़ैमिली मे रहते थे, घर मे मा पापा दादा जी उनके दो लड्के यानि मेरे दो बडे भाई ऒर उनकी तीन बेटिया यानि मेरी भतीजिया. सबसे बडी 24 साल की उसका नाम सिखा, दूसरी 21 साल की नाम काजल, तीसरी 20 साल की नाम तान्या. घर मे सब मेलजोल से रहते थे. मुझे नया नया सेक्स का परिचय हुआ था मन मे चोदने कि बहुत इच्छा रहती थी लेकिन कोइ रास्ता नही था. हम सारे लोग गर्मियो मे ऊपर खुली छत पर सोते थे. एक रात जब सब छत पर सो रहे थे रात को मुझे पेशाब के लिये उठना पडा.

मै पेशाब कर के आया लेकिन लन्ड खडा ही रहा बैठने का नाम ही नही ले रहा था कि मेरी नजर अपनी भतीजी सिखा पर पडी, वो पास बाले बिस्तर पर सो रही थी मैने देख कि गर्मी की वजह से उसने कुछ ओढ़ नही रखा था. उसकी गोल गोल चूचिया सान्सो के साथ ऊपर नीचे हो रही थी. मेरे मन मे तुरन्त वासना जाग गयी और मै धीरे धीरे खिसक कर उसके करीब आ कर लेट गया. वो गहरी नीन्द मे थी उसकी चूचिया छोटी छोटी थी जैसे सन्तरे रखे हो. मेने हिम्मत कर अपना एक हाथ उसके पेट पर रखा उसने कोइ रिएक्शन नही किया. फ़िर मेने धीरे से अपना हाथ उसकी एक चूची पर रख दिया ऐसा महसूस हुआ कि मक्खन के पहाड पर हाथ रखा हो. मै हल्के हल्के चूचियो को सहलाता रहा मुझे बहुत अच्छा लग रहा था. फ़िर मैने उसके कुर्ते के गले मे से अन्दर हाथ डाला.

उसकी नर्म नर्म चूचिया मेरे हाथो के नीचे थी, मैने उन्हे धीरे धीरे दबाना शुरू किया, वो हल्के से कसमसाइ और फ़िर शान्त हो गयी. मेरी हिम्मत और बड गयी मैने चूचियो को और तेजी से मसलना चालु कर दिया मुझे बहुत मजा आ रहा था. फ़िर मै अपना हाथ नीचे की तरफ़ ले गया और सलबार के ऊपर से ही उसकी चूत पर रख दिया और धीरे धीरे सहलाने लगा उसकी चूत बाला हिस्सा फ़ूला हुआ था. मेरा मन कर रहा था कि अभी उसके सारे कपडे उतार कर उसे चोद दू खैर अब मैने धीरे से उसकी सलबार का नाडा खोल दिया और अपना हाथ अन्दर कर उसकी पैन्टी मै डाल दिया उसकी चूत पर बाल नही थे शायद उगे ही नही थे. अब मैने उसकी चूत और उसके चारो तरफ़ अपना हाथ फ़िराना शुरु किया, फ़िर धीरे से मैने अपनी एक उन्गली उसकी चूत मे घुसा दी मुझे मालुम हुआ कि उसकी चूत पूरी गीली थी, मै समझ गया बहन की लोडी जग रही थी.

मेरा सारा डर खतम हो गया मैने अपनी उन्गली उसकी चूत मे तेजी से अन्दर बाहर करनी शुरु कर दी उसके मुह से हल्की हल्की आवाजे आ रही थी मैने अपना मुह उसके कान के पास किया और बोला सिखा मजा आ रहा है ना ? आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | उसने अपनी आन्खे खोली और बन्द कर ली मै समझ गया कि इसकी चूत को भी लन्ड की ज़रूरत है. अब मैने उसका कुर्ता ऊपर किया और उसकी ब्रा के ऊपर से उसके मम्मो को दबाने लगा. फ़िर मेरे दिमाग मे बिचार आया मैने उसके कपडे नीचे किये और उसके कान के पास मुह ला कर कहा कि मै नीचे जा रहा हु तुम थोडी देर बाद नीचे आ जाना यह कह कर मै छत से उतर कर नीचे चला गया. चुकि सारे लोग ऊपर सो रहे थे इसलिये नीचे कोइ नही था. करीब १५ मिनट बाद सिखा नीचे आ गयी वो ऐसे बहाना कर रही थी जैसे अभी अभी जागी हो. उसने आते ही पूछा चाचा जी क्या बात है क्यो बुलाया है ?

मैने उसे अपने से लिपटाते हुए कहा तुझ से ज़रूरी काम है. फ़िर मै उसे अपने कमरे मे ले गया और दरबाज़ा बन्द कर लिया वो मेरे बेड पर बैठी थी. मैने कमरे की लाइट जला दी मै उसकी नन्गी जवानी को निहारना चाहता था. मैने देखा कि वो कुछ शर्मा रही थी. मैने उसके चेहरे को पकड कर अपने होठ उसके होठो पर रख दिये और उन्हे चूसने लगा और एक हाथ उसके शरीर के उभारो पर फ़िराने लगा. वो चुपचाप थी और कोइ विरोध नही कर रही थी. मैने उससे कहा सीम तुम बहुत सेक्सी हो और मुझे बहुत अच्छी लगती हो. उसने कहा चाचा जी आप क्या कर रहे है मैने कहा जो शादी के बाद एक लड्का और एक लड्की करते है. वो कुछ नही बोली. फ़िर मैने उसे बिस्तर पर लिटाया और उसके कपडे उतारने शुरु किये मैने पहले उसका कुर्ता उतारा उसकी चूचिया ब्रा मे से झाक रही थी. फ़िर मैने सलबार उतारी वो साली अब ब्रा और पेन्टी मे एक सेक्स का बोम्ब लग रही थी.

मैने जल्दी से उसकी ब्रा और पेन्टी भी उतार डाली. अब वो मेरे सामने बिल्कुल नन्गी लेटी हुइ थी उसका गोरा बदन बहुत हसीन लग रहा था, सुन्दर चेहरा छोटी छोटी उठी हुइ चूचिया गोरा पेट चिकना बिना बालो बाला प्युबिक मस्त चूत. मै यह देख कर पागल हो गया मैने उसकी चूचियो को बुरी तरह मसलना और चूसना शुरु किया वो मुह से आवाजे निकालने लगी, मै अपना एक हाथ उसके पेट पर सहलाते हुए उसके प्युबिक पर ले गया और उसे मसलने लगा. फ़िर मै अपना मुह उसकी चूत पर ले गया और उसकी चूत को अपने मुह मे भर कर जोर जोर से चूसने लगा उसकी चूत पूरी तरह गीली थी और पानी छोड रही थी मुझे उसके चूत के नमकीन पानी को पीने मे बहुत आनन्द आ रहा था. बहुत प्यारी खुश्बू उसकी कुवारी बुर से आ रही थी.

अब मै अपने लन्ड को उसके मुह के पास ले गया और उससे कहा सिखा डारलिन्ग इसे चूसो उसने मना किया मैने उसका मुह थोडा सा ज़ोर लगा कर खोला और अपना लन्ड उसके मुह मे घुसेड दिया लेकिन उसने कोइ रेसपोन्स नही मिला मैने कहा मेरी प्यारी भतीजी अपने चाचा के लिये उनका लन्ड भी नही चूस सकती? उसे भी शायद पहली बार इस तरह का मज़ा आया था उसने अपने मुह से लन्ड निकाल कर कहा चाचा जी आइ लव यु और फ़िर मेरा लन्ड मुह मे ले कर बडे मज़े से चूसने लगी. मेरी तो ऐश कट गयी मै जन्नत मे पहुच गया. फ़िर मैने उसकी टान्गे फ़ैलाइ और उसकी गुलाबी और कुवारी चूत की फ़ाको को अपनी उन्गलियो से फ़ैलाया और अपना लन्ड उसके अन्दर करने की कोशिश करने लगा, जैसे ही लन्ड उसकी चूत मे आधा इन्च घुसा उसे तो जैसे करन्ट लग गया वो एक दम उछल पडी वोली चाचा जी मुझे छोड दो और छूटने की कोशिश करने लगी.

मैने उसको कसके दबोच लिया और कहा बहन की लोडी आज तो तेरी चूत फ़ाडनी है चाहे कुछ भी हो जाये. अब मैने उसके मुह पर अपना मुह लगा कर चीखने की गुन्जाइश खत्म कर दी और उसकी टान्गो को जबरदस्ती अपने घुटनो से दबा कर एक ज़ोरदार झटका लगाया लन्ड उसकी चूत को फ़ाडता हुआ पूरा अन्दर घुस गया उसकी चीख मेरे मुह मे घुट कर रह गयी उसकी आन्खो से आसु निकल रहे थे. मैने थोडी देर तक लन्ड को ऐसे ही अन्दर पडा रहने दिया, और १० मिनट बाद लन्ड को उसकी चूत मे धीरे धीरे अन्दर बाहर करना चालु कर दिया. अब शायद वो भी कुछ रिलेक्स फ़ील कर रही थी मैने अपना मुह उसके मुह से हटा कर उससे पुछा अब दर्द कम हो रहा है ना ? वो बोली कम है मैने धीरे धीरे चुदाइ की स्पीड बडा दी, उसे भी मज़ा आने लगा बोली चाचा जी बहुत अच्छा लग रहा है. मैने कहा सिखा चुदाइ मे जो मज़ा हे वो किसी चीज़ मे नही. अब वो मेरे चुदाइ के झटको के साथ अपनी गान्ड भी उठा रही थी. करीब २० मिनट बाद मैने अपना सारा वीर्य उसकी चूत मे छोड दिया. बास्तव मे इस से पहले ना तो मैने किसी जवान लडकी को नन्गा देखा था और चुदाइ की तो केवल कल्पना ही करता था इसलिये मुझे जो आनन्द की प्राप्ती हुइ उसको मै शब्दो मे नही कह सकता. खैर मै उसकी चूत मे अपना लन्ड डाले १५ मिनट तक उसके ऊपर लेटा रहा फ़िर मैने सिखा को कपडे पहनाये और खुद पहने फ़िर उससे पूछा कि सिखा तुम्हे बुरा तो नही लगा वो मुस्कुरा दी और बोली चाचा जी आप बहुत अच्छे है और मुझे एक किस कर के दरबाजा खोल कर भाग गयी. तो दोस्तो कैसी लगी मेरी दास्तान ? मुझे जरुर बताये |

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